1. भला होता कि तू मेरे भाई के समान होता,
जिस ने मेरी माता की छातियों से दूध पिया! तब मैं तुझे बाहर पाकर तेरा चुम्बन लेती, और कोई मेरी निन्दा न करता। |
2. मैं तुझको अपनी माता के घर ले चलती,
और वह मुझ को सिखाती, और मैं तुझे मसाला मिला हुआ दाखमधु, और अपने अनारों का रस पिलाती। |
4. हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम को शपथ धराती हूँ,
कि तुम मेरे प्रेमी को न जगाना जब तक वह स्वयं न उठना चाहे। |
5. यह कौन है जो अपने प्रेमी पर टेक लगाए हुए
जंगल से चली आती है? सेब के पेड़ के नीचे मैंने तुझे जगाया। वहाँ तेरी माता ने तुझे जन्म दिया* वहाँ तेरी माता को पीड़ाएँ उठी। |
6. मुझे नगीने के समान अपने हृदय पर लगा रख,
और ताबीज़ की समान अपनी बाँह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन् परमेश्वर ही की ज्वाला है। (यशा. 49:16) |
7. पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता,
और न महानदों से डूब सकता है। यदि कोई अपने घर की सारी सम्पत्ति प्रेम के बदले दे दे तो भी वह अत्यन्त तुच्छ ठहरेगी। |
8. हमारी एक छोटी बहन है,
जिसकी छातियाँ अभी नहीं उभरीं। जिस दिन हमारी बहन के ब्याह की बात लगे, उस दिन हम उसके लिये क्या करें? |
9. यदि वह शहरपनाह होती
तो हम उस पर चाँदी का कंगूरा बनाते; और यदि वह फाटक का किवाड़ होती, तो हम उस पर देवदार की लकड़ी के पटरे लगाते। |
10. मैं शहरपनाह थी और मेरी छातियाँ उसके गुम्मट;
तब मैं अपने प्रेमी की दृष्टि में शान्ति लानेवाले के समान थी। (भज. 45:11) |
11. बाल्हामोन में सुलैमान की एक दाख की बारी थी;
उसने वह दाख की बारी रखवालों को सौंप दी; हर एक रखवाले को उसके फलों के लिये चाँदी के हजार-हजार टुकड़े देने थे। (मत्ती 21:33) |
14. हे मेरे प्रेमी, शीघ्रता कर,
और सुगन्ध-द्रव्यों के पहाड़ों पर चिकारे या जवान हिरन के समान बन जा। PE |