1. {#1येरूशलेम और यहूदिया पर न्याय } [QS]प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह येरूशलेम और यहूदिया से उनका सहारा [QE][QS2]और उनके अन्न और जल का स्रोत सब दूर कर देगा, [QE]
2. [QS2]वीर योद्धा तथा सैनिक, [QE][QS]न्यायी तथा भविष्यद्वक्ता, [QE][QS2]भावी बोलनेवाले तथा बूढ़े, [QE]
3. [QS]मंत्री और प्रतिष्ठित व्यक्ति, [QE][QS2]सलाहकार, कारीगर और जादूगर को भी दूर करेंगे. [QE][PBR]
4. [QS]“मैं लड़कों को शासक बना दूंगा; [QE][QS2]और वे उन पर शासन करेंगे.” [QE][PBR]
5. [QS]लोग एक दूसरे पर अत्याचार करेंगे— [QE][QS2]सब अपने साथी, पड़ोसी पर, [QE][QS2]और लड़के, बूढ़ों से बुरा व्यवहार करेंगे. [QE][PBR]
6. [QS]जब एक व्यक्ति अपने पिता के घर में [QE][QS2]अपने भाई से ही यह कहने लगे, [QE][QS]“तुम्हारे पास तो अच्छा वस्त्र है, तुम्हें हमारा न्यायी होना चाहिए; [QE][QS2]और यह देश जो उजड़ा हुआ है अपने अधीन कर लो!” [QE]
7. [QS]उस दिन कहेगा, [QE][QS2]“मैं चंगा करनेवाला नहीं हूं. [QE][QS]क्योंकि मेरे घर में न तो भोजन है और न वस्त्र; [QE][QS2]ऐसा व्यक्ति प्रजा का शासक नहीं बन सकता.” [QE][PBR]
8. [QS]येरूशलेम लड़खड़ाया [QE][QS2]और यहूदिया गिर गया है; [QE][QS]क्योंकि उनके वचन और उनके काम याहवेह के विरुद्ध हैं, [QE][QS2]जो याहवेह के तेजोमय आंखों के सामने बुराई करनेवाले हो गये. [QE]
9. [QS]उनका मुंह ही उनके विरुद्ध गवाही देता हैं; [QE][QS2]और वे सदोम के समान अपने ही पापों को बताते हैं; [QE][QS2]वे उन्हें छिपाते नहीं हाय उन पर. [QE][QS]क्योंकि उन्होंने अपना ही नुकसान किया है. [QE][PBR]
10. [QS]धर्मियों को यह बताओ कि उनका अच्छा ही होगा, [QE][QS2]क्योंकि उन्हें उनके कामों का प्रतिफल मिलेगा. [QE]
11. [QS]हाय है दुष्ट पर! [QE][QS2]उनके साथ बुरा ही होगा! [QE][QS]क्योंकि उनके बुरे कामों का फल [QE][QS2]उन्हें बुरा ही मिलेगा. [QE][PBR]
12. [QS]मेरे लोगों को बच्चे दुःख देते हैं, [QE][QS2]और स्त्रियां उन पर अधिकार करती हैं. [QE][QS]हे मेरी प्रजा, जो तुम्हारे मार्ग बताते हैं; [QE][QS2]वे ही तुम्हें भटकाते हैं तथा वे तुम्हारे रास्ते को भूला देते हैं. [QE][PBR]
13. [QS]याहवेह तुम्हें बचाने [QE][QS2]और लोगों के न्याय निष्पादन के लिए तैयार हैं. [QE]
14. [QS]याहवेह न्याय के लिए शासन करनेवालों [QE][QS2]तथा बूढ़ों के साथ मिल गए हैं: [QE][QS]“तुम ही ने खेत से अंगूर खा लिये; [QE][QS2]और गरीबों से लूटा गया सामान अपने घर में रखा. [QE]
15. [QS]क्यों मेरी प्रजा को परेशान [QE][QS2]और दुःखी करते हो?” [QE][QS]प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह कहता है! [QE][PBR]
16. [QS]याहवेह कहता है, “ज़ियोन की पुत्रियां घमंड करती हैं, [QE][QS2]वे सिर ऊंचा कर आंखों को मटकाती, [QE][QS2]घुंघरूओं को छमछमाती हुई पायल पहनकर चलती हैं. [QE]
17. [QS]इसलिये प्रभु याहवेह ज़ियोन की पुत्रियों के सिर को गंजा कर देंगे; [QE][QS2]और उनके तन को विवस्त्र करेंगे.” [QE]
18. [PS]उस दिन प्रभु उनकी पायल, ललाट पट्टिका, झूमर,
19. झुमके, कंगन, झीना मुखावरण,
20. सुंदर वस्त्र, भुजबन्द, करधनी, ईत्रदान, कवच,
21. अंगूठी, नथ,
22. मख़मल के वस्त्र, कुरती, बुन्दियों, ओढ़नी;
23. बटूवा, अधोवस्त्र, पगड़ी और ओढ़नी की सुंदरता को हटा देंगे. [QE]
24. [QS]और खुशबू की जगह बदबू; [QE][QS2]करधनी के स्थान पर रस्सी; [QE][QS]बालों की जगह गंजापन; [QE][QS2]बहुमूल्य वस्त्रों के स्थान पर टाट; [QE][QS2]और सुंदरता की जगह बदसूरती होगी. [QE]
25. [QS]तुम्हारे पुरुष तलवार से, [QE][QS2]और तुम्हारे योद्धा युद्ध में मारे जाएंगे. [QE]
26. [QS]तुम्हारे फाटक रोएंगे और शोक मनाएंगे; [QE][QS2]वह अकेली भूमि पर बैठी रहेगी. [QE]