1. {स्तुतिगान} [PS] आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्वर से गाएँ, [QBR] अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें! [QBR]
2. हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ, [QBR] और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें। [QBR]
3. क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है, [QBR] और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है। [QBR]
4. पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं; [QBR] और पहाड़ों की चोटियाँ भी उसी की हैं। [QBR]
5. समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, [QBR] और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है। [QBR]
6. आओ हम झुककर दण्डवत् करें, [QBR] और अपने कर्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें! [QBR]
7. क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, [QBR] और हम उसकी चराई की प्रजा, [QBR] और उसके हाथ की भेड़ें हैं। [QBR] भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते! (निर्ग. 17:7) [QBR]
8. अपना-अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में, [QBR] व मस्सा के दिन जंगल में हुआ था, [QBR]
9. जब तुम्हारे पुरखाओं ने मुझे परखा*, [QBR] उन्होंने मुझ को जाँचा और मेरे काम को भी देखा। [QBR]
10. चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा, [QBR] और मैंने कहा, “ये तो भरमनेवाले मन के हैं, [QBR] और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहचाना।” [QBR]
11. इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खाई कि [QBR] ये मेरे विश्रामस्थान में कभी प्रवेश न करने पाएँगे*। (इब्रा 3:7-19) [PE]