1. {#1दमेशेक के विरोध में भविष्यवाणी } [PS]दमेशेक के विरोध में एक भविष्यवाणी: [PE][QS]दमेशेक एक नगर न रहकर खंडहरों का एक ढेर बन जाएगा. [QE]
2. [QS]अरोअर के नगर उजाड़ कर दिए गए हैं [QE][QS2]वहां पशु चरेंगे और आराम करेंगे [QE][QS2]और उन्हें भगाने वाला कोई नहीं होगा. [QE]
3. [QS]एफ्राईम के गढ़ गुम हो जाएंगे, [QE][QS2]दमेशेक के राज्य में कोई नहीं बचेगा; [QE][QS2]यह सर्वशक्तिमान याहवेह की यह वाणी है. [QE][PBR]
4. [QS]“उस दिन याकोब का वैभव कम हो जाएगा; [QE][QS2]और उसका शरीर कमजोर हो जाएगा. [QE]
5. [QS]और ऐसा होगा जैसा फसल काटकर बालों को बांधे, [QE][QS2]या रेफाइम नामक तराई में सिला बीनता हो. [QE]
6. [QS]जैतून के पेड़ को झाड़ने पर कुछ फल नीचे रह जाते हैं, [QE][QS2]उसी प्रकार इसमें भी बीनने के लिए कुछ बच जाएगा,” [QE][QS2]यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी है. [QE][PBR]
7. [QS]उस दिन मनुष्य अपने सृष्टिकर्ता की ओर अपनी आंखें उठाएंगे [QE][QS2]और उनकी दृष्टि इस्राएल के उस पवित्र की ओर होगी. [QE]
8. [QS]वह अपनी बनाई हुई धूप वेदी [QE][QS2]और अशेरा नामक मूर्ति या सूर्य को न देखेगा. [QE]
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10. [PS]उस समय उनके गढ़वाले नगर, घने बंजर भूमि हो जाएंगे अथवा जो इस्राएल के डर से छोड़ दिए गए हो, उन्हें नष्ट कर दिया जाएगा. [PE][QS]क्योंकि तुम अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गए; [QE][QS2]और अपनी चट्टान को याद नहीं किया, इसलिये तब [QE][QS]चाहे तुम अच्छे पौधे [QE][QS2]और किसी अनजान के लिए दाख की बारी लगाओ, [QE]
11. [QS]उगाने के बाद तुम इसे बढ़ा भी लो [QE][QS2]और जो बीज तुमने लगाया और उसमें कोपल निकल आये, [QE][QS]किंतु दुःख और तकलीफ़ के कारण [QE][QS2]उपज की कोई खुशी नहीं प्राप्त होगी. [QE][PBR]
12. [QS]हाय देश-देश के बहुत से लोगों का कैसा अपमान हो रहा है— [QE][QS2]वे समुद्र की लहरों के समान उठते हैं! [QE][QS2]और प्रचंड धारा के समान दहाड़ते हैं! [QE]
13. [QS]जैसे पहाडों से भूसी और धूल उड़कर फैलती है, [QE][QS2]वैसे ही राज्य-राज्य के लोग बाढ़ में बहते हुए बिखर जाएंगे. [QE]
14. [QS]शाम को तो घबराहट होती है! [QE][QS2]परंतु सुबह वे गायब हो जाते हैं! [QE][QS]यह उनके लिए है जिन्होंने हमें लूटा है, [QE][QS2]और इससे भी ज्यादा उनके लिए जिन्होंने हमें सताया है. [QE][PBR]