1. {शत्रुओं से सुरक्षा के लिये प्रार्थना} [PS] हे परमेश्वर, मुझ पर दया कर, मुझ पर दया कर, [QBR] क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूँ; [QBR] और जब तक ये विपत्तियाँ निकल न जाएँ, [QBR] तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूँगा। [QBR]
2. मैं परमप्रधान परमेश्वर को पुकारूँगा, [QBR] परमेश्वर को जो मेरे लिये सब कुछ सिद्ध करता है। [QBR]
3. परमेश्वर स्वर्ग से भेजकर मुझे बचा लेगा, [QBR] जब मेरा निगलनेवाला निन्दा कर रहा हो। (सेला) [QBR] परमेश्वर अपनी करुणा और सच्चाई प्रगट करेगा। [QBR]
4. मेरा प्राण सिंहों के बीच में है*, [QBR] मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, [QBR] अर्थात् ऐसे मनुष्यों के बीच में जिनके दाँत बर्छी और तीर हैं, [QBR] और जिनकी जीभ तेज तलवार है। [QBR]
5. हे परमेश्वर तू स्वर्ग के ऊपर अति महान और तेजोमय है, [QBR] तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए! [QBR]
6. उन्होंने मेरे पैरों के लिये जाल बिछाया है; [QBR] मेरा प्राण ढला जाता है। [QBR] उन्होंने मेरे आगे गड्ढा खोदा, [QBR] परन्तु आप ही उसमें गिर पड़े। (सेला) [QBR]
7. हे परमेश्वर, मेरा मन स्थिर है, मेरा मन स्थिर है; [QBR] मैं गाऊँगा वरन् भजन कीर्तन करूँगा। [QBR]
8. हे मेरे मन जाग जा! हे सारंगी और वीणा जाग जाओ; [QBR] मैं भी पौ फटते ही जाग उठूँगा*। [QBR]
9. हे प्रभु, मैं देश-देश के लोगों के बीच तेरा धन्यवाद करूँगा; [QBR] मैं राज्य-राज्य के लोगों के बीच में तेरा भजन गाऊँगा। [QBR]
10. क्योंकि तेरी करुणा स्वर्ग तक बड़ी है, [QBR] और तेरी सच्चाई आकाशमण्डल तक पहुँचती है। [QBR]
11. हे परमेश्वर, तू स्वर्ग के ऊपर अति महान है! [QBR] तेरी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर फैल जाए! [PE]