1. [QS]इस्राएल एक बढ़ने वाली अंगूर की लता थी; [QE][QS2]वह अपने लिये फल देती थी. [QE][QS]जैसे जैसे उसके फल बढ़ते गये, [QE][QS2]उसने और ज्यादा वेदियां बनाई; [QE][QS]जैसे जैसे उसका देश समृद्ध होता गया, [QE][QS2]उसने अपने पवित्र पत्थरों को सजाया. [QE]
2. [QS]उनका हृदय धोखेबाज है, [QE][QS2]और अब वे ज़रूर दंड भोगेंगे. [QE][QS]याहवेह उनकी वेदियों को ढहा देंगे [QE][QS2]और उनके पवित्र पत्थरों को नष्ट कर देंगे. [QE][PBR]
3. [QS]तब वे कहेंगे, “हमारा कोई राजा नहीं है [QE][QS2]क्योंकि हमने याहवेह का आदर नहीं किया. [QE][QS]पर यदि हमारा कोई राजा होता भी, [QE][QS2]तो वह हमारे लिये क्या करता?” [QE]
4. [QS]वे बहुत सी प्रतिज्ञाएं करते हैं, [QE][QS2]झूठी शपथ खाते हैं [QE][QS2]और सहमति बनाते हैं; [QE][QS]इसलिये हल चलाये गये खेत में उगे [QE][QS2]जहरीले घास-पात के समान मुकदमे होने लगते हैं. [QE]
5. [QS]जो लोग शमरिया में रहते हैं [QE][QS2]वे बेथ-आवेन[* बेथ-आवेन अर्थ दुष्टता का घर ] के बछड़े के कारण डरते हैं. [QE][QS]इसके लोग इस पर विलाप करेंगे, [QE][QS2]और ऐसा ही इसके मूर्तिपूजक पुरोहित भी करेंगे, [QE][QS]जो पहले इसके वैभव पर आनंदित हुआ करते थे, [QE][QS2]क्योंकि इसे उनसे छीनकर बंधुआई में ले लिया गया है. [QE]
6. [QS]इसे बड़े राजा को भेंट स्वरूप देने के लिये [QE][QS2]अश्शूर ले जाया जाएगा. [QE][QS]एफ्राईम लज्जित किया जाएगा; [QE][QS2]इस्राएल भी बाहरी लोगों से नाता के कारण लज्जित होगा. [QE]
7. [QS]शमरिया के राजा को ऐसे नष्ट किया जाएगा, [QE][QS2]जैसे एक छोटी शाखा पानी के बहाव में बहकर नष्ट हो जाती है. [QE]
8. [QS]बुराई के ऊंचे स्थान नष्ट किए जाएंगे— [QE][QS2]यह इस्राएल का पाप है. [QE][QS]उनकी इन वेदियों पर [QE][QS2]कंटीले पौधे और झाड़ियां उगकर [QE][QS2]उनकी वेदियों को ढांप लेंगी. [QE][QS]तब वे पर्वतों से कहेंगे, “हमें ढांप लो!” [QE][QS2]और पहाड़ियों से कहेंगे, “हम पर आ गिरो!” [QE][PBR]
9. [QS]“हे इस्राएल, तुम गिबियाह के समय से पाप करते आये हो, [QE][QS2]और तुम अब भी उसी में बने हुए हो. [QE][QS]क्या बुरे काम करनेवाले गिबियाह में [QE][QS2]फिर से युद्ध में नहीं फंसेंगे? [QE]
10. [QS]जब मेरी इच्छा होगी, मैं उन्हें दंड दूंगा; [QE][QS2]अन्य जातियां उनके दो गुने पाप के कारण, [QE][QS2]उन्हें बंधन में डालने के लिये उनके विरुद्ध इकट्ठा होंगी. [QE]
11. [QS]एफ्राईम एक प्रशिक्षित बछिया है [QE][QS2]जिसे अन्न दांवना अच्छा लगता है; [QE][QS]इसलिये मैं उसके सुंदर गर्दन पर [QE][QS2]एक जूआ रखूंगा. [QE][QS]मैं एफ्राईम को हांकूंगा, [QE][QS2]यहूदाह को हल चलाना ज़रूरी है, [QE][QS2]और याकोब को मिट्टी तोड़ना ज़रूरी है. [QE]
12. [QS]अपने लिए धर्मीपन का बीज बोओ, [QE][QS2]निश्छल प्रेम की फसल काटो, [QE][QS]और न जूते हुए भूमि की मिट्टी को तोड़ो; [QE][QS2]क्योंकि यह समय है कि याहवेह की खोज करो, [QE][QS]जब तक कि वह आकर [QE][QS2]तुम पर धर्मीपन की वर्षा न करें. [QE]
13. [QS]पर तुमने दुष्टता का रोपण किया है, [QE][QS2]और बुराई का फसल काटा है, [QE][QS2]तुमने छल-प्रपंच का फल खाया है. [QE][QS]क्योंकि तुम अपने स्वयं के बल [QE][QS2]और अपने योद्धाओं की बड़ी संख्या पर निर्भर रहे हो, [QE]
14. [QS]तुम्हारे लोगों के विरुद्ध युद्ध की ललकार होगी, [QE][QS2]ताकि तुम्हारे सब गढ़ों को नष्ट कर दिया जाए— [QE][QS]जैसा कि युद्ध के समय में शलमन ने बेथ-आरबेल को नष्ट किया था, [QE][QS2]जब माताओं को उनके बच्चों सहित भूमि पर पटक कर मार डाला गया था. [QE]
15. [QS]हे बेथेल तुम्हारे साथ भी ऐसा ही होगा, [QE][QS2]क्योंकि तुम्हारी दुष्टता बहुत बड़ी है. [QE][QS]जब उस दिन बड़ी सुबह [QE][QS2]इस्राएल के राजा को पूरी तरह नाश कर दिया जाएगा. [QE]