पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {परमेश्‍वर धर्मी न्यायाधीश } [QS][PS]*आसाप का भजन *[PE][PBR]सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर यहोवा ने कहा है, [QE][QS]और उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक पृथ्वी [QE][QS]के लोगों को बुलाया है। [QE]
2. [QS]सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, [QE][QS]परमेश्‍वर ने अपना तेज दिखाया है। [QE]
3. [QS]हमारा परमेश्‍वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, [QE][QS]आग उसके आगे-आगे भस्म करती जाएगी; [QE][QS]और उसके चारों ओर बड़ी आँधी चलेगी। [QE]
4. [QS]वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये [QE][QS]ऊपर के आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा*: [QE]
5. [QS]“मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, [QE][QS]जिन्होंने बलिदान चढ़ाकर मुझसे वाचा बाँधी है!” [QE]
6. [QS]और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा [QE][QS]क्योंकि परमेश्‍वर तो आप ही न्यायी है। (सेला) (भजन 97:6, इब्रा. 12:23) [QE]
7. [QS]“हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूँ, [QE][QS]और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूँ। [QE][QS]परमेश्‍वर तेरा परमेश्‍वर मैं ही हूँ। [QE]
8. [QS]मैं तुझ पर तेरे बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, [QE][QS]तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं। [QE]
9. [QS]मैं न तो तेरे घर से बैल [QE][QS]न तेरे पशुशालाओं से बकरे ले लूँगा। [QE]
10. [QS]क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु [QE][QS]और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं। [QE]
11. [QS]पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूँ, [QE][QS]और मैदान पर चलने-फिरनेवाले जानवर मेरे ही हैं। [QE]
12. [QS]“यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; [QE][QS]क्योंकि जगत और जो कुछ उसमें है वह मेरा है*। (प्रेरि. 17:25, 1 कुरि. 10:26) [QE]
13. [QS]क्या मैं बैल का माँस खाऊँ, [QE][QS]या बकरों का लहू पीऊँ? [QE]
14. [QS]परमेश्‍वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, [QE][QS]और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; (इब्रा. 13:15, सभो. 5:4-5) [QE]
15. [QS]और संकट के दिन मुझे पुकार; [QE][QS]मैं तुझे छुड़ाऊँगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।” [QE]
16. [QS]परन्तु दुष्ट से परमेश्‍वर कहता है: [QE][QS]“तुझे मेरी विधियों का वर्णन करने से क्या काम? [QE][QS]तू मेरी वाचा की चर्चा क्यों करता है? [QE]
17. [QS]तू तो शिक्षा से बैर करता, [QE][QS]और मेरे वचनों को तुच्छ जानता है। [QE]
18. [QS]जब तूने चोर को देखा, तब उसकी संगति से प्रसन्‍न हुआ; [QE][QS]और परस्त्रीगामियों के साथ भागी हुआ।” [QE]
19. [QS]“तूने अपना मुँह बुराई करने के लिये खोला, [QE][QS]और तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है। [QE]
20. [QS]तू बैठा हुआ अपने भाई के विरुद्ध बोलता; [QE][QS]और अपने सगे भाई की चुगली खाता है। [QE]
21. [QS]यह काम तूने किया, और मैं चुप रहा; [QE][QS]इसलिए तूने समझ लिया कि परमेश्‍वर बिल्कुल मेरे समान है। [QE][QS]परन्तु मैं तुझे समझाऊँगा, और तेरी आँखों के [QE][QS]सामने सब कुछ अलग-अलग दिखाऊँगा।” [QE]
22. [QS]“हे परमेश्‍वर को भूलनेवालो* यह बात भली भाँति समझ लो, [QE][QS]कहीं ऐसा न हो कि मैं तुम्हें फाड़ डालूँ, [QE][QS]और कोई छुड़ानेवाला न हो। [QE]
23. [QS]धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; [QE][QS]और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है [QE][QS]उसको मैं परमेश्‍वर का उद्धार दिखाऊँगा!” (इब्रा. 13:15) [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 50 / 150
1 {परमेश्‍वर धर्मी न्यायाधीश } आसाप का भजन सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर यहोवा ने कहा है, और उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक पृथ्वी के लोगों को बुलाया है। 2 सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्‍वर ने अपना तेज दिखाया है। 3 हमारा परमेश्‍वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे-आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आँधी चलेगी। 4 वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये ऊपर के आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा*: 5 “मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, जिन्होंने बलिदान चढ़ाकर मुझसे वाचा बाँधी है!” 6 और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा क्योंकि परमेश्‍वर तो आप ही न्यायी है। (सेला) (भजन 97:6, इब्रा. 12:23) 7 “हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूँ, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूँ। परमेश्‍वर तेरा परमेश्‍वर मैं ही हूँ। 8 मैं तुझ पर तेरे बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं। 9 मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालाओं से बकरे ले लूँगा। 10 क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं। 11 पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूँ, और मैदान पर चलने-फिरनेवाले जानवर मेरे ही हैं। 12 “यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उसमें है वह मेरा है*। (प्रेरि. 17:25, 1 कुरि. 10:26) 13 क्या मैं बैल का माँस खाऊँ, या बकरों का लहू पीऊँ? 14 परमेश्‍वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; (इब्रा. 13:15, सभो. 5:4-5) 15 और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊँगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।” 16 परन्तु दुष्ट से परमेश्‍वर कहता है: “तुझे मेरी विधियों का वर्णन करने से क्या काम? तू मेरी वाचा की चर्चा क्यों करता है? 17 तू तो शिक्षा से बैर करता, और मेरे वचनों को तुच्छ जानता है। 18 जब तूने चोर को देखा, तब उसकी संगति से प्रसन्‍न हुआ; और परस्त्रीगामियों के साथ भागी हुआ।” 19 “तूने अपना मुँह बुराई करने के लिये खोला, और तेरी जीभ छल की बातें गढ़ती है। 20 तू बैठा हुआ अपने भाई के विरुद्ध बोलता; और अपने सगे भाई की चुगली खाता है। 21 यह काम तूने किया, और मैं चुप रहा; इसलिए तूने समझ लिया कि परमेश्‍वर बिल्कुल मेरे समान है। परन्तु मैं तुझे समझाऊँगा, और तेरी आँखों के सामने सब कुछ अलग-अलग दिखाऊँगा।” 22 “हे परमेश्‍वर को भूलनेवालो* यह बात भली भाँति समझ लो, कहीं ऐसा न हो कि मैं तुम्हें फाड़ डालूँ, और कोई छुड़ानेवाला न हो। 23 धन्यवाद के बलिदान का चढ़ानेवाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्‍वर का उद्धार दिखाऊँगा!” (इब्रा. 13:15)
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 50 / 150
×

Alert

×

Hindi Letters Keypad References