पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {दुष्ट का अन्त और धर्मी की शान्ति} [PS] हे वीर, तू बुराई करने पर क्यों घमण्ड करता है? [QBR] परमेश्‍वर की करुणा तो अनन्त है। [QBR]
2. तेरी जीभ केवल दुष्टता गढ़ती है*; [QBR] सान धरे हुए उस्तरे के समान वह छल [QBR] का काम करती है। [QBR]
3. तू भलाई से बढ़कर बुराई में, [QBR] और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है। (सेला) [QBR]
4. हे छली जीभ, [QBR] तू सब विनाश करनेवाली बातों से प्रसन्‍न रहती है। [QBR]
5. निश्चय परमेश्‍वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; [QBR] वह तुझे पकड़कर तेरे डेरे से निकाल देगा; [QBR] और जीवितों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा। (सेला) [QBR]
6. तब धर्मी लोग इस घटना को देखकर डर जाएँगे, [QBR] और यह कहकर उस पर हँसेंगे, [QBR]
7. “देखो, यह वही पुरुष है जिसने परमेश्‍वर को [QBR] अपनी शरण नहीं माना, [QBR] परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, [QBR] और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!” [QBR]
8. परन्तु मैं तो परमेश्‍वर के भवन में हरे जैतून के [QBR] वृक्ष के समान हूँ*। [QBR] मैंने परमेश्‍वर की करुणा पर सदा सर्वदा के [QBR] लिये भरोसा रखा है। [QBR]
9. मैं तेरा धन्यवाद सर्वदा करता रहूँगा, क्योंकि [QBR] तू ही ने यह काम किया है। [QBR] मैं तेरे नाम पर आशा रखता हूँ, क्योंकि [QBR] यह तेरे पवित्र भक्तों के सामने उत्तम है। [PE]

Notes

No Verse Added

Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 52 / 150
भजन संहिता 52:43
दुष्ट का अन्त और धर्मी की शान्ति 1 हे वीर, तू बुराई करने पर क्यों घमण्ड करता है? परमेश्‍वर की करुणा तो अनन्त है। 2 तेरी जीभ केवल दुष्टता गढ़ती है*; सान धरे हुए उस्तरे के समान वह छल का काम करती है। 3 तू भलाई से बढ़कर बुराई में, और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है। (सेला) 4 हे छली जीभ, तू सब विनाश करनेवाली बातों से प्रसन्‍न रहती है। 5 निश्चय परमेश्‍वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे पकड़कर तेरे डेरे से निकाल देगा; और जीवितों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा। (सेला) 6 तब धर्मी लोग इस घटना को देखकर डर जाएँगे, और यह कहकर उस पर हँसेंगे, 7 “देखो, यह वही पुरुष है जिसने परमेश्‍वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!” 8 परन्तु मैं तो परमेश्‍वर के भवन में हरे जैतून के वृक्ष के समान हूँ*। मैंने परमेश्‍वर की करुणा पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा रखा है। 9 मैं तेरा धन्यवाद सर्वदा करता रहूँगा, क्योंकि तू ही ने यह काम किया है। मैं तेरे नाम पर आशा रखता हूँ, क्योंकि यह तेरे पवित्र भक्तों के सामने उत्तम है।
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 52 / 150
Common Bible Languages
West Indian Languages
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References