पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
यशायाह
1. {#1इस्राएल की विमुक्ति } [PS]उस दिन, [PE][QS]याहवेह अपनी बड़ी और भयानक तलवार से, [QE][QS2]टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान को दंड दिया करेंगे, [QE][QS2]टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान; [QE][QS]वह उसको मार देंगे जो समुद्र में रहता है. [QE]
2. [PS]उस दिन— [PE][QS]“आप दाख की बारी के विषय में एक गीत गाओगे: [QE]
2. [QS2]मैं, याहवेह इसका रक्षक हूं; [QE][QS2]हर क्षण मैं इसकी सिंचाई करता हूं. [QE][QS]मैं दिन-रात इसका पहरा देता हूं [QE][QS2]कि कोई इसको नुकसान न पहुंचाएं. [QE]
2. [QS2]मैं कठोर नहीं हूं. [QE][QS]किंतु यदि कंटीले झाड़ मेरे विरुद्ध खड़े होंगे! [QE][QS2]तो मैं उन्हें पूर्णतः भस्म कर दूंगा. [QE]
5. [QS]या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में [QE][QS2]आना चाहे तो वे मेरे पास आए.” [QE][PBR]
6. [QS]उस दिन याकोब अपनी जड़ मजबूत करेगा, [QE][QS2]इस्राएल और पूरा संसार [QE][QS2]इसके फल से भर जाएगा. [QE][PBR]
7. [QS]क्या याहवेह ने उन पर वैसा ही आक्रमण किया है, [QE][QS2]जैसा उनके मारने वालों पर आक्रमण करता है? [QE][QS]या उनका वध उस प्रकार कर दिया गया, [QE][QS2]जिस प्रकार उनके हत्यारों का वध किया गया था? [QE]
8. [QS]जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, [QE][QS2]पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया. [QE]
9. [QS]जब याकोब वेदियों के पत्थरों को चूर-चूर कर देगा, [QE][QS2]फिर न कोई अशेराह और न कोई धूप वेदी खड़ी रहेगी: [QE][QS]तब इसके द्वारा याकोब का अपराध क्षमा किया जाएगा; [QE][QS2]यह उसके पापों का प्रायश्चित होगा. [QE]
10. [QS]क्योंकि नगर निर्जन हो गया है, [QE][QS2]घर मरुभूमि, छोड़ी हुई और बंजर भूमि समान कर दिया गया है; [QE][QS]वहां बछड़े चरेंगे, [QE][QS2]और आराम करेंगे; [QE][QS2]और इसकी शाखाओं से भोजन करेंगे. [QE]
11. [QS]जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, [QE][QS2]तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. [QE][QS]क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; [QE][QS2]इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, [QE][QS2]जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे. [QE]
12. [PS]उस दिन याहवेह फरात नदी से मिस्र की घाटी तक अपने अनाज को झाड़ेंगे और इस्राएल, तुम्हें एक-एक करके एकत्र किया जाएगा.
13. उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे. [PE]
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इस्राएल की विमुक्ति 1 उस दिन, याहवेह अपनी बड़ी और भयानक तलवार से, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान को दंड दिया करेंगे, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान; वह उसको मार देंगे जो समुद्र में रहता है. 2 उस दिन— “आप दाख की बारी के विषय में एक गीत गाओगे: 2 मैं, याहवेह इसका रक्षक हूं; हर क्षण मैं इसकी सिंचाई करता हूं. मैं दिन-रात इसका पहरा देता हूं कि कोई इसको नुकसान न पहुंचाएं. 2 मैं कठोर नहीं हूं. किंतु यदि कंटीले झाड़ मेरे विरुद्ध खड़े होंगे! तो मैं उन्हें पूर्णतः भस्म कर दूंगा. 5 या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में आना चाहे तो वे मेरे पास आए.” 6 उस दिन याकोब अपनी जड़ मजबूत करेगा, इस्राएल और पूरा संसार इसके फल से भर जाएगा. 7 क्या याहवेह ने उन पर वैसा ही आक्रमण किया है, जैसा उनके मारने वालों पर आक्रमण करता है? या उनका वध उस प्रकार कर दिया गया, जिस प्रकार उनके हत्यारों का वध किया गया था? 8 जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया. 9 जब याकोब वेदियों के पत्थरों को चूर-चूर कर देगा, फिर न कोई अशेराह और न कोई धूप वेदी खड़ी रहेगी: तब इसके द्वारा याकोब का अपराध क्षमा किया जाएगा; यह उसके पापों का प्रायश्चित होगा. 10 क्योंकि नगर निर्जन हो गया है, घर मरुभूमि, छोड़ी हुई और बंजर भूमि समान कर दिया गया है; वहां बछड़े चरेंगे, और आराम करेंगे; और इसकी शाखाओं से भोजन करेंगे. 11 जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे. 12 उस दिन याहवेह फरात नदी से मिस्र की घाटी तक अपने अनाज को झाड़ेंगे और इस्राएल, तुम्हें एक-एक करके एकत्र किया जाएगा. 13 उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे.
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