1. {#1उत्पीड़कों से राहत के लिये प्रार्थना } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये योनतेलेखद्दोकीम में दाऊद का मिक्ताम जब पलिश्तियों ने उसको गत नगर में पकड़ा था *[PE][PBR]हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं; [QE][QS]वे दिन भर लड़कर मुझे सताते हैं। [QE]
2. [QS]मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, [QE][QS]क्योंकि जो लोग अभिमान करके मुझसे लड़ते हैं वे बहुत हैं। [QE]
3. [QS]जिस समय मुझे डर लगेगा, [QE][QS]मैं तुझ पर भरोसा रखूँगा। [QE]
4. [QS]परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा, [QE][QS]परमेश्वर पर मैंने भरोसा रखा है, मैं नहीं डरूँगा। [QE][QS]कोई प्राणी मेरा क्या कर सकता है? [QE]
5. [QS]वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा-लगाकर मरोड़ते रहते हैं; [QE][QS]उनकी सारी कल्पनाएँ मेरी ही बुराई करने की होती है*। [QE]
6. [QS]वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; [QE][QS]वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं [QE][QS]मानो वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठे हों। [QE]
7. [QS]क्या वे बुराई करके भी बच जाएँगे? [QE][QS]हे परमेश्वर, अपने क्रोध से देश-देश के लोगों को गिरा दे! [QE]
8. [QS]तू मेरे मारे-मारे फिरने का हिसाब रखता है; [QE][QS]तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! [QE][QS]क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है*? [QE]
9. [QS]तब जिस समय मैं पुकारूँगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। [QE][QS]यह मैं जानता हूँ, कि परमेश्वर मेरी ओर है। [QE]
10. [QS]परमेश्वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा, [QE][QS]यहोवा की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा। [QE]
11. [QS]मैंने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूँगा। [QE][QS]मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? [QE]
12. [QS]हे परमेश्वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है; [QE][QS]मैं तुझको धन्यवाद-बलि चढ़ाऊँगा। [QE]
13. [QS]क्योंकि तूने मुझ को मृत्यु से बचाया है; [QE][QS]तूने मेरे पैरों को भी फिसलने से बचाया है, [QE][QS]ताकि मैं परमेश्वर के सामने जीवितों के उजियाले में चलूँ फिरूँ*। [QE]