1. {संकट के समय प्रार्थना} PS हे परमेश्वर, मेरा न्याय चुका*
और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा। |
2. क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्वर है,
तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ? |
3. अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज;
वे मेरी अगुआई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत* पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए! |
4. तब मैं परमेश्वर की वेदी के पास जाऊँगा,
उस परमेश्वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा। |
5. हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है?
तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। PE |