पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
यशायाह
1. {#1मिस्र के विरोध में भविष्यवाणी } [PS]मिस्र के विरोध में भविष्यवाणी: [PE][QS]देखो, याहवेह उड़नेवाले बादलों पर सवार होकर [QE][QS2]मिस्र आ रहे हैं. [QE][QS]उनके आने से मूर्तियां हिलने लगेंगी, [QE][QS2]और मिस्र के लोग कांपने लगेंगे. [QE][PBR]
2. [QS]“मैं मिस्रियों को एक दूसरे के विरुद्ध भड़काऊंगा— [QE][QS2]वे आपस में झगड़ा करेंगे, भाई अपने भाई से, [QE][QS2]पड़ोसी अपने पड़ोसी से, [QE][QS2]नगर दूसरे नगर के विरुद्ध, [QE][QS2]और राज्य दूसरे राज्य के विरुद्ध हो जायेंगे. [QE]
3. [QS]तब मिस्रियों की हिम्मत टूट जाएगी, [QE][QS2]और मैं उनकी सब योजनाओं को विफल कर दूंगा; [QE][QS]तब वे मूर्तियां, ओझों, तांत्रों [QE][QS2]तथा टोन्हों की शरण में जाएंगे. [QE]
4. [QS]मैं मिस्रियों को एक [QE][QS2]निर्दयी स्वामी के अधीन कर दूंगा, [QE][QS]और एक भयंकर राजा उन पर शासन करेगा,” [QE][QS2]सर्वशक्तिमान याहवेह की यह वाणी है. [QE][PBR]
5. [QS]समुद्र का जल सूख जाएगा, [QE][QS2]और नदियां भी सूख कर खाली हो जाएंगी. [QE]
6. [QS]नदियों से बदबू आएगी; [QE][QS2]और मिस्र की नहरें सूख कर खाली हो जाएंगी. [QE][QS]सरकंडे और सिवार मुरझा जाएंगे, [QE]
2. [QS2]नदी तट के मुहाने के सरकंडे, [QE][QS2]और नदी के किनारे में लगाए गए पौधे सूख जाएंगे, वहां कुछ नहीं बचेगा. [QE]
8. [QS]मछुवे रोएंगे, [QE][QS2]जो नील नदी में मछली पकड़ने लिए जाल डालते हैं; [QE][QS2]वे दुःखी होंगे. [QE]
9. [QS]सूत बुनने वाले निराश होंगे. बुनकरों की उम्मीद कम हो जाएगी! [QE]
10. [QS]मिस्र के अमीर लोग निराश होंगे, [QE][QS2]और भाड़े के मज़दूर उदास हो जाएंगे. [QE][PBR]
11. [QS]ज़ोअन के शासक सब मूर्ख हैं; [QE][QS2]फ़रोह के सब मंत्री मूर्ख हैं. [QE][QS]तुम फ़रोह से कैसे कह सकते हो, [QE][QS2]“मैं बुद्धिमान राजा का पुत्र हूं.” [QE][PBR]
12. [QS]तो, कहां है तुम्हारी बुद्धि? [QE][QS2]जो बता सके कि [QE][QS]मिस्र के विरुद्ध सर्वशक्तिमान याहवेह ने [QE][QS2]क्या योजना बनाई है. [QE]
13. [QS]ज़ोअन के शासक मूर्ख हैं, [QE][QS2]और नोफ के उच्च अधिकारियों को धोखा मिला; [QE][QS]जो उसके कुल के मुखिया थे [QE][QS2]वे मिस्र को विनाश की ओर ले गए हैं. [QE]
14. [QS]याहवेह ने मुखियाओं को [QE][QS2]मूर्खता की आत्मा दी है, [QE][QS]मिस्र को उसके [QE][QS2]सब कामों में धोखा दे रहे थे. [QE][QS2]वे मतवाले की नाई डगमगाते थे. [QE]
15. [QS]मिस्र की न तो सिर और न ही पूंछ न ही ऊपर खजूर की डाली [QE][QS2]और न नीचे सरकंडा किसी प्रकार से सहायक हो सकेगा. [QE]
16. [PS]उस समय मिस्री स्त्रियों के समान होगें. जब याहवेह उन पर अपना हाथ बढ़ायेंगे तब वे डरकर कांपने लगेंगे.
