1. हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे;
जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। |
2. हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा?
तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला) |
3. यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है*;
जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा। |
4. काँपते रहो और पाप मत करो;
अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो। (सेला) (इफि. 4:26) |
6. बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?”
हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! |
8. मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा;
क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को निश्चिन्त रहने देता है। PE |