1. {#1बेचैनी वाली रात } [QS]रात के समय मैं अपने पलंग पर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ती रही; [QE][QS]मैं उसे [QE][QS]ढूँढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया; (यशा. 3:1) [QE]
2. [QS]“मैंने कहा, मैं अब उठकर नगर में, [QE][QS]और सड़कों और चौकों में घूमकर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ूगी।” [QE][QS]मैं उसे ढूँढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया। [QE]
3. [QS]जो पहरूए नगर* में घूमते थे, वे मुझे मिले, [QE][QS]मैंने उनसे पूछा, “क्या तुम ने मेरे प्राणप्रिय को देखा है?” [QE]
4. [QS]मुझ को उनके पास से आगे बढ़े थोड़े ही देर हुई थी [QE][QS]कि मेरा प्राणप्रिय मुझे मिल गया। [QE][QS]मैंने उसको पकड़ लिया, और उसको जाने न दिया [QE][QS]जब तक उसे अपनी माता के घर अर्थात् अपनी जननी की कोठरी में न ले आई। [QE]
5. [QS]हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम से चिकारियों [QE][QS]और मैदान की हिरनियों की शपथ धराकर कहती हूँ, [QE][QS]कि जब तक प्रेम आप से न उठे, [QE][QS]तब तक उसको न उकसाओं और न जगाओ। [QE]
6. {#1सुलैमान का आगमन } [PS]यह क्या है जो धुएँ के खम्भे के समान, [PE][QS]गन्धरस और लोबान से सुगन्धित, [QE][QS]और व्यापारी की सब भाँति की बुकनी लगाए हुए [QE][QS]जंगल से निकला आता है? [QE]
7. [QS]देखो, यह सुलैमान की पालकी है! [QE][QS]उसके चारों ओर इस्राएल के शूरवीरों में के साठ वीर चल रहे हैं। [QE]
8. [QS]वे सब के सब तलवार बाँधनेवाले और युद्ध विद्या में निपुण हैं। [QE][QS]प्रत्येक पुरुष रात के डर से जाँघ पर तलवार लटकाए रहता है। [QE]
9. [QS]सुलैमान राजा ने अपने लिये लबानोन के काठ की एक बड़ी पालकी बनवा ली। [QE]
10. [QS]उसने उसके खम्भे चाँदी के, [QE][QS]उसका सिरहाना सोने का, और गद्दी बैंगनी रंग की बनवाई है; [QE][QS]और उसके भीतरी भाग को [QE][QS]यरूशलेम की पुत्रियों की ओर से बड़े [QE][QS]प्रेम से जड़ा गया है। [QE]
11. [QS]हे सिय्योन की पुत्रियों निकलकर सुलैमान राजा पर दृष्टि डालो, [QE][QS]देखो, वह वही मुकुट पहने हुए है [QE][QS]जिसे उसकी माता ने उसके विवाह के [QE][QS]दिन और उसके मन के आनन्द के दिन, उसके सिर पर रखा था। [QE]