17. यहूदाह मिस्र के लोगों के लिए डर का कारण हो जाएगा; जो कोई इनकी बात सुनेगा वह कांप जाएगा, त्सबाओथ के याहवेह ने उनके विरुद्ध ऐसा ही किया है. [PE]
18.
19. [PS]उस समय मिस्र देश में पांच नगर होंगे जो कनानी भाषा बोलेंगे और वे सर्वशक्तिमान याहवेह के प्रति आदर रखने की शपथ खाएंगे. उन पांच नगरों में से एक नगर का नाम नाश नगर[* नाश नगर कुछ पाण्डुलिपियों में सूर्य नगर ] रखा जाएगा. [PE][PS]उस समय वे मिस्र देश में याहवेह के लिए एक वेदी और गढ़ बनाएंगे, और मिस्र की सीमाओं में याहवेह के लिये एक खंभा खड़ा होगा.
20. मिस्र देश में यह सर्वशक्तिमान याहवेह का एक चिन्ह और साक्षी होगा. जब वे दुःख देने वालों के कारण याहवेह को पुकारेंगे, तब याहवेह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजकर उनको छुड़ाएंगे.
21. याहवेह स्वयं अपने आपको मिस्रियों पर प्रकट करेंगे, और उस दिन मिस्री याहवेह को पहचानेंगे और बलि और भेंट के साथ याहवेह की आराधना करेंगे. वे याहवेह की शपथ खाएंगे और उन्हें पूरा भी करेंगे.
22. याहवेह मिस्रियों को मारेंगे; याहवेह मारेंगे और चंगा भी करेंगे. तब वे याहवेह की ओर लौट आएंगे, याहवेह उन्हें उत्तर देंगे और चंगा करेंगे. [PE]
23. [PS]उस समय मिस्र से अश्शूर तक एक राजमार्ग होगा. अश्शूरी मिस्र देश में आएंगे और मिस्री अश्शूर देश में और दोनों मिलकर आराधना करेंगे.
24. उस समय मिस्र, अश्शूर तथा इस्राएल तीनों पृथ्वी पर आशीष पायेंगे.
25. जिनके विषय में याहवेह ने कहा है, “मेरी प्रजा मिस्र पर आशीष पाए और अश्शूर, जो मेरे हाथों की रचना है, तथा इस्राएल भी जो मेरी मीरास है.” [PE]
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मिस्र के विरोध में भविष्यवाणी 1 मिस्र के विरोध में भविष्यवाणी: देखो, याहवेह उड़नेवाले बादलों पर सवार होकर मिस्र आ रहे हैं. उनके आने से मूर्तियां हिलने लगेंगी, और मिस्र के लोग कांपने लगेंगे. 2 “मैं मिस्रियों को एक दूसरे के विरुद्ध भड़काऊंगा— वे आपस में झगड़ा करेंगे, भाई अपने भाई से, पड़ोसी अपने पड़ोसी से, नगर दूसरे नगर के विरुद्ध, और राज्य दूसरे राज्य के विरुद्ध हो जायेंगे. 3 तब मिस्रियों की हिम्मत टूट जाएगी, और मैं उनकी सब योजनाओं को विफल कर दूंगा; तब वे मूर्तियां, ओझों, तांत्रों तथा टोन्हों की शरण में जाएंगे. 4 मैं मिस्रियों को एक निर्दयी स्वामी के अधीन कर दूंगा, और एक भयंकर राजा उन पर शासन करेगा,” सर्वशक्तिमान याहवेह की यह वाणी है. 5 समुद्र का जल सूख जाएगा, और नदियां भी सूख कर खाली हो जाएंगी. 6 नदियों से बदबू आएगी; और मिस्र की नहरें सूख कर खाली हो जाएंगी. सरकंडे और सिवार मुरझा जाएंगे, 2 नदी तट के मुहाने के सरकंडे, और नदी के किनारे में लगाए गए पौधे सूख जाएंगे, वहां कुछ नहीं बचेगा. 