पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
भजन संहिता
1. {प्यासा मन परमेश्‍वर में तृप्त } [QS][PS]*दाऊद का भजन; जब वह यहूदा के जंगल में था। *[PE][PBR]हे परमेश्‍वर, तू मेरा परमेश्‍वर है, [QE][QS]मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूगा; [QE][QS]सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर*, [QE][QS]मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। [QE]
2. [QS]इस प्रकार से मैंने पवित्रस्‍थान में तुझ पर दृष्टि की, [QE][QS]कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूँ। [QE]
3. [QS]क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है, [QE][QS]मैं तेरी प्रशंसा करूँगा। [QE]
4. [QS]इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा; [QE][QS]और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा। [QE]
5. [QS]मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, [QE][QS]और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा। [QE]
6. [QS]जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा, [QE][QS]तब रात के एक-एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा; [QE]
7. [QS]क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, [QE][QS]इसलिए मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूँगा*। [QE]
8. [QS]मेरा मन तेरे पीछे-पीछे लगा चलता है; [QE][QS]और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है। [QE]
9. [QS]परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, [QE][QS]वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे; [QE]
10. [QS]वे तलवार से मारे जाएँगे, [QE][QS]और गीदड़ों का आहार हो जाएँगे। [QE]
11. [QS]परन्तु राजा परमेश्‍वर के कारण आनन्दित होगा; [QE][QS]जो कोई परमेश्‍वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; [QE][QS]परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा। [QE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 63 / 150
1 {प्यासा मन परमेश्‍वर में तृप्त } *दाऊद का भजन; जब वह यहूदा के जंगल में था। *हे परमेश्‍वर, तू मेरा परमेश्‍वर है, मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर*, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। 2 इस प्रकार से मैंने पवित्रस्‍थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूँ। 3 क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है, मैं तेरी प्रशंसा करूँगा। 4 इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा। 5 मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा। 6 जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा, तब रात के एक-एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा; 7 क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, इसलिए मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूँगा*। 8 मेरा मन तेरे पीछे-पीछे लगा चलता है; और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है। 9 परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे; 10 वे तलवार से मारे जाएँगे, और गीदड़ों का आहार हो जाएँगे। 11 परन्तु राजा परमेश्‍वर के कारण आनन्दित होगा; जो कोई परमेश्‍वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा।
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