1. {मनुष्य की मूर्खता और दुष्टता} PS मूर्ख ने अपने मन में कहा, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।”
वे बिगड़ गए, उन्होंने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं। |
2. परमेश्वर ने स्वर्ग पर से मनुष्यों के ऊपर दृष्टि की
ताकि देखे कि कोई बुद्धि से चलनेवाला या परमेश्वर को खोजनेवाला है कि नहीं। |
4. क्या उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं,
जो मेरे लोगों को रोटी के समान खाते है पर परमेश्वर का नाम नहीं लेते है? |
5. वहाँ उन पर भय छा गया जहाँ भय का कोई कारण न था।
क्योंकि यहोवा ने उनकी हड्डियों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर-बितर कर दिया; तूने तो उन्हें लज्जित कर दिया* इसलिए कि परमेश्वर ने उनको त्याग दिया है। |
6. भला होता कि इस्राएल का पूरा उद्धार सिय्योन से निकलता!
जब परमेश्वर अपनी प्रजा को बन्धुवाई से लौटा ले आएगा। तब याकूब मगन और इस्राएल आनन्दित होगा। PE |