1. {#1इस्राएल के विरुद्ध आरोप } [QS]हे इस्राएली लोगों, याहवेह की बात को सुनो, [QE][QS2]क्योंकि तुम जो इस देश में रहते हो, [QE][QS2]तुम्हारे ऊपर याहवेह एक दोष लगानेवाला है: [QE][QS]“इस देश के निवासियों में परमेश्वर के प्रति [QE][QS2]न तो विश्वासयोग्यता, न प्रेम, और न ही परमेश्वर को माननेवाली बात है. [QE]
2. [QS]यहां सिर्फ शाप, झूठ और हत्या, [QE][QS2]चोरी, और व्यभिचार है; [QE][QS]वे सब सीमाओं को लांघ जाते हैं, [QE][QS2]और खून के बदले खून बहाते हैं. [QE]
3. [QS]यही कारण है कि यह देश सूख जाता है, [QE][QS2]इसमें सब रहनेवाले बेकार हो जाते हैं; [QE][QS]भूमि के जानवर, आकाश के पक्षी [QE][QS2]और समुद्र की मछलियां नष्ट हो जाती हैं. [QE][PBR]
4. [QS]“पर कोई भी दोष न लगाए, [QE][QS2]कोई भी दूसरे पर आरोप न लगाए, [QE][QS]क्योंकि तुम्हारे लोग उनके समान हैं [QE][QS2]जो पुरोहित के ऊपर दोष लगाते हैं. [QE]
5. [QS]तुम दिन-रात ठोकर खाते हो, [QE][QS2]और तुम्हारे साथ भविष्यवक्ता भी ठोकर खाते हैं. [QE][QS]इसलिये मैं तुम्हारी माता को नाश कर दूंगा— [QE]
2. [QS2]मेरे लोग ज्ञान की कमी के कारण नाश होते हैं. [QE][PBR] [QS]“क्योंकि तुमने ज्ञान को अस्वीकार किया है, [QE][QS2]मैं भी तुम्हें पुरोहित के रूप में अस्वीकार करता हूं; [QE][QS]क्योंकि तुमने अपने परमेश्वर के कानून की उपेक्षा की है, [QE][QS2]मैं भी तुम्हारे बच्चों की उपेक्षा करूंगा. [QE]
7. [QS]जितने ज्यादा पुरोहित थे, [QE][QS2]उतने ज्यादा उन्होंने मेरे विरुद्ध पाप किया; [QE][QS2]उन्होंने अपने महिमामय परमेश्वर के बदले में कलंकित चीज़ को अपना लिया. [QE]
8. [QS]मेरे लोगों के पाप इन पुरोहितों के भोजन बन गए हैं [QE][QS2]और वे उनके दुष्टता का आनंद लेते हैं. [QE]
9. [QS]और यह ऐसा ही होगा: जैसे लोगों की दशा, वैसे पुरोहितों की दशा. [QE][QS2]मैं उन दोनों को उनके चालचलन का दंड दूंगा [QE][QS2]और उन्हें उनके कार्यों का बदला दूंगा. [QE][PBR]
10. [QS]“वे खाएंगे पर उनके पास पर्याप्त भोजन नहीं होगा; [QE][QS2]वे व्यभिचार में लिप्त होंगे पर बढ़ेंगे नहीं, [QE][QS]क्योंकि उन्होंने याहवेह को छोड़ दिया है [QE]
2. [QS2]ताकि वे व्यभिचार कर सकें; [QE][QS]पुरानी एवं नई दाखमधु उनकी समझ भ्रष्ट कर देती है. [QE]
12. [QS]मेरे लोग लकड़ी की मूर्तियों से सलाह लेते हैं, [QE][QS2]और दैवीय छड़ी उनका भविष्य बताती है. [QE][QS]व्यभिचार की एक आत्मा उन्हें भटका देती है; [QE][QS2]वे अपने परमेश्वर से विश्वासघात करते हैं. [QE]
13. [QS]वे पहाड़ों के शिखर पर बलिदान करते हैं [QE][QS2]और वे पहाड़ियों पर [QE][QS]बांज, चिनार और एला वृक्षों के नीचे भेंटों को जलाते हैं, [QE][QS2]जहां अच्छी छाया होती है. [QE][QS]इसलिये तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति करने जाती हैं [QE][QS2]और तुम्हारी पुत्रवधुएं व्यभिचार करती हैं. [QE][PBR]
14. [QS]“जब तुम्हारी बेटियां वेश्यावृत्ति के लिये जाएंगी [QE][QS2]तो मैं उन्हें दंड न दूंगा, [QE][QS]और न ही तुम्हारी पुत्रवधुओं को दंड दूंगा [QE][QS2]जब वे व्यभिचार के लिए जाएंगी, [QE][QS]क्योंकि पुरुष स्वयं वेश्याओं के साथ रहते हैं [QE][QS2]और मंदिर की वेश्याओं के साथ बलि चढ़ाते हैं— [QE][QS2]नासमझ लोग नष्ट हो जाएंगे. [QE][PBR]
15. [QS]“हे इस्राएल, हालांकि तुम व्यभिचार करते हो, [QE][QS2]पर यहूदिया दोषी न होने पाए. [QE][PBR] [QS]“न तो गिलगाल जाओ [QE][QS2]और न ही ऊपर बेथ-आवेन[* बेथ-आवेन अर्थ दुष्टता का घर ] को जाओ. [QE][QS2]और न ही यह शपथ खाना, ‘जीवित याहवेह की शपथ!’ [QE]
16. [QS]इस्राएली लोग हठीली कलोर [QE][QS2]के समान हठीले हैं. [QE][QS]तब याहवेह उनको चरागाह में [QE][QS2]मेमने की तरह कैसे चरा सकते हैं? [QE]
17. [QS]एफ्राईम मूर्तियों से जुड़ गया है; [QE][QS2]उसे अकेला छोड़ दो! [QE]
18. [QS]यहां तक कि जब उनकी दाखमधु भी खत्म हो जाती है, [QE][QS2]तब भी वे वेश्यावृत्ति में लिप्त रहते हैं; [QE][QS2]उनके शासक लज्जाजनक कामों से बहुत प्रेम रखते हैं. [QE]
19. [QS]बवंडर उड़ाकर ले जाएगा, [QE][QS2]और उनके बलिदानों के कारण उन्हें लज्जित होना पड़ेगा. [QE]