1.
2. [PS]येरूशलेम पहुंचते ही रिहोबोयाम ने यहूदाह और बिन्यामिन गोत्र को इकट्ठा किया. ये एक लाख अस्सी हज़ार अच्छे योद्धा इस उद्देश्य से इकट्ठा किए गए थे कि ये इस्राएल से युद्ध करें, कि रिहोबोयाम का राज्य उसके हाथ में दोबारा आ जाए. [PE][PS]मगर परमेश्वर के जन शेमायाह को याहवेह का यह संदेश भेजा गया:
3. “शलोमोन के पुत्र, यहूदिया के शासक रिहोबोयाम से और यहूदिया और बिन्यामिन प्रदेश के सभी इस्राएलियों में यह घोषणा कर दो,
4. ‘यह याहवेह का वचन है तुम अपने ही संबंधियों पर हमला नहीं करोगे. सभी अपने-अपने घर को लौट जाएं; क्योंकि इस स्थिति को मैं ही लाया हूं.’ ” उन्होंने याहवेह के संदेश के ही अनुसार किया और उन्होंने यरोबोअम पर हमला करने का विचार छोड़ दिया. [PE]
5. {#1रिहोबोयाम द्वारा यहूदिया के नगरों को मज़बूत करना } [PS]रिहोबोयाम येरूशलेम में रहता रहा. वह यहूदिया की सुरक्षा के हित में नगरों को बनाता गया.
6. वे ये थे: बेथलेहेम, एथाम, तकोआ,
7. बेथ-त्सूर, सोकोह, अदुल्लाम,
8. गाथ, मारेशाह, ज़ीफ़,
9. अदोराईम, लाकीश, अज़ेका,
10. ज़ोराह, अय्जालोन और हेब्रोन. ये सभी यहूदिया और बिन्यामिन प्रदेश के गढ़नगर थे.
11. उसने गढ़ों को मजबूत बनाया, उनमें अधिकारी ठहराए और इनमें भोजन सामग्री, तेल और अंगूर के रस के भंडार रखवा दिए.
12. उसने हर एक नगर में ढालें और बर्छियां रख दीं और इन नगरों को बहुत ही मजबूत सुरक्षा के नगर बना दिए. इस प्रकार यहूदिया और बिन्यामिन प्रदेश ही उसके अधिकार में रह गए. [PE]
13. [PS]पूरे इस्राएल के पुरोहित और लेवी वंशज रिहोबोयाम से सहमत थे और वे उसके साथ हो गए.
14. यरोबोअम और उसके पुत्रों द्वारा याहवेह के लिए लेवियों की पौरोहितिक सेवा पर रोक लगाने के कारण वे अपनी चरागाह और संपत्ति को त्याग कर यहूदिया और येरूशलेम आ गए.
15. यरोबोअम ने पूजा स्थलों पर बकरे देवता और बछड़े देवताओं की मूर्तियां प्रतिष्ठित कर दीं और इनके लिए खुद अपने ही चुने हुए व्यक्तियों को पुरोहित बना दिया.
16. इस्राएल के सारे गोत्रों में से वे लोग, जो हृदय से इस्राएल के परमेश्वर याहवेह के खोजी थे, इन पुरोहितों और लेवियों का अनुसरण करते हुए अपने पूर्वजों के याहवेह परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाने येरूशलेम चले जाते थे.
17. ये लोग तीन साल तक शलोमोन के पुत्र रिहोबोयाम का समर्थन करने के द्वारा यहूदिया राज्य को मजबूत बना रहे थे, क्योंकि वे दावीद और शलोमोन की नीतियों का पालन तीन साल तक करते रहे. [PE]
18. {#1रिहोबोयाम का परिवार } [PS]रिहोबोयाम ने दावीद की पोती, येरीमोथ की पुत्री माहलाथ से विवाह कर लिया. येरीमोथ की माता का नाम अबीहाइल था, वह यिशै के पुत्र एलियाब की पुत्री थी.
19. माहलाथ से उत्पन्न रिहोबाम के पुत्रों के नाम ये: है येऊश, शेमारियाह और त्सेहाम.
20. इसके बाद उसने अबशालोम की पुत्री माकाह से विवाह किया, जिससे पैदा उसके पुत्रों के नाम है अबीयाह, अत्तई, ज़िज़ा और शेलोमीथ.
21. रिहोबोयाम को अबशालोम की पुत्री माकाह बहुत प्रिय थी-अपनी दूसरी पत्नियों और उपपत्नियों से अधिक. उसकी अठारह पत्नियां और साठ उपपत्नियां थी. इनसे उसके अट्ठाईस पुत्र और साठ पुत्रियां पैदा हुई. [PE]
22. [PS]रिहोबोयाम ने माकाह के पुत्र अबीयाह को उसके भाइयों के ऊपर प्रधान और उनका अगुआ बनाया; क्योंकि उसकी इच्छा थी कि वह उसे राजा बनाए.
23. बड़ी ही बुद्धिमानी से उसने अपने कुछ पुत्रों को यहूदिया और बिन्यामिन राज्य की सीमा में सारे गढ़ नगरों में अलग-अलग ज़िम्मेदारियां सौंप दीं और उनके लिए बहुत मात्रा में भोजन की व्यवस्था भी कर दी. इसके अलावा उसने इन सबके लिए अनेक पत्नियों का प्रबंध भी कर दिया. [PE]