पवित्र बाइबिल

भगवान का अनुग्रह उपहार
यशायाह
1. {#1यिशै से एक डाली } [QS]यिशै के जड़ से एक कोंपल निकलेगी; [QE][QS2]और एक डाली फलवंत होगी. [QE]
2. [QS]याहवेह का आत्मा, [QE][QS2]बुद्धि और समझ का आत्मा, [QE][QS2]युक्ति और सामर्थ्य का आत्मा, [QE][QS2]ज्ञान और समझ की आत्मा— [QE]
3. [QS]उनकी खुशी याहवेह के प्रति ज्यादा होगी. [QE][PBR] [QS]वे मुंह देखकर न्याय नहीं करेंगे, [QE][QS2]न सुनकर करेंगे; [QE]
4. [QS]वे तो कंगालों का न्याय धर्म से, [QE][QS2]और पृथ्वी के नम्र लोगों का न्याय सच्चाई से करेंगे. [QE][QS]वे अपने मुंह के शब्द से पृथ्वी पर हमला करेंगे; [QE][QS2]और अपनी फूंक से दुष्टों का नाश कर देंगे. [QE]
5. [QS]धर्म उनका कटिबंध [QE][QS2]और सच्चाई उनकी कमर होगी. [QE][PBR]
6. [QS]भेड़िया मेमने के साथ रहेगा, [QE][QS2]चीता बकरी के बच्चों के पास लेटेगा, [QE][QS]बछड़ा, सिंह और एक पुष्ट पशु साथ साथ रहेंगे; [QE][QS2]और बालक उनको संभालेगा. [QE]
7. [QS]गाय और रीछ मिलकर चरेंगे, [QE][QS2]उनके बच्‍चे पास-पास रहेंगे, [QE][QS2]और सिंह बैल समान भूसा खाएगा. [QE]
8. [QS]दूध पीता शिशु नाग के बिल से खेलेगा, [QE][QS2]तथा दूध छुड़ाया हुआ बालक काला सांप के बिल में हाथ डालेगा. [QE]
9. [QS]मेरे पूरे पवित्र पर्वत पर [QE][QS2]वे न किसी को दुःख देंगे और न किसी को नष्ट करेंगे, [QE][QS]क्योंकि समस्त पृथ्वी याहवेह के ज्ञान से ऐसे भर जाएगी [QE][QS2]जैसे पानी से समुद्र भरा रहता है. [QE]
10. [PS]उस दिन यिशै का मूल जो देशों के लिए झंडा समान प्रतिष्ठित होंगे और देश उनके विषय में पूछताछ करेंगे, तथा उनका विश्राम स्थान भव्य होगा.
11. उस दिन प्रभु उस बचे हुओं को लाने के लिए अपना हाथ बढ़ाएंगे, जिसे उन्होंने अश्शूर, मिस्र, पथरोस, कूश, एलाम, शीनार, हामाथ और समुद्री द्वीपों से मोल लिया है. [QE]
12. [QS]वे देशों के लिए एक झंडा खड़ा करेंगे [QE][QS2]इस्राएल में रहनेवाले; [QE][QS]और यहूदाह के बिखरे लोगों को पृथ्वी के [QE][QS2]चारों कोनों से इकट्ठा करेंगे. [QE]
13. [QS]तब एफ्राईम की नफरत खत्म हो जाएगी, [QE][QS2]और यहूदाह के परेशान करनेवाले काट दिए जाएंगे; [QE][QS]फिर एफ्राईम यहूदाह से नफरत नहीं करेगा, [QE][QS2]और न ही यहूदाह एफ्राईम को तंग करेगा. [QE]
14. [QS]वे पश्चिम दिशा में फिलिस्तीनियों पर टूट पड़ेंगे; [QE][QS2]और वे सब एकजुट होकर पूर्व के लोगों को लूट लेंगे. [QE][QS]वे एदोम और मोआब को अपने अधिकार में कर लेंगे, [QE][QS2]और अम्मोनी उनके अधीन हो जाएंगे. [QE]
15. [QS]याहवेह मिस्र के समुद्र की खाड़ी को [QE][QS2]विनष्ट कर देंगे; [QE][QS]वे अपने सामर्थ्य का हाथ बढ़ाकर फरात नदी को सात धाराओं में बांट देंगे, [QE][QS2]ताकि मनुष्य इसे पैदल ही पार कर सकें. [QE]
