1. {#1जिद्दी राष्ट्र पर हाय! } [QS]याहवेह ने कहा, [QE][QS2]“हाय उन विद्रोही लड़कों पर! [QE][QS]वे योजनाएं बनाते हैं किंतु मेरी सहायता से नहीं, [QE][QS2]वाचा तो बांधते हैं, परंतु मेरी आत्मा से नहीं. [QE][QS2]इस प्रकार वे पाप करते हैं; [QE]
2. [QS]वे मुझसे बिना पूछे [QE][QS2]मिस्र जाते हैं; [QE][QS]कि फ़रोह के साथ में रहे [QE][QS2]और मिस्र की छाया की शरण लें. [QE]
3. [QS]इस कारण फ़रोह की सुरक्षा ही तुम्हारी लज्जा का कारण, [QE][QS2]और मिस्र की छाया की शरण तुम्हारा अपमान होगी. [QE]
4. [QS]क्योंकि उनके अधिकारी ज़ोअन में हैं [QE][QS2]और उनके संदेश देनेवाले हानेस तक आ पहुंचे हैं, [QE]
5. [QS]हर व्यक्ति को उन लोगों के कारण लज्जित किया जाएगा [QE][QS2]जिनसे उन्हें कोई लाभ नहीं है, [QE][QS]ये वे हैं जो किसी लाभ या सहायता के लिए नहीं, [QE][QS2]बल्कि लज्जा और अपमान करने के लिए ही है.” [QE]
6. [PS]नेगेव के पशु के बारे में कहा कि; [PE][QS]विपत्ति और वेदना के देश से होकर, [QE][QS2]जहां से सिंह और सिंहनी, [QE][QS2]सांप और वे सांप जो उड़ते हैं, [QE][QS]वे अपनी धन-संपत्ति अपने गधों पर और अपना खजाना ऊंटों पर, [QE][QS2]रखकर उन लोगों के पास ले जाते हैं, [QE][QS]जिनसे उनको कोई फायदा नहीं, [QE]
2. [QS2]मिस्र की सहायता व्यर्थ और झूठी है. [QE][QS]इसलिये मैंने उसका नाम [QE][QS2]राहाब जो व्यर्थ रखा है. [QE][PBR]
8. [QS]अब जाओ, इस बात को उनके सामने एक पत्थर पर खोदकर, [QE][QS2]और एक पुस्तक में लिखकर दो, [QE][QS]जिससे यह संदेश हमेशा के लिए [QE][QS2]एक साक्ष्य रहे. [QE]
9. [QS]क्योंकि यह एक विद्रोही प्रजा, धोखेबाज संतान है, [QE][QS2]वह संतान जो याहवेह की आज्ञा को नहीं मानती है. [QE]
10. [QS]कौन दर्शकों को कहता है, [QE][QS2]“तुम दर्शन मत देखो!” [QE][QS]भविष्यवक्ताओं से, [QE][QS2]“तुम हमें इस विषय में भविष्यवाणी मत बताओ कि सही क्या है और [QE][QS]हमसे चिकनी-चुपड़ी बातें करो, [QE][QS2]झूठी भविष्यवाणी करो. [QE]
11. [QS]तुम रास्ता छोड़ दो, [QE][QS2]मार्ग से हट जाओ, [QE][QS]इस्राएल के पवित्र परमेश्वर के विषय में [QE][QS2]और कुछ न सुनाओ!” [QE]
12. [PS]इस कारण इस्राएल के पवित्र परमेश्वर ने कहा: [PE][QS]“क्योंकि तुमने इस बात को नहीं माना [QE][QS2]और तुमने विश्वास झूठ और कपट में किया है [QE][QS2]और तुम उन्हीं पर आश्रित रहे हो, [QE]
13. [QS]इसलिये यह अपराध तुम्हारे ऊपर ऐसे आया, [QE][QS2]जैसे एक दीवार टूटकर अचानक गिर जाती है. [QE]
14. [QS]इसका टूटकर गिरना वैसा जैसे कुम्हार के एक बर्तन को, [QE][QS2]चूर-चूर कर दिया जाता है [QE][QS]जिसके कारण इसके टुकड़ों में कुछ भी न बचेगा [QE][QS2]इससे न चूल्हे में से राख निकाली जा सके या जल कुंड में से पानी.” [QE]
15. [PS]क्योंकि प्रभु याहवेह इस्राएल के पवित्र परमेश्वर याहवेह यों कहते हैं: [PE][QS]“अगर तुम चुप रहते और लौट आते तो उद्धार पाते, [QE][QS2]तथा शांत रहकर विश्वास करते तो सफल होते, [QE][QS2]परंतु तुमने ऐसा नहीं किया. [QE]
16. [QS]लेकिन तुमने कहा कि, ‘हम तो घोड़ों पर चढ़कर भाग जाएंगे.’ [QE][QS2]इसलिये तुम भाग जाओगे! [QE][QS]और घोड़े को तेज भगाकर चले जायेंगे, [QE][QS2]इसलिये जो तुम्हारा पीछा करेंगे, वे भी तेज होंगे! [QE]
17. [QS]एक व्यक्ति के भय से [QE][QS2]एक हजार भागेंगे; [QE][QS]पांच के डराने से [QE][QS2]तुम ऐसा भागोगे [QE][QS]कि भागते भागते पहाड़ की आखिरी ऊंचाई पर [QE][QS2]जहां निशानी के लिये झंडा गाड़ा जाता है [QE][QS2]वहां तक पहुंच जाओ.” [QE][PBR]
18. [QS]याहवेह तुम पर कृपा करने के लिए उठ गए हैं; [QE][QS2]क्योंकि याहवेह न्यायी परमेश्वर हैं. [QE][QS]धन्य हैं वे सब, [QE][QS2]जो उस पर आशा लगाये रहते हैं! [QE]
19. [PS]हे ज़ियोन के लोगो, येरूशलेम के वासियो, तुम अब और न रोओगे. याहवेह तुम्हारे रोने को सुनकर तुम पर दयालु होंगे और तुम्हें उत्तर देंगे.
