1. {प्रभु पर निर्भरता} [PS] हे यहोवा, मैं अपने मन को तेरी ओर [QBR] उठाता हूँ। [QBR]
2. हे मेरे परमेश्वर, मैंने तुझी पर भरोसा रखा है, [QBR] मुझे लज्जित होने न दे; [QBR] मेरे शत्रु मुझ पर जयजयकार करने न पाएँ। [QBR]
3. वरन् जितने तेरी बाट जोहते हैं उनमें से कोई [QBR] लज्जित न होगा; [QBR] परन्तु जो अकारण विश्वासघाती हैं वे ही [QBR] लज्जित होंगे। [QBR]
4. हे यहोवा, अपने मार्ग मुझ को दिखा; [QBR] अपना पथ मुझे बता दे। [QBR]
5. मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, [QBR] क्योंकि तू मेरा उद्धार करनेवाला परमेश्वर है; [QBR] मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूँ। [QBR]
6. हे यहोवा, अपनी दया और करुणा के कामों को स्मरण कर; [QBR] क्योंकि वे तो अनन्तकाल से होते आए हैं। [QBR]
7. हे यहोवा, अपनी भलाई के कारण [QBR] मेरी जवानी के पापों और मेरे अपराधों को स्मरण न कर*; [QBR] अपनी करुणा ही के अनुसार तू मुझे स्मरण कर। [QBR]
8. यहोवा भला और सीधा है; [QBR] इसलिए वह पापियों को अपना मार्ग दिखलाएगा। [QBR]
9. वह नम्र लोगों को न्याय की शिक्षा देगा, [QBR] हाँ, वह नम्र लोगों को अपना मार्ग दिखलाएगा। [QBR]
10. जो यहोवा की वाचा और चितौनियों को मानते हैं, [QBR] उनके लिये उसके सब मार्ग करुणा और सच्चाई हैं। (यूह. 1:17) [QBR]
11. हे यहोवा, अपने नाम के निमित्त [QBR] मेरे अधर्म को जो बहुत हैं क्षमा कर। [QBR]
12. वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? [QBR] प्रभु उसको उसी मार्ग पर जिससे वह [QBR] प्रसन्न होता है चलाएगा। [QBR]
13. वह कुशल से टिका रहेगा, [QBR] और उसका वंश पृथ्वी पर अधिकारी होगा। [QBR]
14. यहोवा के भेद को वही जानते हैं जो उससे डरते हैं, [QBR] और वह अपनी वाचा उन पर प्रगट करेगा। (इफि. 1:9, इफि. 1:18) [QBR]
15. मेरी आँखें सदैव यहोवा पर टकटकी लगाए रहती हैं, [QBR] क्योंकि वही मेरे पाँवों को जाल में से छुड़ाएगा*। (भज. 141:8) [QBR]
16. हे यहोवा, मेरी ओर फिरकर मुझ पर दया कर; [QBR] क्योंकि मैं अकेला और पीड़ित हूँ। [QBR]
17. मेरे हृदय का क्लेश बढ़ गया है, [QBR] तू मुझ को मेरे दुःखों से छुड़ा ले*। [QBR]
18. तू मेरे दुःख और कष्ट पर दृष्टि कर, [QBR] और मेरे सब पापों को क्षमा कर। [QBR]
19. मेरे शत्रुओं को देख कि वे कैसे बढ़ गए हैं, [QBR] और मुझसे बड़ा बैर रखते हैं। [QBR]
20. मेरे प्राण की रक्षा कर, और मुझे छुड़ा; [QBR] मुझे लज्जित न होने दे, [QBR] क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ। [QBR]
21. खराई और सिधाई मुझे सुरक्षित रखे, [QBR] क्योंकि मुझे तेरी ही आशा है। [QBR]
22. हे परमेश्वर इस्राएल को उसके सारे संकटों से छुड़ा ले। [PE]