पवित्र बाइबिल

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इफिसियों
1. {#1एक भेद के सेवक पौलॉस }
2. [PS]इसलिये मैं, पौलॉस, तुम गैर-यहूदियों के लिए मसीह येशु का बंदी हूं. [PE][PS]निश्चित ही तुमने परमेश्वर के अनुग्रह के उस प्रबंधन के विषय में सुना है, जो मुझे तुम्हारे लिए प्रदान किया गया,
3. अर्थात् वह भेद, जो मुझ पर प्रकाशन के द्वारा प्रकट किया गया, जिसका मैं संक्षेप में वर्णन पहले कर चुका हूं.
4. इसे पढ़ते हुए तुम मसीह के भेद के विषय में मेरे विवेक को समझ सकते हो,
5. जो मानव जाति पर अन्य पीढ़ियों में इस प्रकार प्रकट नहीं किया गया था, जिस प्रकार अब प्रभु के पवित्र प्रेरितों तथा भविष्यद्वक्ताओं पर पवित्र आत्मा में प्रकट किया गया है.
6. अब ईश्वरीय सुसमाचार के द्वारा गैर-यहूदी मसीह येशु में मीरास के साझी, एक ही शरीर के अंग और प्रतिज्ञा के सहभागी हैं. [PE]
7. [PS]परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ्य के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया.
8. मुझे, जो पवित्र लोगों में छोटे से भी छोटा हूं, गैर-यहूदियों में मसीह के अगम्य धन का प्रचार करने के लिए यह अनुग्रह प्रदान किया गया,
9. कि सभी सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्‍त रखे गए इस भेद के प्रबंधन को सब पर प्रकट करूं.
10. कि अब कलीसिया के द्वारा परमेश्वर का विभिन्‍न प्रकार का ज्ञान आकाशमंडल के प्रधानों और अधिकारियों पर प्रकट किया जाए,
11. यह उस सनातन उद्देश्य के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर ने मसीह येशु हमारे प्रभु में पूरा किया.
12. जिनमें अपने विश्वास के द्वारा प्रवेश के लिए हमें साहस तथा भरोसा प्राप्‍त हुआ है.
13. इसलिये तुमसे मेरी यह विनती है कि तुम उन उत्पीड़नों के कारण, जो मैं तुम्हारे लिए सह रहा हूं, निराश न हो; क्योंकि वे तुम्हारा गौरव हैं. [PE]
14. {#1पौलॉस की प्रार्थना } [PS]यही कारण है कि मैं पिता के सामने घुटने टेकता हूं,
15. जिनमें स्वर्ग और पृथ्वी के हर एक गोत्र का नाम रखा जाता है,
16. कि वह अपनी अपार महिमा के अनुसार अपने पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हारे अंतरात्मा को शक्ति-सम्पन्‍न करें,
17. कि विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में वास करें और प्रेम में मजबूत व स्थिर होकर,
18. तुम सभी पवित्र जन मसीह के प्रेम की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई व गहराई को भली-भांति समझ सको,
19. और मसीह के उस प्रेम को जान सको, जो ज्ञान से परे है कि परमेश्वर की सारी भरपूरी तुममें स्थापित हो जाए. [PE]
20. [PS]अब उन्हें जो हममें कार्यशील सामर्थ्य के द्वारा हमारी विनती और सोच और समझ से अपार कहीं अधिक बढ़कर करने में सक्षम हैं,
21. हममें इस समय सक्रिय सामर्थ्य के द्वारा, कलीसिया और मसीह येशु में उनकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी, सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन. [PE]
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एक भेद के सेवक पौलॉस 1 2 इसलिये मैं, पौलॉस, तुम गैर-यहूदियों के लिए मसीह येशु का बंदी हूं. निश्चित ही तुमने परमेश्वर के अनुग्रह के उस प्रबंधन के विषय में सुना है, जो मुझे तुम्हारे लिए प्रदान किया गया, 3 अर्थात् वह भेद, जो मुझ पर प्रकाशन के द्वारा प्रकट किया गया, जिसका मैं संक्षेप में वर्णन पहले कर चुका हूं. 4 इसे पढ़ते हुए तुम मसीह के भेद के विषय में मेरे विवेक को समझ सकते हो, 5 जो मानव जाति पर अन्य पीढ़ियों में इस प्रकार प्रकट नहीं किया गया था, जिस प्रकार अब प्रभु के पवित्र प्रेरितों तथा भविष्यद्वक्ताओं पर पवित्र आत्मा में प्रकट किया गया है. 6 अब ईश्वरीय सुसमाचार के द्वारा गैर-यहूदी मसीह येशु में मीरास के साझी, एक ही शरीर के अंग और प्रतिज्ञा के सहभागी हैं. 7 परमेश्वर के अनुग्रह के वरदान में उनकी सक्रिय सामर्थ्य के अनुसार यह ईश्वरीय सुसमाचार मुझे सौंपा गया और मैं जिसका सेवक चुना गया. 8 मुझे, जो पवित्र लोगों में छोटे से भी छोटा हूं, गैर-यहूदियों में मसीह के अगम्य धन का प्रचार करने के लिए यह अनुग्रह प्रदान किया गया, 9 कि सभी सृष्टि के सृजनहार परमेश्वर में युगों से गुप्‍त रखे गए इस भेद के प्रबंधन को सब पर प्रकट करूं. 10 कि अब कलीसिया के द्वारा परमेश्वर का विभिन्‍न प्रकार का ज्ञान आकाशमंडल के प्रधानों और अधिकारियों पर प्रकट किया जाए, 11 यह उस सनातन उद्देश्य के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर ने मसीह येशु हमारे प्रभु में पूरा किया. 12 जिनमें अपने विश्वास के द्वारा प्रवेश के लिए हमें साहस तथा भरोसा प्राप्‍त हुआ है. 13 इसलिये तुमसे मेरी यह विनती है कि तुम उन उत्पीड़नों के कारण, जो मैं तुम्हारे लिए सह रहा हूं, निराश न हो; क्योंकि वे तुम्हारा गौरव हैं. पौलॉस की प्रार्थना 14 यही कारण है कि मैं पिता के सामने घुटने टेकता हूं, 15 जिनमें स्वर्ग और पृथ्वी के हर एक गोत्र का नाम रखा जाता है, 16 कि वह अपनी अपार महिमा के अनुसार अपने पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हारे अंतरात्मा को शक्ति-सम्पन्‍न करें, 17 कि विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में वास करें और प्रेम में मजबूत व स्थिर होकर, 18 तुम सभी पवित्र जन मसीह के प्रेम की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई व गहराई को भली-भांति समझ सको, 19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको, जो ज्ञान से परे है कि परमेश्वर की सारी भरपूरी तुममें स्थापित हो जाए. 20 अब उन्हें जो हममें कार्यशील सामर्थ्य के द्वारा हमारी विनती और सोच और समझ से अपार कहीं अधिक बढ़कर करने में सक्षम हैं, 21 हममें इस समय सक्रिय सामर्थ्य के द्वारा, कलीसिया और मसीह येशु में उनकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी, सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन.
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