1. {#1मुक्ति पाये हुओं का आनंद } [QS]वह निर्जन स्थान [QE][QS2]तथा वह मरुस्थल भूमि खुश होंगे, [QE][QS]मरुस्थल आनंदित होकर केसर समान खिल उठेंगे. [QE]
2. [QS2]वह अत्यंत आनंदित होगी [QE][QS]तथा जय जयकार और उसे लबानोन का शौर्य दिया जायेगा [QE][QS2]उसकी समृद्धि कर्मेल तथा शारोन के समान हो जाएगी, [QE][QS2]वे याहवेह की महिमा, परमेश्वर के प्रताप को देखेंगे. [QE][PBR]
3. [QS]जो उदास है उन्हें उत्साहित करो, [QE][QS2]तथा जो निर्बल हैं उन्हें दृढ़ करो; [QE]
4. [QS]घबराने वाले व्यक्तियों से कहो, [QE][QS2]“साहस बनाए रखो, भयभीत न हो; [QE][QS]स्मरण रखो, तुम्हारा परमेश्वर पलटा लेने [QE][QS2]और प्रतिफल देने आ रहा है.” [QE][PBR]
5. [QS]तब अंधों की आंखें खोली जायेंगी [QE][QS2]तथा बहरों के कान खोल दिये जायेंगे. [QE]
6. [QS]तब लंगड़ा हिरण के समान उछलेगा, [QE][QS2]गूंगे अपनी जीभ से जय जयकार करेंगे. [QE][QS]सुनसान जगह पर सोता फूट निकलेगा [QE][QS2]तथा मरुस्थल में नदियां बहेंगी. [QE]
7. [QS]सूखी हुई भूमि पोखर सोते में बदल जायेगी, [QE][QS2]तथा धारा झरनों में बदलेगी. [QE][QS]तथा तृषित धरा झरनों में; जिस जगह पर कभी सियारों का बसेरा था, [QE][QS2]वहां हरियाली हो जायेगी. [QE][PBR]
8. [QS]वहां एक मार्ग होगा; [QE][QS2]उसका नाम पवित्र मार्ग होगा. [QE][QS]अशुद्ध उस पर न चल पाएंगे; [QE][QS2]निर्धारित लोग (परमेश्वर के पवित्र लोग) ही उस पर चला करेंगे; [QE][QS2]न ही मूर्ख वहां आएंगे. [QE]
9. [QS]उस मार्ग पर सिंह नहीं होगा, [QE][QS2]न ही कोई जंगली पशु वहां आयेगा; [QE][QS2]इनमें से कोई भी उस मार्ग पर नहीं चलेगा. [QE]
10. [QS]इसलिये वे जो याहवेह द्वारा छुड़ाए गए हैं, [QE][QS2]जय जयकार के साथ ज़ियोन में आएंगे; [QE][QS]उनके सिर पर आनंद के मुकुट होंगे [QE][QS2]और उनका दुःख तथा उनके आंसुओं का अंत हो जायेगा, [QE][QS]तब वे सुख तथा खुशी के अधिकारी हो जाएंगे. [QE]