1. {#1इस्राएल का विजयगान } [QS][PS]*प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत *[PE][PBR]परमेश्वर उठे, उसके शत्रु तितर-बितर हों; [QE][QS]और उसके बैरी उसके सामने से भाग जाएँ! [QE]
2. [QS]जैसे धुआँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; [QE][QS]जैसे मोम आग की आँच से पिघल जाता है, [QE][QS]वैसे ही दुष्ट लोग परमेश्वर की उपस्थिति से नाश हों। [QE]
3. [QS]परन्तु धर्मी आनन्दित हों; वे परमेश्वर के सामने प्रफुल्लित हों; [QE][QS]वे आनन्द में मगन हों! [QE]
4. [QS]परमेश्वर का गीत गाओ, उसके नाम का भजन गाओ; [QE][QS]जो निर्जल देशों में सवार होकर चलता है, [QE][QS]उसके लिये सड़क बनाओ; [QE][QS]उसका नाम यहोवा है, इसलिए तुम उसके सामने प्रफुल्लित हो! [QE]
5. [QS]परमेश्वर अपने पवित्र धाम में, [QE][QS]अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है*। [QE]
6. [QS]परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है; [QE][QS]और बन्दियों को छुड़ाकर सम्पन्न करता है; [QE][QS]परन्तु विद्रोहियों को सूखी भूमि पर रहना पड़ता है। [QE]
7. [QS]हे परमेश्वर, जब तू अपनी प्रजा के आगे-आगे चलता था, [QE][QS]जब तू निर्जल भूमि में सेना समेत चला, (सेला) [QE]
8. [QS]तब पृथ्वी काँप उठी, [QE][QS]और आकाश भी परमेश्वर के सामने टपकने लगा, [QE][QS]उधर सीनै पर्वत परमेश्वर, हाँ इस्राएल के परमेश्वर के सामने काँप उठा। (इब्रा. 12:26, न्या 5:4-5) [QE]
9. [QS]हे परमेश्वर, तूने बहुतायत की वर्षा की; [QE][QS]तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तु तूने उसको हरा-भरा किया है; [QE]
10. [QS]तेरा झुण्ड उसमें बसने लगा; [QE][QS]हे परमेश्वर तूने अपनी भलाई से दीन जन के लिये तैयारी की है। [QE]
11. [QS]प्रभु आज्ञा देता है, [QE][QS]तब शुभ समाचार सुनानेवालियों की बड़ी सेना हो जाती है। [QE]
12. [QS]अपनी-अपनी सेना समेत राजा भागे चले जाते हैं, [QE][QS]और गृहस्थिन लूट को बाँट लेती है। [QE]
13. [QS]क्या तुम भेड़शालों के बीच लेट जाओगे? [QE][QS]और ऐसी कबूतरी के समान होंगे जिसके पंख चाँदी से [QE][QS]और जिसके पर पीले सोने से मढ़े हुए हों? [QE]
14. [QS]जब सर्वशक्तिमान ने उसमें राजाओं को तितर-बितर किया, [QE][QS]तब मानो सल्मोन पर्वत पर हिम पड़ा। [QE]
15. [QS]बाशान का पहाड़ परमेश्वर का पहाड़ है; [QE][QS]बाशान का पहाड़ बहुत शिखरवाला पहाड़ है। [QE]
16. [QS]परन्तु हे शिखरवाले पहाड़ों, तुम क्यों उस पर्वत को घूरते हो, [QE][QS]जिसे परमेश्वर ने अपने वास के लिये चाहा है, [QE][QS]और जहाँ यहोवा सदा वास किए रहेगा? [QE]
17. [QS]परमेश्वर के रथ बीस हजार, वरन् हजारों हजार हैं; [QE][QS]प्रभु उनके बीच में है, [QE][QS]जैसे वह सीनै पवित्रस्थान में है। [QE]
18. [QS]तू ऊँचे पर चढ़ा, तू लोगों को बँधुवाई में ले गया; [QE][QS]तूने मनुष्यों से, वरन् हठीले मनुष्यों से भी भेंटें लीं, [QE][QS]जिससे यहोवा परमेश्वर उनमें वास करे। (इफि. 4:8) [QE]
19. [QS]धन्य है प्रभु, जो प्रतिदिन हमारा बोझ उठाता है; [QE][QS]वही हमारा उद्धारकर्ता परमेश्वर है। (सेला) [QE]
20. [QS]वही हमारे लिये बचानेवाला परमेश्वर ठहरा; [QE][QS]यहोवा प्रभु मृत्यु से भी बचाता है*। [QE]
21. [QS]निश्चय परमेश्वर अपने शत्रुओं के सिर पर, [QE][QS]और जो अधर्म के मार्ग पर चलता रहता है, [QE][QS]उसका बाल भरी खोपड़ी पर मार-मार के उसे चूर करेगा। [QE]
22. [QS]प्रभु ने कहा है, “मैं उन्हें बाशान से निकाल लाऊँगा, [QE][QS]मैं उनको गहरे सागर के तल से भी फेर ले आऊँगा, [QE]
23. [QS]कि तू अपने पाँव को लहू में डुबोए, [QE][QS]और तेरे शत्रु तेरे कुत्तों का भाग ठहरें।” [QE]
24. [QS]हे परमेश्वर तेरी शोभा-यात्राएँ देखी गई, [QE][QS]मेरे परमेश्वर और राजा की शोभा यात्रा पवित्र स्थान में जाते हुए देखी गई। [QE]
25. [QS]गानेवाले आगे-आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे-पीछे गए, [QE][QS]चारों ओर कुमारियाँ डफ बजाती थीं। [QE]
26. [QS]सभाओं में परमेश्वर का, [QE][QS]हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, [QE][QS]प्रभु का धन्यवाद करो। [QE]
27. [QS]पहला बिन्यामीन जो सब से छोटा गोत्र है, [QE][QS]फिर यहूदा के हाकिम और उनकी सभा [QE][QS]और जबूलून और नप्ताली के हाकिम हैं। [QE]
28. [QS]तेरे परमेश्वर ने तेरी सामर्थ्य को बनाया है, [QE][QS]हे परमेश्वर, अपनी सामर्थ्य को हम पर प्रकट कर, जैसा तूने पहले प्रकट किया है। [QE]
29. [QS]तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, [QE][QS]राजा तेरे लिये भेंट ले आएँगे। [QE]
30. [QS]नरकटों में रहनेवाले जंगली पशुओं को, [QE][QS]सांडों के झुण्ड को और देश-देश के बछड़ों को झिड़क दे। [QE][QS]वे चाँदी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; [QE][QS]जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उनको उसने तितर-बितर किया है। [QE]
31. [QS]मिस्र से अधिकारी आएँगे; [QE][QS]कूशी अपने हाथों को परमेश्वर की ओर फुर्ती से फैलाएँगे। [QE]
32. [QS]हे पृथ्वी पर के राज्य-राज्य के लोगों परमेश्वर का गीत गाओ; [QE][QS]प्रभु का भजन गाओ, (सेला) [QE]
33. [QS]जो सबसे ऊँचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; [QE][QS]देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है। [QE]
34. [QS]परमेश्वर की सामर्थ्य की स्तुति करो*, [QE][QS]उसका प्रताप इस्राएल पर छाया हुआ है, [QE][QS]और उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है। [QE]
35. [QS]हे परमेश्वर, तू अपने पवित्रस्थानों में भययोग्य है, [QE][QS]इस्राएल का परमेश्वर ही अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देनेवाला है। [QE][QS]परमेश्वर धन्य है। [QE]