पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
यशायाह
1. {#1परमेश्वर के लिए स्तवन गीत } [QS]याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं; [QE][QS2]मैं आपकी प्रशंसा करूंगा और आपके नाम की महिमा करूंगा, [QE][QS]क्योंकि आपने बड़े अद्भुत काम किए हैं, [QE][QS2]और उन सनातन योजनाओं को [QE][QS2]पूरी विश्वस्तता एवं सच्चाई से आपने पूरा किया है. [QE]
2. [QS]आपने नगरों को गिरा दिया, [QE][QS2]और खंडहर कर दिया, [QE][QS]परदेशियों का अब कोई नगर नहीं; [QE][QS2]और न ही उन्हें फिर बसाया जाएगा. [QE]
3. [QS]इसलिये बलवंत प्रजा आपकी महिमा करेगी; [QE][QS2]और निर्दयी आपका भय मानेंगे. [QE]
4. [QS]दीनों के लिए आप शरणस्थान, [QE][QS2]और विपत्ति के समय आप उनके लिए ढाल होंगे, [QE][QS]दरिद्रों के लिये [QE][QS2]उनके शरण और रक्षक होंगे. [QE]
5. [QS]जैसे निर्जल देश में बादल से ठंडक होती है; [QE][QS2]वैसे ही परदेशियों का कोलाहल, [QE][QS2]और निर्दयी लोगों का जय जयकार शांत हो जाएगा. [QE][PBR]
6. [QS]इसी पर्वत पर सर्वशक्तिमान याहवेह [QE][QS2]सब लोगों को भोजन खिलाएंगे, [QE][QS]जिसमें पुराना दाखरस— [QE][QS2]और उत्तम से उत्तम चिकना भोजन जो अच्छा और स्वादिष्ट होगा. [QE]
7. [QS]इस पर्वत पर आकर सब जातियों [QE][QS2]और देशों के बीच जो पर्दा, [QE][QS]और दीवार है तोड़ देगा; [QE]
2. [QS2]वह सदा-सर्वदा के लिए मृत्यु को नाश करेंगे. [QE][QS]और प्रभु याहवेह सभी के चेहरों से [QE][QS2]आंसुओं को पोंछ देंगे; [QE][QS]वह अपने लोगों की निंदा को [QE][QS2]दूर कर देंगे. [QE][QS]याहवेह का यह संदेश है. [QE]
9. [PS]उस दिन लोग यह कहेंगे, [PE][QS]“कि, यही हैं हमारे परमेश्वर; [QE][QS2]यही हैं वह याहवेह जिनका हमने इंतजार किया. [QE][QS]आओ, हम उनके उद्धार में आनंद मनाएं [QE][QS2]और प्रसन्‍न रहेंगे.” [QE][PBR]
10. [QS]क्योंकि याहवेह का हाथ सदा बना रहेगा; [QE][QS2]मोआब उनके द्वारा रौंद दिया जाएगा [QE][QS2]जिस प्रकार गोबर-कुण्ड में एक तिनके को रौंद दिया जाता है. [QE]
11. [QS]जिस प्रकार एक तैराक अपने हाथों को फैलाता है, [QE][QS2]उसी प्रकार मोआब भी अपने हाथों को फैलाएगा. [QE][QS]किंतु याहवेह उसके घमंड को चूर-चूर [QE][QS2]और उसके हाथों की कुशलता को कमजोर कर देंगे. [QE]
12. [QS]याहवेह उसकी दृढ़ शहरपनाह को गिरा देंगे [QE][QS2]वह उन्हें भूमि पर फेंक देंगे; [QE][QS2]उन्हें मिट्टी में मिला देंगे. [QE]
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परमेश्वर के लिए स्तवन गीत 1 याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं; मैं आपकी प्रशंसा करूंगा और आपके नाम की महिमा करूंगा, क्योंकि आपने बड़े अद्भुत काम किए हैं, और उन सनातन योजनाओं को पूरी विश्वस्तता एवं सच्चाई से आपने पूरा किया है. 2 आपने नगरों को गिरा दिया, और खंडहर कर दिया, परदेशियों का अब कोई नगर नहीं; और न ही उन्हें फिर बसाया जाएगा. 3 इसलिये बलवंत प्रजा आपकी महिमा करेगी; और निर्दयी आपका भय मानेंगे. 4 दीनों के लिए आप शरणस्थान, और विपत्ति के समय आप उनके लिए ढाल होंगे, दरिद्रों के लिये उनके शरण और रक्षक होंगे. 5 जैसे निर्जल देश में बादल से ठंडक होती है; वैसे ही परदेशियों का कोलाहल, और निर्दयी लोगों का जय जयकार शांत हो जाएगा. 6 इसी पर्वत पर सर्वशक्तिमान याहवेह सब लोगों को भोजन खिलाएंगे, जिसमें पुराना दाखरस— और उत्तम से उत्तम चिकना भोजन जो अच्छा और स्वादिष्ट होगा. 7 इस पर्वत पर आकर सब जातियों और देशों के बीच जो पर्दा, और दीवार है तोड़ देगा; 2 वह सदा-सर्वदा के लिए मृत्यु को नाश करेंगे. और प्रभु याहवेह सभी के चेहरों से आंसुओं को पोंछ देंगे; वह अपने लोगों की निंदा को दूर कर देंगे. याहवेह का यह संदेश है. 9 उस दिन लोग यह कहेंगे, “कि, यही हैं हमारे परमेश्वर; यही हैं वह याहवेह जिनका हमने इंतजार किया. आओ, हम उनके उद्धार में आनंद मनाएं और प्रसन्‍न रहेंगे.” 10 क्योंकि याहवेह का हाथ सदा बना रहेगा; मोआब उनके द्वारा रौंद दिया जाएगा जिस प्रकार गोबर-कुण्ड में एक तिनके को रौंद दिया जाता है. 11 जिस प्रकार एक तैराक अपने हाथों को फैलाता है, उसी प्रकार मोआब भी अपने हाथों को फैलाएगा. किंतु याहवेह उसके घमंड को चूर-चूर और उसके हाथों की कुशलता को कमजोर कर देंगे. 12 याहवेह उसकी दृढ़ शहरपनाह को गिरा देंगे वह उन्हें भूमि पर फेंक देंगे; उन्हें मिट्टी में मिला देंगे.
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