पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
यशायाह
1. {#1एक स्तुति गीत } [PS]उस समय यहूदिया देश में यह गीत गाया जाएगा कि: [PE][QS]हमारा एक दृढ़ नगर है; [QE][QS2]याहवेह ने हमारी रक्षा के लिए चारों [QE][QS2]ओर शहरपनाह और गढ़ को बनाया है. [QE]
2. [QS]नगर के फाटकों को खोल दो [QE][QS2]कि वहां सच्चाई से, [QE][QS2]जीनेवाली एक धर्मी जाति आ सके. [QE]
3. [QS]जो परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं [QE][QS2]उनके मन को पूर्ण शांति मिलती है, [QE][QS2]और याहवेह उनकी रक्षा करते हैं. [QE]
4. [QS]सदा याहवेह पर भरोसा रखो, [QE][QS2]क्योंकि याह, याहवेह ही, हमारी सनातन चट्टान हैं. [QE]
5. [QS]क्योंकि उन्होंने पर्वत पर [QE][QS2]बसे दृढ़ नगर के निवासियों को गिरा दिया है; [QE][QS]उन्होंने इसे गिराकर [QE][QS2]धूल में मिला दिया है. [QE]
6. [QS]दुखियों और दरिद्रों के [QE][QS2]पांव इन्हें कुचल देंगे. [QE][PBR]
7. [QS]धर्मी का मार्ग सीधा होता है; [QE][QS2]आप धर्मी के मार्ग को समतल बनाते हैं. [QE]
8. [QS]हे याहवेह, आपके न्याय के मार्ग पर हम आपकी प्रतीक्षा करते हैं; [QE][QS2]आपका स्मरण हमारे प्राणों का अभिलाषी है. [QE]
9. [QS]रात के समय मेरा प्राण आपकी लालसा करता है; [QE][QS2]मेरा मन अंदर ही अंदर आपको खोजता रहता है. [QE][QS]क्योंकि जब पृथ्वी पर आपके न्याय का काम होता है, [QE][QS2]तब लोग धर्म को सीखते हैं. [QE]
10. [QS]यद्यपि दुष्ट पर दया की जाए, [QE][QS2]फिर भी वह धर्म नहीं सीखता. [QE][QS]दुष्ट चाहे भले लोगों के बीच में रहे, [QE][QS2]लेकिन वह तब भी बुरे कर्म करता रहेगा. [QE][QS]वह दुष्ट कभी भी याहवेह की महानता नहीं देख पायेगा [QE]
11. [QS]याहवेह का हाथ उठा हुआ है, [QE][QS2]फिर भी वे इसे नहीं देखते. [QE][QS]अपनी प्रजा के लिए आपके प्यार और लगन को देखकर वे लज्जित हुए हैं; [QE][QS2]आग आपके शत्रुओं को निगल लेगी. [QE][PBR]
12. [QS]याहवेह हमें शांति देंगे; [QE][QS2]क्योंकि आपने हमारे सब कामों को सफल किया है. [QE]
13. [QS]हे याहवेह हमारे परमेश्वर आपके अलावा और स्वामियों ने भी हम पर शासन किया है, [QE][QS2]किंतु हम तो आपके ही नाम का स्मरण करते हैं. [QE]
14. [QS]वे मर गये हैं, वे जीवित नहीं होंगे; [QE][QS2]वे तो छाया-समान हैं, वे नहीं उठेंगे. [QE][QS]आपने उन्हें दंड दिया और उनका नाश कर दिया; [QE][QS2]आपने उनकी याद तक मिटा डाली. [QE]
15. [QS]हे याहवेह, आपने जाति को बढ़ाया; [QE][QS2]और आप महान हुए. [QE][QS]आपने देश की सब सीमाओं को बढ़ाया. [QE][PBR]
16. [QS]हे याहवेह, कष्ट में उन्होंने आपको पुकारा; [QE][QS2]जब आपकी ताड़ना उन पर हुई, [QE][QS2]वे प्रार्थना ही कर सके. [QE]
17. [QS]जिस प्रकार जन्म देने के समय [QE][QS2]प्रसूता प्रसव पीड़ा में चिल्लाती और छटपटाती है, [QE][QS2]उसी प्रकार याहवेह आपके सामने हमारी स्थिति भी ऐसी ही है. [QE]
18. [QS]हम गर्भवती समान थे, हम प्रसव पीड़ा में छटपटा रहे थे, [QE][QS2]ऐसा प्रतीत होता है मानो हमने वायु प्रसव की. [QE][QS]हमने अपने देश के लिए कोई विजय प्राप्‍त न की, [QE][QS2]और न ही संसार के निवासियों का पतन हुआ. [QE][PBR]
19. [QS]इस्राएली जो मरे हैं वे जीवित हो जाएंगे; [QE][QS2]और उनके शव उठ खड़े होंगे, [QE][QS]तुम जो धूल में लेटे हुए हो [QE][QS2]जागो और आनंदित हो. [QE][QS]क्योंकि तुम्हारी ओस भोर की ओस के समान है; [QE][QS2]और मरे हुए पृथ्वी से जीवित हो जाएंगे. [QE][PBR]
