1. हे धर्मियों, यहोवा के कारण जयजयकार करो। [QBR] क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करना शोभा देता है। [QBR]
2. वीणा बजा-बजाकर यहोवा का धन्यवाद करो, [QBR] दस तारवाली सारंगी बजा-बजाकर [QBR] उसका भजन गाओ। (इफि. 5:19) [QBR]
3. उसके लिये नया गीत गाओ, [QBR] जयजयकार के साथ भली भाँति बजाओ। (प्रका. 14:3) [QBR]
4. क्योंकि यहोवा का वचन सीधा है*; [QBR] और उसका सब काम निष्पक्षता से होता है। [QBR]
5. वह धर्म और न्याय से प्रीति रखता है; [QBR] यहोवा की करुणा से पृथ्वी भरपूर है। [QBR]
6. आकाशमण्डल यहोवा के वचन से, [QBR] और उसके सारे गण उसके मुँह की [QBR] श्वास से बने। (इब्रा. 11:3) [QBR]
7. वह समुद्र का जल ढेर के समान इकट्ठा करता*; [QBR] वह गहरे सागर को अपने भण्डार में रखता है। [QBR]
8. सारी पृथ्वी के लोग यहोवा से डरें, [QBR] जगत के सब निवासी उसका भय मानें! [QBR]
9. क्योंकि जब उसने कहा, तब हो गया; [QBR] जब उसने आज्ञा दी, [QBR] तब वास्तव में वैसा ही हो गया। [QBR]
10. यहोवा जाति-जाति की युक्ति को [QBR] व्यर्थ कर देता है; [QBR] वह देश-देश के लोगों की कल्पनाओं [QBR] को निष्फल करता है। [QBR]
11. यहोवा की योजना सर्वदा स्थिर रहेगी, [QBR] उसके मन की कल्पनाएँ पीढ़ी से पीढ़ी [QBR] तक बनी रहेंगी। [QBR]
12. क्या ही धन्य है वह जाति जिसका परमेश्वर [QBR] यहोवा है, [QBR] और वह समाज जिसे उसने अपना निज भाग [QBR] होने के लिये चुन लिया हो! [QBR]
13. यहोवा स्वर्ग से दृष्टि करता है, [QBR] वह सब मनुष्यों को निहारता है; [QBR]
14. अपने निवास के स्थान से [QBR] वह पृथ्वी के सब रहनेवालों को देखता है, [QBR]
15. वही जो उन सभी के हृदयों को गढ़ता, [QBR] और उनके सब कामों का विचार करता है। [QBR]
16. कोई ऐसा राजा नहीं, जो सेना की [QBR] बहुतायत के कारण बच सके; [QBR] वीर अपनी बड़ी शक्ति के कारण छूट नहीं जाता। [QBR]
17. विजय पाने के लिए घोड़ा व्यर्थ सुरक्षा है, [QBR] वह अपने बड़े बल के द्वारा किसी को [QBR] नहीं बचा सकता है। [QBR]
18. देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर [QBR] और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं, [QBR] बनी रहती है, [QBR]
19. कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, [QBR] और अकाल के समय उनको जीवित रखे*। [QBR]
20. हम यहोवा की बाट जोहते हैं; [QBR] वह हमारा सहायक और हमारी ढाल ठहरा है। [QBR]
21. हमारा हृदय उसके कारण आनन्दित होगा, [QBR] क्योंकि हमने उसके पवित्र नाम का भरोसा रखा है। [QBR]
22. हे यहोवा, जैसी तुझ पर हमारी आशा है, [QBR] वैसी ही तेरी करुणा भी हम पर हो। [PE]