पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यहोशू
1. जो जो भाग इस्राएलियों ने कनान देश में पाए, उन्हें एलीआजर याजक, और नून के पुत्रा यहोशू, और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरूषों ने उनको दिया वे ये हैं।
2. जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा साढ़े नौ गोत्रों के लिये दी थी, उसके अनुसार उनके भाग चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।
3. मूसा ने तो अढ़ाई गोत्रों के भाग यरदन पार दिए थे; परन्तु लेवियों को उसने उनके बीच कोई भाग न दिया था।
4. यूसुफ के वंश के तो दो गोत्रा हो गए थे, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग न दिया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आदि धन रखने को और चराइयां उनको मिलीं।
5. जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने किया; और उन्हों ने देश को बांट लिया।।
6. तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्ने के पुत्रा कालेब ने उस से कहा, तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्या कहा था।
7. जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया।
8. और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्हों ने तो प्रजा के लोगों को निराश कर दिया, परन्तु मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी।
9. तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझ से कहा, तू ने पूरी रीति से मेरे परमेश्वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है, इस कारण नि:सन्देह जिस भूमि पर तू अपने पांव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।
10. और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैतालीस वर्ष हो चुके हैं, जिन में इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उन में यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूं।
11. जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है।
12. इसलिये अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने सम्भव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल दूं।
13. तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद दिया; और हेब्रोन को यपुन्ने के पुत्रा कालेब का भाग कर दिया।
14. इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्ने के पुत्रा कालेब का भाग आज तक बना है, क्योंकि वह इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था।
15. पहिले समय में तो हेब्रोन का नाम किर्यतर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सब से बड़ा पुरूष था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली।।

Notes

No Verse Added

Total 24 Chapters, Current Chapter 14 of Total Chapters 24
यहोशू 14:26
1. जो जो भाग इस्राएलियों ने कनान देश में पाए, उन्हें एलीआजर याजक, और नून के पुत्रा यहोशू, और इस्राएली गोत्रों के पूर्वजों के घरानों के मुख्य मुख्य पुरूषों ने उनको दिया वे ये हैं।
2. जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा साढ़े नौ गोत्रों के लिये दी थी, उसके अनुसार उनके भाग चिट्ठी डाल डालकर दिए गए।
3. मूसा ने तो अढ़ाई गोत्रों के भाग यरदन पार दिए थे; परन्तु लेवियों को उसने उनके बीच कोई भाग दिया था।
4. यूसुफ के वंश के तो दो गोत्रा हो गए थे, अर्थात् मनश्शे और एप्रैम; और उस देश में लेवियों को कुछ भाग दिया गया, केवल रहने के नगर, और पशु आदि धन रखने को और चराइयां उनको मिलीं।
5. जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसके अनुसार इस्राएलियों ने किया; और उन्हों ने देश को बांट लिया।।
6. तब यहूदी यहोशू के पास गिलगाल में आए; और कनजी यपुन्ने के पुत्रा कालेब ने उस से कहा, तू जानता होगा कि यहोवा ने कादेशबर्ने में परमेश्वर के जन मूसा से मेरे और तेरे विषय में क्या कहा था।
7. जब यहोवा के दास मूसा ने मुझे इस देश का भेद लेने के लिये कादेशबर्ने से भेजा था तब मैं चालीस वर्ष का था; और मैं सच्चे मन से उसके पास सन्देश ले आया।
8. और मेरे साथी जो मेरे संग गए थे उन्हों ने तो प्रजा के लोगों को निराश कर दिया, परन्तु मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा की पूरी रीति से बात मानी।
9. तब उस दिन मूसा ने शपथ खाकर मुझ से कहा, तू ने पूरी रीति से मेरे परमेश्वर यहोवा की बातों का अनुकरण किया है, इस कारण नि:सन्देह जिस भूमि पर तू अपने पांव धर आया है वह सदा के लिये तेरा और तेरे वंश का भाग होगी।
10. और अब देख, जब से यहोवा ने मूसा से यह वचन कहा था तब से पैतालीस वर्ष हो चुके हैं, जिन में इस्राएली जंगल में घूमते फिरते रहे; उन में यहोवा ने अपने कहने के अनुसार मुझे जीवित रखा है; और अब मैं पचासी वर्ष का हूं।
11. जितना बल मूसा के भेजने के दिन मुझ में था उतना बल अभी तक मुझ में है; युद्ध करने, वा भीतर बाहर आने जाने के लिये जितनी उस समय मुझ मे सामर्थ्य थी उतनी ही अब भी मुझ में सामर्थ्य है।
12. इसलिये अब वह पहाड़ी मुझे दे जिसकी चर्चा यहोवा ने उस दिन की थी; तू ने तो उस दिन सुना होगा कि उस में अनाकवंशी रहते हैं, और बड़े बड़े गढ़वाले नगर भी हैं; परन्तु क्या जाने सम्भव है कि यहोवा मेरे संग रहे, और उसके कहने के अनुसार मैं उन्हें उनके देश से निकाल दूं।
13. तब यहोशू ने उसको आशीर्वाद दिया; और हेब्रोन को यपुन्ने के पुत्रा कालेब का भाग कर दिया।
14. इस कारण हेब्रोन कनजी यपुन्ने के पुत्रा कालेब का भाग आज तक बना है, क्योंकि वह इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का पूरी रीति से अनुगामी था।
15. पहिले समय में तो हेब्रोन का नाम किर्यतर्बा था; वह अर्बा अनाकियों में सब से बड़ा पुरूष था। और उस देश को लड़ाई से शान्ति मिली।।
Total 24 Chapters, Current Chapter 14 of Total Chapters 24
×

Alert

×

hindi Letters Keypad References