पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
इब्रानियों
1. {#1महापुरोहित मसीह द्वारा आराधना } [PS]बड़ी सच्चाई यह है: हमारे महापुरोहित वह हैं, जो स्वर्ग में महामहिम के दायें पक्ष में बैठे हैं,
2. जो वास्तविक मंदिर में सेवारत हैं, जिसका निर्माण किसी मानव ने नहीं, स्वयं प्रभु ने किया है. [PE]
3. [PS]हर एक महापुरोहित का चुनाव भेंट तथा बलि अर्पण के लिए किया जाता है. इसलिये आवश्यक हो गया कि इस महापुरोहित के पास भी अर्पण के लिए कुछ हो.
4. यदि मसीह येशु पृथ्वी पर होते, वह पुरोहित हो ही नहीं सकते थे क्योंकि यहां व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाने के लिए पुरोहित हैं.
5. ये वे पुरोहित हैं, जो स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप तथा प्रतिबिंब मात्र की आराधना करते हैं, क्योंकि मोशेह को, जब वह तंबू का निर्माण करने पर थे, परमेश्वर के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी: यह ध्यान रखना कि तुम तंबू का निर्माण ठीक-ठीक वैसा ही करो, जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था,[* निर्ग 25:40 ]
6. किंतु अब मसीह येशु ने अन्य पुरोहितों की तुलना में कहीं अधिक अच्छी सेवकाई प्राप्‍त कर ली है: अब वह एक उत्तम वाचा के मध्यस्थ भी हैं, जिसका आदेश उत्तम प्रतिज्ञाओं पर हुआ है. [PE]
7. [PS]यदि वह पहली वाचा निर्दोष होती तो दूसरी की ज़रूरत ही न होती.
8. स्वयं परमेश्वर ने उस पीढ़ी को दोषी पाकर यह कहा: [PE][QS]“यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं, यह प्रभु की वाणी है, [QE][QS2]जब मैं इस्राएल वंश के साथ [QE][QS]तथा यहूदाह गोत्र के साथ [QE][QS2]एक नयी वाचा स्थापित करूंगा. [QE]
9. [QS]वैसी नहीं, [QE][QS2]जैसी मैंने उनके पूर्वजों से उस समय की थी, [QE][QS]जब मैंने उनका हाथ [QE][QS2]पकड़कर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था, [QE][QS]क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे, [QE][QS2]इसलिये मैं उनसे दूर हो गया, [QE][QS2]यह प्रभु का कहना है. [QE]
10. [QS]किंतु मैं इस्राएल के लोगों के साथ यह वाचा बांधूंगा [QE][QS2]यह प्रभु का कथन है उन दिनों के बाद [QE][QS]मैं अपना नियम उनके हृदय में लिखूंगा [QE][QS2]और उनके मस्तिष्क पर अंकित कर दूंगा. [QE][QS]मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा, [QE][QS2]तथा वे मेरी प्रजा. [QE]
11. [QS]तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को शिक्षा नहीं देंगे, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः [QE][QS2]यह नहीं कहेगा, ‘प्रभु को जान लो,’ [QE][QS]क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे, [QE][QS2]छोटे से बड़े तक, [QE][QS2]यह प्रभु की वाणी है. [QE]
12. [QS]क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा [QE][QS2]तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.”[† येरे 31:31-34 ] [QE]
13. [PS]जब परमेश्वर एक “नई” वाचा का वर्णन कर रहे थे, तब उन्होंने पहले को अनुपयोगी घोषित कर दिया. जो कुछ अनुपयोगी तथा जीर्ण हो रहा है, वह नष्ट होने पर है. [PE]
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महापुरोहित मसीह द्वारा आराधना 1 बड़ी सच्चाई यह है: हमारे महापुरोहित वह हैं, जो स्वर्ग में महामहिम के दायें पक्ष में बैठे हैं, 2 जो वास्तविक मंदिर में सेवारत हैं, जिसका निर्माण किसी मानव ने नहीं, स्वयं प्रभु ने किया है. 3 हर एक महापुरोहित का चुनाव भेंट तथा बलि अर्पण के लिए किया जाता है. इसलिये आवश्यक हो गया कि इस महापुरोहित के पास भी अर्पण के लिए कुछ हो. 4 यदि मसीह येशु पृथ्वी पर होते, वह पुरोहित हो ही नहीं सकते थे क्योंकि यहां व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाने के लिए पुरोहित हैं. 5 ये वे पुरोहित हैं, जो स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप तथा प्रतिबिंब मात्र की आराधना करते हैं, क्योंकि मोशेह को, जब वह तंबू का निर्माण करने पर थे, परमेश्वर के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी: यह ध्यान रखना कि तुम तंबू का निर्माण ठीक-ठीक वैसा ही करो, जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था,* निर्ग 25:40 6 किंतु अब मसीह येशु ने अन्य पुरोहितों की तुलना में कहीं अधिक अच्छी सेवकाई प्राप्‍त कर ली है: अब वह एक उत्तम वाचा के मध्यस्थ भी हैं, जिसका आदेश उत्तम प्रतिज्ञाओं पर हुआ है. 7 यदि वह पहली वाचा निर्दोष होती तो दूसरी की ज़रूरत ही न होती. 8 स्वयं परमेश्वर ने उस पीढ़ी को दोषी पाकर यह कहा: “यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं, यह प्रभु की वाणी है, जब मैं इस्राएल वंश के साथ तथा यहूदाह गोत्र के साथ एक नयी वाचा स्थापित करूंगा. 9 वैसी नहीं, जैसी मैंने उनके पूर्वजों से उस समय की थी, जब मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था, क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे, इसलिये मैं उनसे दूर हो गया, यह प्रभु का कहना है. 10 किंतु मैं इस्राएल के लोगों के साथ यह वाचा बांधूंगा यह प्रभु का कथन है उन दिनों के बाद मैं अपना नियम उनके हृदय में लिखूंगा और उनके मस्तिष्क पर अंकित कर दूंगा. मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा, तथा वे मेरी प्रजा. 11 तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को शिक्षा नहीं देंगे, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः यह नहीं कहेगा, ‘प्रभु को जान लो,’ क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे, छोटे से बड़े तक, यह प्रभु की वाणी है. 12 क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.” येरे 31:31-34 13 जब परमेश्वर एक “नई” वाचा का वर्णन कर रहे थे, तब उन्होंने पहले को अनुपयोगी घोषित कर दिया. जो कुछ अनुपयोगी तथा जीर्ण हो रहा है, वह नष्ट होने पर है.
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