1. उन दिनों में हिजकिरयाह ऐसा रोगी हुआ कि वह मरने पर था। और आमोस के पुत्रा यशायाह नबी ने उसके पास जाकर कहा, यहोवा यों कहता है, अपने घराने के विषय जो आज्ञा देनी हो वह दे, क्योंकि तू न बचेगा मर ही जाएगा।
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3. हे यहोवा, मैं बिनती करता हूं, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और खरे मन से अपने को तेरे सम्मुख जानकर चलता आया हूं और जो तेरी दृष्टि में उचित था वही करता आया हूं। और हिजकिरयाह बिलक बिलककर रोने लगा।
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5. जाकर हिजकिरयाह से कह कि तेरे मूलपुरूष दाऊद का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; सुन, मैं तेरी आयु पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूंगा।
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8. और यहोवा की ओर से इस बात का तेरे लिये यह चिन्ह होगा कि धूप की छाया जो आहाज की धूपघड़ी में ढल गई है, मैं दस अंश पीछे की ओर लौटा दूंगा। सो वह छाया जो दस अंश ढल चुकी थी लौट गई।।
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10. मैं ने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूंगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है।
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11. मैं ने कहा, मैं याह को जीवितों की भूमि में फिर न देखने पाऊंगा; इस लोक के निवासियों को मैं फिर न देखूंगा।
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12. मेरा घर चरवाहे के तम्बू की नाई उठा लिया गया है; मैं ने जोलाहे की नाईं अपने जीवन को लपेट दिया है; वह मुझे तांत से काट लेगा; एक ही दिन में तू मेरा अन्त कर डालेगा।
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13. मैं भोर तक अपने मन को शान्त करता रहा; वह सिंह की नाईं मेरी सब हडि्डयों को तोड़ता है; एक ही दिन में तू मेरा अन्त कर डालता है।
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14. मैं सूपाबेने वा सारस की नाई च्यूं च्यूं करता, मैं पिण्डुक की नाई विलाप करता हूं। मेरी आंखें ऊपर देखते देखते पत्थरा गई हैं। हे यहोवा, मुझ पर अन्धेर हो रहा है; तू मेरा सहारा हो!
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15. मैं क्या कहूं? उसी ने मुझ से प्रतिज्ञा की और पूरा भी किया है। मैं जीवन भर कडुआहट के साथ धीरे धीरे चलता रहूंगा।।
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16. हे प्रभु, इन्हीं बातों से लोग जीवित हैं, और इन सभों से मेरी आत्मा को जीवन मिलता है। तू मुझे चंगा कर और मुझे जीवित रख!
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17. देख, शान्ति ही के लिये मुझे बड़ी कडुआहट मिली; परन्तु तू ने स्नेह करके मुझे विनाश के गड़हे से निकाला है, क्योंकि मेरे सब पापों को तू ने अपनी पीठ के पीछे फेंक दिया है।
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18. क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कबर में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते
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19. जीवित, हो जीवित ही तेरा धन्यवाद करता है, जैसा मैं आज कर रहा हूं; पिता तेरी सच्चाई का समाचार पुत्रों को देता है।।
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20. यहोवा मेरा उद्धार करेगा, इसलिये हम जीवन भर यहोवा के भवन में तारवाले बाजों पर अपने रचे हुए गीत गातें रहेंगे।।
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