पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
सभोपदेशक
1. [QS]जवानी में अपने बनानेवाले को याद रख: [QE][QS2]अपनी जवानी में अपने बनानेवाले को याद रखो, [QE][QS]इससे पहले कि बुराई [QE][QS2]और वह समय आए जिनमें तुम्हारा कहना यह हो, [QE][QS2]“मुझे इनमें ज़रा सी भी खुशी नहीं,” [QE]
2. [QS]इससे पहले कि सूरज, चंद्रमा [QE][QS2]और तारे अंधियारे हो जाएंगे, [QE][QS2]और बादल बारिश के बाद लौट आएंगे; [QE]
3. [QS]उस दिन पहरेदार कांपने लगेंगे, [QE][QS2]बलवान पुरुष झुक जाएंगे, [QE][QS]जो पीसते हैं वे काम करना बंद कर देंगे, क्योंकि वे कम हो गए हैं, [QE][QS2]और जो झरोखों से झांकती हैं वे अंधी हो जाएंगी; [QE]
4. [QS]चक्की की आवाज धीमी होने के कारण [QE][QS2]नगर के फाटक बंद हो जाएंगे; [QE][QS]और कोई व्यक्ति उठ खड़ा होगा, [QE][QS2]तथा सारे गीतों की आवाज शांत हो जाएगी. [QE]
5. [QS]लोग ऊंची जगहों से डरेंगे [QE][QS2]और रास्ते भी डरावने होंगे; [QE][QS]बादाम के पेड़ फूलेंगे [QE][QS2]और टिड्डा उनके साथ साथ घसीटता हुआ चलेगा [QE][QS2]और इच्छाएं खत्म हो जाएंगी. [QE][QS]क्योंकि मनुष्य तो अपने सदा के घर को चला जाएगा [QE][QS2]जबकि रोने-पीटने वाले रास्तों में ही भटकते रह जाएंगे. [QE][PBR]
6. [QS]याद करो उनको इससे पहले कि चांदी की डोर तोड़ी जाए, [QE][QS2]और सोने का कटोरा टूट जाए, [QE][QS]कुएं के पास रखा घड़ा फोड़ दिया जाए [QE][QS2]और पहिया तोड़ दिया जाए; [QE]
7. [QS]धूल जैसी थी वैसी ही भूमि में लौट जाएगी, [QE][QS2]और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी जिसने उसे दिया था. [QE][PBR]
8. [QS]“बेकार! ही बेकार है!” दार्शनिक कहता है, [QE][QS2]“सब कुछ बेकार है!” [QE]
9. {#1दार्शनिक का उद्देश्य } [PS]बुद्धिमान होने के साथ साथ दार्शनिक ने लोगों को ज्ञान भी सिखाया उसने खोजबीन की और बहुत से नीतिवचन को इकट्ठा किया.
10. दार्शनिक ने मनभावने शब्दों की खोज की और सच्चाई की बातों को लिखा. [PE]
11. [PS]बुद्धिमानों की बातें छड़ी के समान होती हैं तथा शिक्षकों की बातें अच्छे से ठोकी गई कीलों के समान; वे एक ही चरवाहे द्वारा दी गईं हैं.
12. पुत्र! इनके अलावा दूसरी शिक्षाओं के बारे में चौकस रहना; [PE]
13. [PS]बहुत सी पुस्तकों को लिखकर रखने का कोई अंत नहीं है और पुस्तकों का ज्यादा पढ़ना भी शरीर को थकाना ही है. [PE][QS]इसलिये इस बात का अंत यही है: [QE][QS2]कि परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय की भावना रखो [QE][QS]और उनकी व्यवस्था और विधियों का पालन करो, [QE][QS2]क्योंकि यही हर एक मनुष्य पर लागू होता है. [QE]
14. [QS]क्योंकि परमेश्वर हर एक काम को, [QE][QS2]चाहे वह छुपी हुई हो, [QE][QS2]भली या बुरी हो, उसके लिए न्याय करेंगे. [QE]
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1 जवानी में अपने बनानेवाले को याद रख: अपनी जवानी में अपने बनानेवाले को याद रखो, इससे पहले कि बुराई और वह समय आए जिनमें तुम्हारा कहना यह हो, “मुझे इनमें ज़रा सी भी खुशी नहीं,” 2 इससे पहले कि सूरज, चंद्रमा और तारे अंधियारे हो जाएंगे, और बादल बारिश के बाद लौट आएंगे; 3 उस दिन पहरेदार कांपने लगेंगे, बलवान पुरुष झुक जाएंगे, जो पीसते हैं वे काम करना बंद कर देंगे, क्योंकि वे कम हो गए हैं, और जो झरोखों से झांकती हैं वे अंधी हो जाएंगी; 4 चक्की की आवाज धीमी होने के कारण नगर के फाटक बंद हो जाएंगे; और कोई व्यक्ति उठ खड़ा होगा, तथा सारे गीतों की आवाज शांत हो जाएगी. 5 लोग ऊंची जगहों से डरेंगे और रास्ते भी डरावने होंगे; बादाम के पेड़ फूलेंगे और टिड्डा उनके साथ साथ घसीटता हुआ चलेगा और इच्छाएं खत्म हो जाएंगी. क्योंकि मनुष्य तो अपने सदा के घर को चला जाएगा जबकि रोने-पीटने वाले रास्तों में ही भटकते रह जाएंगे. 6 याद करो उनको इससे पहले कि चांदी की डोर तोड़ी जाए, और सोने का कटोरा टूट जाए, कुएं के पास रखा घड़ा फोड़ दिया जाए और पहिया तोड़ दिया जाए; 7 धूल जैसी थी वैसी ही भूमि में लौट जाएगी, और आत्मा परमेश्वर के पास लौट जाएगी जिसने उसे दिया था. 8 “बेकार! ही बेकार है!” दार्शनिक कहता है, “सब कुछ बेकार है!” दार्शनिक का उद्देश्य 9 बुद्धिमान होने के साथ साथ दार्शनिक ने लोगों को ज्ञान भी सिखाया उसने खोजबीन की और बहुत से नीतिवचन को इकट्ठा किया. 10 दार्शनिक ने मनभावने शब्दों की खोज की और सच्चाई की बातों को लिखा. 11 बुद्धिमानों की बातें छड़ी के समान होती हैं तथा शिक्षकों की बातें अच्छे से ठोकी गई कीलों के समान; वे एक ही चरवाहे द्वारा दी गईं हैं. 12 पुत्र! इनके अलावा दूसरी शिक्षाओं के बारे में चौकस रहना; 13 बहुत सी पुस्तकों को लिखकर रखने का कोई अंत नहीं है और पुस्तकों का ज्यादा पढ़ना भी शरीर को थकाना ही है. इसलिये इस बात का अंत यही है: कि परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय की भावना रखो और उनकी व्यवस्था और विधियों का पालन करो, क्योंकि यही हर एक मनुष्य पर लागू होता है. 14 क्योंकि परमेश्वर हर एक काम को, चाहे वह छुपी हुई हो, भली या बुरी हो, उसके लिए न्याय करेंगे.
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