पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; [QBR] जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। [QBR] मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। [QBR]
2. हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा? [QBR] तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला) [QBR]
3. यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है*; [QBR] जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा। [QBR]
4. काँपते रहो और पाप मत करो; [QBR] अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो। (सेला) (इफि. 4:26) [QBR]
5. धर्म के बलिदान चढ़ाओ, [QBR] और यहोवा पर भरोसा रखो। [QBR]
6. बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?” [QBR] हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! [QBR]
7. तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, [QBR] जो उनको अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता है। [QBR]
8. मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा; [QBR] क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को निश्चिन्त रहने देता है। [PE]

Notes

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भजन संहिता 4:77
1 हे मेरे धर्ममय परमेश्‍वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले। 2 हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला) 3 यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है*; जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा। 4 काँपते रहो और पाप मत करो; अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो। (सेला) (इफि. 4:26) 5 धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो। 6 बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?” हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! 7 तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उनको अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता है। 8 मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को निश्चिन्त रहने देता है।
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