पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. हमारे परमेश्‍वर के नगर में, और अपने [QBR] पवित्र पर्वत पर [QBR] यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है! (सेला) [QBR]
2. सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी [QBR] पृथ्वी के हर्ष का कारण है, [QBR] राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है। (मत्ती 5:35, यिर्म. 3:19) [QBR]
3. उसके महलों में परमेश्‍वर ऊँचा गढ़ माना [QBR] गया है। [QBR]
4. क्योंकि देखो, राजा लोग इकट्ठे हुए, [QBR] वे एक संग आगे बढ़ गए। [QBR]
5. उन्होंने आप ही देखा और देखते ही विस्मित हुए, [QBR] वे घबराकर भाग गए। [QBR]
6. वहाँ कँपकँपी ने उनको आ पकड़ा, [QBR] और जच्चा की सी पीड़ाएँ उन्हें होने लगीं। [QBR]
7. तू पूर्वी वायु से [QBR] तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है*। [QBR]
8. सेनाओं के यहोवा के नगर में, [QBR] अपने परमेश्‍वर के नगर में, जैसा हमने [QBR] सुना था, वैसा देखा भी है; [QBR] परमेश्‍वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा। [QBR]
9. हे परमेश्‍वर हमने तेरे मन्दिर के भीतर [QBR] तेरी करुणा पर ध्यान किया है। [QBR]
10. हे परमेश्‍वर तेरे नाम के योग्य [QBR] तेरी स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है। [QBR] तेरा दाहिना हाथ धर्म से भरा है; [QBR]
11. तेरे न्याय के कामों के कारण [QBR] सिय्योन पर्वत आनन्द करे, [QBR] और यहूदा के नगर की पुत्रियाँ मगन हों! [QBR]
12. सिय्योन के चारों ओर चलो*, और उसकी [QBR] परिक्रमा करो, [QBR] उसके गुम्मटों को गिन लो, [QBR]
13. उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, उसके [QBR] महलों को ध्यान से देखो; [QBR] जिससे कि तुम आनेवाली पीढ़ी के लोगों से [QBR] इस बात का वर्णन कर सको। [QBR]
14. क्योंकि वह परमेश्‍वर सदा सर्वदा हमारा [QBR] परमेश्‍वर है, [QBR] वह मृत्यु तक हमारी अगुआई करेगा। [PE]

Notes

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भजन संहिता 48:22
1. हमारे परमेश्‍वर के नगर में, और अपने
पवित्र पर्वत पर
यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है! (सेला)
2. सिय्योन पर्वत ऊँचाई में सुन्दर और सारी
पृथ्वी के हर्ष का कारण है,
राजाधिराज का नगर उत्तरी सिरे पर है। (मत्ती 5:35, यिर्म. 3:19)
3. उसके महलों में परमेश्‍वर ऊँचा गढ़ माना
गया है।
4. क्योंकि देखो, राजा लोग इकट्ठे हुए,
वे एक संग आगे बढ़ गए।
5. उन्होंने आप ही देखा और देखते ही विस्मित हुए,
वे घबराकर भाग गए।
6. वहाँ कँपकँपी ने उनको पकड़ा,
और जच्चा की सी पीड़ाएँ उन्हें होने लगीं।
7. तू पूर्वी वायु से
तर्शीश के जहाजों को तोड़ डालता है*।
8. सेनाओं के यहोवा के नगर में,
अपने परमेश्‍वर के नगर में, जैसा हमने
सुना था, वैसा देखा भी है;
परमेश्‍वर उसको सदा दृढ़ और स्थिर रखेगा।
9. हे परमेश्‍वर हमने तेरे मन्दिर के भीतर
तेरी करुणा पर ध्यान किया है।
10. हे परमेश्‍वर तेरे नाम के योग्य
तेरी स्तुति पृथ्वी की छोर तक होती है।
तेरा दाहिना हाथ धर्म से भरा है;
11. तेरे न्याय के कामों के कारण
सिय्योन पर्वत आनन्द करे,
और यहूदा के नगर की पुत्रियाँ मगन हों!
12. सिय्योन के चारों ओर चलो*, और उसकी
परिक्रमा करो,
उसके गुम्मटों को गिन लो,
13. उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, उसके
महलों को ध्यान से देखो;
जिससे कि तुम आनेवाली पीढ़ी के लोगों से
इस बात का वर्णन कर सको।
14. क्योंकि वह परमेश्‍वर सदा सर्वदा हमारा
परमेश्‍वर है,
वह मृत्यु तक हमारी अगुआई करेगा। PE
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