20. [QS]मेरी प्रजा, आओ और अपनी कोठरी में जाकर [QE][QS2]द्वार बंद कर लो; [QE][QS]थोड़ी देर के लिए अपने आपको छिपा लो [QE][QS2]जब तक क्रोध शांत न हो जाए. [QE]
21. [QS]देखो, याहवेह अपने निवास स्थान से [QE][QS2]पृथ्वी के लोगों को उनके अपराधों के लिए दंड देने पर हैं. [QE][QS]पृथ्वी अपना खून प्रकट कर देगी; [QE][QS2]और हत्या किए हुओं को अब और ज्यादा छिपा न सकेगी. [QE]
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एक स्तुति गीत 1 उस समय यहूदिया देश में यह गीत गाया जाएगा कि: हमारा एक दृढ़ नगर है; याहवेह ने हमारी रक्षा के लिए चारों ओर शहरपनाह और गढ़ को बनाया है. 2 नगर के फाटकों को खोल दो कि वहां सच्चाई से, जीनेवाली एक धर्मी जाति आ सके. 3 जो परमेश्वर पर भरोसा रखते हैं उनके मन को पूर्ण शांति मिलती है, और याहवेह उनकी रक्षा करते हैं. 4 सदा याहवेह पर भरोसा रखो, क्योंकि याह, याहवेह ही, हमारी सनातन चट्टान हैं. 5 क्योंकि उन्होंने पर्वत पर बसे दृढ़ नगर के निवासियों को गिरा दिया है; उन्होंने इसे गिराकर धूल में मिला दिया है. 6 दुखियों और दरिद्रों के पांव इन्हें कुचल देंगे. 7 धर्मी का मार्ग सीधा होता है; आप धर्मी के मार्ग को समतल बनाते हैं. 8 हे याहवेह, आपके न्याय के मार्ग पर हम आपकी प्रतीक्षा करते हैं; आपका स्मरण हमारे प्राणों का अभिलाषी है. 9 रात के समय मेरा प्राण आपकी लालसा करता है; मेरा मन अंदर ही अंदर आपको खोजता रहता है. क्योंकि जब पृथ्वी पर आपके न्याय का काम होता है, तब लोग धर्म को सीखते हैं. 10 यद्यपि दुष्ट पर दया की जाए, फिर भी वह धर्म नहीं सीखता. दुष्ट चाहे भले लोगों के बीच में रहे, लेकिन वह तब भी बुरे कर्म करता रहेगा. वह दुष्ट कभी भी याहवेह की महानता नहीं देख पायेगा 11 याहवेह का हाथ उठा हुआ है, फिर भी वे इसे नहीं देखते. अपनी प्रजा के लिए आपके प्यार और लगन को देखकर वे लज्जित हुए हैं; आग आपके शत्रुओं को निगल लेगी. 12 याहवेह हमें शांति देंगे; क्योंकि आपने हमारे सब कामों को सफल किया है. 13 हे याहवेह हमारे परमेश्वर आपके अलावा और स्वामियों ने भी हम पर शासन किया है, किंतु हम तो आपके ही नाम का स्मरण करते हैं. 14 वे मर गये हैं, वे जीवित नहीं होंगे; वे तो छाया-समान हैं, वे नहीं उठेंगे. आपने उन्हें दंड दिया और उनका नाश कर दिया; आपने उनकी याद तक मिटा डाली. 15 हे याहवेह, आपने जाति को बढ़ाया; और आप महान हुए. आपने देश की सब सीमाओं को बढ़ाया. 16 हे याहवेह, कष्ट में उन्होंने आपको पुकारा; जब आपकी ताड़ना उन पर हुई, वे प्रार्थना ही कर सके. 17 जिस प्रकार जन्म देने के समय प्रसूता प्रसव पीड़ा में चिल्लाती और छटपटाती है, उसी प्रकार याहवेह आपके सामने हमारी स्थिति भी ऐसी ही है. 18 हम गर्भवती समान थे, हम प्रसव पीड़ा में छटपटा रहे थे, ऐसा प्रतीत होता है मानो हमने वायु प्रसव की. हमने अपने देश के लिए कोई विजय प्राप्‍त न की, और न ही संसार के निवासियों का पतन हुआ. 19 इस्राएली जो मरे हैं वे जीवित हो जाएंगे; और उनके शव उठ खड़े होंगे, तुम जो धूल में लेटे हुए हो जागो और आनंदित हो. क्योंकि तुम्हारी ओस भोर की ओस के समान है; और मरे हुए पृथ्वी से जीवित हो जाएंगे. 20 मेरी प्रजा, आओ और अपनी कोठरी में जाकर द्वार बंद कर लो; थोड़ी देर के लिए अपने आपको छिपा लो जब तक क्रोध शांत न हो जाए. 21 देखो, याहवेह अपने निवास स्थान से पृथ्वी के लोगों को उनके अपराधों के लिए दंड देने पर हैं. पृथ्वी अपना खून प्रकट कर देगी; और हत्या किए हुओं को अब और ज्यादा छिपा न सकेगी.
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