16. [QS]उनके बचे हुए लोगों के लिए [QE][QS2]अश्शूर से एक राजमार्ग होगा, [QE][QS]जैसे इस्राएल के लिए हुआ [QE][QS2]था जब वे मिस्र से निकले थे. [QE]
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यिशै से एक डाली 1 यिशै के जड़ से एक कोंपल निकलेगी; और एक डाली फलवंत होगी. 2 याहवेह का आत्मा, बुद्धि और समझ का आत्मा, युक्ति और सामर्थ्य का आत्मा, ज्ञान और समझ की आत्मा— 3 उनकी खुशी याहवेह के प्रति ज्यादा होगी. वे मुंह देखकर न्याय नहीं करेंगे, न सुनकर करेंगे; 4 वे तो कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का न्याय सच्चाई से करेंगे. वे अपने मुंह के शब्द से पृथ्वी पर हमला करेंगे; और अपनी फूंक से दुष्टों का नाश कर देंगे. 5 धर्म उनका कटिबंध और सच्चाई उनकी कमर होगी. 6 भेड़िया मेमने के साथ रहेगा, चीता बकरी के बच्चों के पास लेटेगा, बछड़ा, सिंह और एक पुष्ट पशु साथ साथ रहेंगे; और बालक उनको संभालेगा. 7 गाय और रीछ मिलकर चरेंगे, उनके बच्‍चे पास-पास रहेंगे, और सिंह बैल समान भूसा खाएगा. 8 दूध पीता शिशु नाग के बिल से खेलेगा, तथा दूध छुड़ाया हुआ बालक काला सांप के बिल में हाथ डालेगा. 9 मेरे पूरे पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दुःख देंगे और न किसी को नष्ट करेंगे, क्योंकि समस्त पृथ्वी याहवेह के ज्ञान से ऐसे भर जाएगी जैसे पानी से समुद्र भरा रहता है. 10 उस दिन यिशै का मूल जो देशों के लिए झंडा समान प्रतिष्ठित होंगे और देश उनके विषय में पूछताछ करेंगे, तथा उनका विश्राम स्थान भव्य होगा. 11 उस दिन प्रभु उस बचे हुओं को लाने के लिए अपना हाथ बढ़ाएंगे, जिसे उन्होंने अश्शूर, मिस्र, पथरोस, कूश, एलाम, शीनार, हामाथ और समुद्री द्वीपों से मोल लिया है. 12 वे देशों के लिए एक झंडा खड़ा करेंगे इस्राएल में रहनेवाले; और यहूदाह के बिखरे लोगों को पृथ्वी के चारों कोनों से इकट्ठा करेंगे. 13 तब एफ्राईम की नफरत खत्म हो जाएगी, और यहूदाह के परेशान करनेवाले काट दिए जाएंगे; फिर एफ्राईम यहूदाह से नफरत नहीं करेगा, और न ही यहूदाह एफ्राईम को तंग करेगा. 14 वे पश्चिम दिशा में फिलिस्तीनियों पर टूट पड़ेंगे; और वे सब एकजुट होकर पूर्व के लोगों को लूट लेंगे. वे एदोम और मोआब को अपने अधिकार में कर लेंगे, और अम्मोनी उनके अधीन हो जाएंगे. 15 याहवेह मिस्र के समुद्र की खाड़ी को विनष्ट कर देंगे; वे अपने सामर्थ्य का हाथ बढ़ाकर फरात नदी को सात धाराओं में बांट देंगे, ताकि मनुष्य इसे पैदल ही पार कर सकें. 16 उनके बचे हुए लोगों के लिए अश्शूर से एक राजमार्ग होगा, जैसे इस्राएल के लिए हुआ था जब वे मिस्र से निकले थे.
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