पवित्र बाइबिल

इंडियन रिवाइज्ड वर्शन (ISV)
भजन संहिता
1. {परमेश्‍वर के उद्धार के लिये प्रतिक्षा } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर *[PE][PBR]सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्‍वर की ओर मन लगाए हूँ [QE][QS]मेरा उद्धार उसी से होता है। [QE]
2. [QS]सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, [QE][QS]वह मेरा गढ़ है मैं अधिक न डिगूँगा। [QE]
3. [QS]तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे, [QE][QS]कि सब मिलकर उसका घात करो? [QE][QS]वह तो झुकी हुई दीवार या गिरते हुए बाड़े के समान है। [QE]
4. [QS]सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; [QE][QS]वे झूठ से प्रसन्‍न रहते हैं। [QE][QS]मुँह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं। (सेला) [QE]
5. [QS]हे मेरे मन, परमेश्‍वर के सामने चुपचाप रह, [QE][QS]क्योंकि मेरी आशा उसी से है। [QE]
6. [QS]सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, [QE][QS]वह मेरा गढ़ है; इसलिए मैं न डिगूँगा। [QE]
7. [QS]मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्‍वर है; [QE][QS]मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्‍वर है। [QE]
8. [QS]हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो; [QE][QS]उससे अपने-अपने मन की बातें खोलकर कहो*; [QE][QS]परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान है। (सेला) [QE]
9. [QS]सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; [QE][QS]तौल में वे हलके निकलते हैं; [QE][QS]वे सब के सब साँस से भी हलके हैं। [QE]
10. [QS]अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो, [QE][QS]और लूट पाट करने पर मत फूलो; [QE][QS]चाहे धन सम्पत्ति बढ़े, तो भी उस पर मन न लगाना। (मत्ती 19:21-22, 1 तीमु. 6:17) [QE]
11. [QS]परमेश्‍वर ने एक बार कहा है; [QE][QS]और दो बार मैंने यह सुना है: [QE][QS]कि सामर्थ्य परमेश्‍वर का है* [QE]
12. [QS]और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है। [QE][QS]क्योंकि तू एक-एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है। (दानि. 9:9, मत्ती 16:27, रोम. 2:6, प्रका. 22:12) [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 62 / 150
1 {परमेश्‍वर के उद्धार के लिये प्रतिक्षा } प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन। यदूतून की राग पर सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्‍वर की ओर मन लगाए हूँ मेरा उद्धार उसी से होता है। 2 सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है मैं अधिक न डिगूँगा। 3 तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिलकर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई दीवार या गिरते हुए बाड़े के समान है। 4 सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्‍न रहते हैं। मुँह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं। (सेला) 5 हे मेरे मन, परमेश्‍वर के सामने चुपचाप रह, क्योंकि मेरी आशा उसी से है। 6 सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है, वह मेरा गढ़ है; इसलिए मैं न डिगूँगा। 7 मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्‍वर है; मेरी दृढ़ चट्टान, और मेरा शरणस्थान परमेश्‍वर है। 8 हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो; उससे अपने-अपने मन की बातें खोलकर कहो*; परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान है। (सेला) 9 सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं; तौल में वे हलके निकलते हैं; वे सब के सब साँस से भी हलके हैं। 10 अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पत्ति बढ़े, तो भी उस पर मन न लगाना। (मत्ती 19:21-22, 1 तीमु. 6:17) 11 परमेश्‍वर ने एक बार कहा है; और दो बार मैंने यह सुना है: कि सामर्थ्य परमेश्‍वर का है* 12 और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है। क्योंकि तू एक-एक जन को उसके काम के अनुसार फल देता है। (दानि. 9:9, मत्ती 16:27, रोम. 2:6, प्रका. 22:12)
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