पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {संकट के समय प्रार्थना} [PS] हे परमेश्‍वर, मेरा न्याय चुका* [QBR] और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; [QBR] मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा। [QBR]
2. क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्‍वर है, [QBR] तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? [QBR] मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का [QBR] पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ? [QBR]
3. अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; [QBR] वे मेरी अगुआई करें, [QBR] वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत* [QBR] पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए! [QBR]
4. तब मैं परमेश्‍वर की वेदी के पास जाऊँगा, [QBR] उस परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति [QBR] आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्‍वर, [QBR] हे मेरे परमेश्‍वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा। [QBR]
5. हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? [QBR] तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? [QBR] परमेश्‍वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक [QBR] और मेरा परमेश्‍वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। [PE]

Notes

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भजन संहिता 43:42
1. {संकट के समय प्रार्थना} PS हे परमेश्‍वर, मेरा न्याय चुका*
और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़;
मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा।
2. क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्‍वर है,
तूने क्यों मुझे त्याग दिया है?
मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का
पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ?
3. अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज;
वे मेरी अगुआई करें,
वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत*
पर और तेरे निवास स्थान में पहुँचाए!
4. तब मैं परमेश्‍वर की वेदी के पास जाऊँगा,
उस परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति
आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्‍वर,
हे मेरे परमेश्‍वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा।
5. हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है?
तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है?
परमेश्‍वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक
और मेरा परमेश्‍वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा। PE
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