8 मछुवे रोएंगे, जो नील नदी में मछली पकड़ने लिए जाल डालते हैं; वे दुःखी होंगे. 9 सूत बुनने वाले निराश होंगे. बुनकरों की उम्मीद कम हो जाएगी! 10 मिस्र के अमीर लोग निराश होंगे, और भाड़े के मज़दूर उदास हो जाएंगे. 11 ज़ोअन के शासक सब मूर्ख हैं; फ़रोह के सब मंत्री मूर्ख हैं. तुम फ़रोह से कैसे कह सकते हो, “मैं बुद्धिमान राजा का पुत्र हूं.” 12 तो, कहां है तुम्हारी बुद्धि? जो बता सके कि मिस्र के विरुद्ध सर्वशक्तिमान याहवेह ने क्या योजना बनाई है. 13 ज़ोअन के शासक मूर्ख हैं, और नोफ के उच्च अधिकारियों को धोखा मिला; जो उसके कुल के मुखिया थे वे मिस्र को विनाश की ओर ले गए हैं. 14 याहवेह ने मुखियाओं को मूर्खता की आत्मा दी है, मिस्र को उसके सब कामों में धोखा दे रहे थे. वे मतवाले की नाई डगमगाते थे. 15 मिस्र की न तो सिर और न ही पूंछ न ही ऊपर खजूर की डाली और न नीचे सरकंडा किसी प्रकार से सहायक हो सकेगा. 16 उस समय मिस्री स्त्रियों के समान होगें. जब याहवेह उन पर अपना हाथ बढ़ायेंगे तब वे डरकर कांपने लगेंगे. 17 यहूदाह मिस्र के लोगों के लिए डर का कारण हो जाएगा; जो कोई इनकी बात सुनेगा वह कांप जाएगा, त्सबाओथ के याहवेह ने उनके विरुद्ध ऐसा ही किया है. 18 19 उस समय मिस्र देश में पांच नगर होंगे जो कनानी भाषा बोलेंगे और वे सर्वशक्तिमान याहवेह के प्रति आदर रखने की शपथ खाएंगे. उन पांच नगरों में से एक नगर का नाम नाश नगर* नाश नगर कुछ पाण्डुलिपियों में सूर्य नगर रखा जाएगा. उस समय वे मिस्र देश में याहवेह के लिए एक वेदी और गढ़ बनाएंगे, और मिस्र की सीमाओं में याहवेह के लिये एक खंभा खड़ा होगा. 20 मिस्र देश में यह सर्वशक्तिमान याहवेह का एक चिन्ह और साक्षी होगा. जब वे दुःख देने वालों के कारण याहवेह को पुकारेंगे, तब याहवेह उनके पास एक उद्धारकर्ता और रक्षक भेजकर उनको छुड़ाएंगे. 21 याहवेह स्वयं अपने आपको मिस्रियों पर प्रकट करेंगे, और उस दिन मिस्री याहवेह को पहचानेंगे और बलि और भेंट के साथ याहवेह की आराधना करेंगे. वे याहवेह की शपथ खाएंगे और उन्हें पूरा भी करेंगे. 22 याहवेह मिस्रियों को मारेंगे; याहवेह मारेंगे और चंगा भी करेंगे. तब वे याहवेह की ओर लौट आएंगे, याहवेह उन्हें उत्तर देंगे और चंगा करेंगे. 23 उस समय मिस्र से अश्शूर तक एक राजमार्ग होगा. अश्शूरी मिस्र देश में आएंगे और मिस्री अश्शूर देश में और दोनों मिलकर आराधना करेंगे. 24 उस समय मिस्र, अश्शूर तथा इस्राएल तीनों पृथ्वी पर आशीष पायेंगे. 25 जिनके विषय में याहवेह ने कहा है, “मेरी प्रजा मिस्र पर आशीष पाए और अश्शूर, जो मेरे हाथों की रचना है, तथा इस्राएल भी जो मेरी मीरास है.”
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