1. {परमेश्वर की महिमा और मनुष्य का गौरव } [QS][PS]*प्रधान बजानेवालों के लिये गित्तीत की राग पर दाऊद का भजन *[PE][PBR]हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! [QE][QS]तूने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है। [QE]
2. [QS]तूने अपने बैरियों के कारण बच्चों और शिशुओं के द्वारा अपनी प्रशंसा की है, [QE][QS]ताकि तू शत्रु और पलटा लेनेवालों को रोक रखे। (मत्ती 21:16) [QE]
3. [QS]जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, [QE][QS]और चंद्रमा और तरागण को जो तूने नियुक्त किए हैं, देखता हूँ; [QE]
4. [QS]तो फिर मनुष्य क्या है* कि तू उसका स्मरण रखे, [QE][QS]और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले? [QE]
5. [QS]क्योंकि तूने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, [QE][QS]और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है। [QE]
6. [QS]तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; [QE][QS]तूने उसके पाँव तले सब कुछ कर दिया है*। (1 कुरि. 15:27, इफि. 1:22, इब्रा. 2:6-8, प्रेरि. 17:31) [QE]
7. [QS]सब भेड़-बकरी और गाय-बैल [QE][QS]और जितने वन पशु हैं, [QE]
8. [QS]आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियाँ, [QE][QS]और जितने जीव-जन्तु समुद्रों में चलते-फिरते हैं। [QE]
9. [QS]हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, [QE][QS]तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है। [QE]