1. {सच्चे न्याय के लिए दलील} [PS] परमेश्वर दिव्य सभा में खड़ा है: [QBR] वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है। [QBR]
2. “तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते [QBR] और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे*? (सेला) [QBR]
3. कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, [QBR] दीन-दरिद्र का विचार धर्म से करो। [QBR]
4. कंगाल और निर्धन को बचा लो; [QBR] दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ।” [QBR]
5. वे न तो कुछ समझते और न कुछ जानते हैं, [QBR] परन्तु अंधेरे में चलते-फिरते रहते हैं*; [QBR] पृथ्वी की पूरी नींव हिल जाती है। [QBR]
6. मैंने कहा था “तुम ईश्वर हो, [QBR] और सब के सब परमप्रधान के पुत्र हो; (यूह. 10:34) [QBR]
7. तो भी तुम मनुष्यों के समान मरोगे, [QBR] और किसी प्रधान के समान गिर जाओगे।” [QBR]
8. हे परमेश्वर उठ, पृथ्वी का न्याय कर; [QBR] क्योंकि तू ही सब जातियों को अपने भाग में लेगा! [PE]