पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {परमेश्‍वर की आवाज़ } [QS][PS]*दाऊद का भजन *[PE][PBR]हे परमेश्‍वर के पुत्रों, यहोवा का, [QE][QS]हाँ, यहोवा ही का गुणानुवाद करो, [QE][QS]यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को सराहो। [QE]
2. [QS]यहोवा के नाम की महिमा करो; [QE][QS]पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो। [QE]
3. [QS]यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुनाई देती है; [QE][QS]प्रतापी परमेश्‍वर गरजता है, [QE][QS]यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। (अय्यूब 37:4-5) [QE]
4. [QS]यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, [QE][QS]यहोवा की वाणी प्रतापमय है। [QE]
5. [QS]यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; [QE][QS]यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है। [QE]
6. [QS]वह लबानोन को बछड़े के समान [QE][QS]और सिर्योन को सांड के समान उछालता है। [QE]
7. [QS]यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है*। [QE]
8. [QS]यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, [QE][QS]यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है। [QE]
9. [QS]यहोवा की वाणी से हिरनियों का गर्भपात हो जाता है। [QE][QS]और जंगल में पतझड़ होता है; [QE][QS]और उसके मन्दिर में सब कोई [QE][QS]“महिमा ही महिमा” बोलते रहते है। [QE]
10. [QS]जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था; [QE][QS]और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर [QE][QS]विराजमान रहता है। [QE]
11. [QS]यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; [QE][QS]यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा*। [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 29 / 150
1 {परमेश्‍वर की आवाज़ } दाऊद का भजन हे परमेश्‍वर के पुत्रों, यहोवा का, हाँ, यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को सराहो। 2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो। 3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुनाई देती है; प्रतापी परमेश्‍वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है। (अय्यूब 37:4-5) 4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है। 5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है। 6 वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को सांड के समान उछालता है। 7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है*। 8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कँपाता है। 9 यहोवा की वाणी से हिरनियों का गर्भपात हो जाता है। और जंगल में पतझड़ होता है; और उसके मन्दिर में सब कोई “महिमा ही महिमा” बोलते रहते है। 10 जल-प्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है। 11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा*।
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