20. यद्यपि प्रभु ने तुम्हें विपत्ति की रोटी और दुःख का जल दिया है, वह, तुमसे अब दूर नहीं जायेंगे. तुम्हें उपदेश देंगे और तुम अपनी आंखों से उपदेशक को देखोगे.
21. जब कभी भी तुम दायें अथवा बायें मुड़ो तुम्हें पीछे से एक आवाज सुनाई देगी, “यही है वह मार्ग; इसी पर चला करो.”
22. तुम्हारे सोने और चांदी जिसमें मूर्तियां खुदी हुई है; उसे अशुद्ध करोगे और उसे पुराने कपड़ों के समान उठाकर फेंक दोगे, “दूर हो जाओ!” [PE]
23. [PS]तब याहवेह उस बीज के लिए तुम्हें बारिश देंगे जो तुमने भूमि में लगाई है, और भोजन अर्थात् वह उपज जो भूमि से मिलती है उत्तम और भरपूर होगी.
24. बैल और गधे जो खेतों के लिए काम में लाए जाते हैं, वे सूप और डलिया से फटकी हुई भूसी खाकर तृप्त होंगे.
25. उस महा संहार के समय जब दुर्ग गिरेंगे, तब पहाड़ों और हर ऊंची पहाड़ियों से सोते बहेंगे.
26. उस समय जब याहवेह अपने लोगों के घाव पर पट्टी बांधेंगे और उन खरोचों को ठीक करेंगे, जो उन्होंने उन्हें पहुंचाई थी, उस दिन चंद्रमा का तेज सूर्य के तेज के समान होगा और सूर्य का प्रकाश सात गुणा अर्थात् वह सात दिन के प्रकाश के समान होगा. [PE]
27. [QS]देखो, याहवेह अपनी महिमा में दूर से आ रहे हैं, [QE][QS2]उनका क्रोध भड़क उठा है और धुंए का बादल उठ रहा है; [QE][QS]उसके होंठ क्रोध से भरे हैं, [QE][QS2]और उनकी जीभ भस्म करनेवाली आग के समान है. [QE]
28. [QS]उनकी श्वास उमड़ती हुई धारा के समान है, [QE][QS2]जो गले तक पहुंचती है. [QE][QS]वह सब जनताओं को छलनी में आगे-पीछे हिला देंगे; [QE][QS2]और लोगों के जबड़ों में ऐसी लगाम कस देंगे [QE][QS2]जो नाश की ओर ले जाती है. [QE]
29. [QS]तुम्हारे गीत [QE][QS2]पवित्र पर्व पर रात में गाए गीतों के समान होंगे; [QE][QS]और तुम्हारा दिल ऐसे आनंदित होगा [QE][QS2]जैसे कोई याहवेह के पर्वत [QE][QS]इस्राएल की चट्टान पर, [QE][QS2]बांसुरी की आवाज के साथ आगे बढ़ता जाता है. [QE]
30. [QS]तब याहवेह अपनी प्रतापमय वाणी सुनायेंगे [QE][QS2]और स्वर्ग से उनका बल उनके प्रचंड क्रोध, [QE][QS]भस्म करनेवाली आग, भारी वर्षा [QE][QS2]और ओलों के द्वारा दिखाई देगा. [QE]
31. [QS]क्योंकि याहवेह की शक्ति पर अश्शूर डर जाएगा; [QE][QS2]जब याहवेह उनको दंड देंगे. [QE]
32. [QS]उस समय खंजरी और नेबेल की आवाज सुनाई देगी, [QE][QS2]याहवेह हथियार से उनसे युद्ध करेंगे. [QE]
33. [QS]क्योंकि पहले से ही एक अग्निकुण्ड[* अग्निकुण्ड मूल में तोफेथ जलाने की जगह ] तैयार किया गया है; [QE][QS2]यह राजा के लिए तैयार किया गया है. [QE][QS]अनेक लकड़ियों से बनाई गयी एक चिता; [QE][QS2]गंधक की धारा के समान, [QE][QS2]याहवेह अपनी श्वास इसमें डाल देते हैं. [QE]