1. हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है, [QBR] मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूगा; [QBR] सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर*, [QBR] मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। [QBR]
2. इस प्रकार से मैंने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्टि की, [QBR] कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूँ। [QBR]
3. क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है, [QBR] मैं तेरी प्रशंसा करूँगा। [QBR]
4. इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा; [QBR] और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा। [QBR]
5. मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्त होगा, [QBR] और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा। [QBR]
6. जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा, [QBR] तब रात के एक-एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा; [QBR]
7. क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, [QBR] इसलिए मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूँगा*। [QBR]
8. मेरा मन तेरे पीछे-पीछे लगा चलता है; [QBR] और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है। [QBR]
9. परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, [QBR] वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे; [QBR]
10. वे तलवार से मारे जाएँगे, [QBR] और गीदड़ों का आहार हो जाएँगे। [QBR]
11. परन्तु राजा परमेश्वर के कारण आनन्दित होगा; [QBR] जो कोई परमेश्वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; [QBR] परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा। [PE]