पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {#1संकट के समय प्रार्थना }[PBR][QS]हे परमेश्‍वर, मेरा न्याय चुका* [QE][QS]और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; [QE][QS]मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा। [QE]
2. [QS]क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्‍वर है, [QE][QS]तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? [QE][QS]मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का [QE][QS]पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ? [QE]
3. [QS]अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; [QE][QS]वे मेरी अगुआई करें, [QE][QS]वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत* [QE][QS]पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए! [QE]
4. [QS]तब मैं परमेश्‍वर की वेदी के पास जाऊँगा, [QE][QS]उस परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति [QE][QS]आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्‍वर, [QE][QS]हे मेरे परमेश्‍वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा। [QE]
5. [QS]हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? [QE][QS]तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? [QE][QS]परमेश्‍वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक [QE][QS]और मेरा परमेश्‍वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 43 / 150
संकट के समय प्रार्थना 1 हे परमेश्‍वर, मेरा न्याय चुका* और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा। 2 क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्‍वर है, तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ? 3 अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; वे मेरी अगुआई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत* पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए! 4 तब मैं परमेश्‍वर की वेदी के पास जाऊँगा, उस परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्‍वर, हे मेरे परमेश्‍वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा। 5 हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्‍वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्‍वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
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