1. {#1जिद्दी इस्राएल } [QS]“हे याकोब के वंश, [QE][QS2]तुम जो इस्राएली कहलाते हो [QE][QS2]तथा जो यहूदाह की संतान हो, [QE][QS]जो याहवेह के नाम की शपथ लेते हो [QE][QS2]जो इस्राएल के परमेश्वर की दोहाई देते हो— [QE][QS2]किंतु यह सब न तो सच्चाई से होता है और न धर्म से होता है— [QE]
2. [QS]क्योंकि वे पवित्र होने का दावा करते हैं [QE][QS2]वे इस्राएल के परमेश्वर पर भरोसा भी रखते हैं— [QE][QS2]जिनका नाम सर्वशक्तिमान याहवेह: [QE]
3. [QS]होनेवाली बातों को पहले ही बताया है, [QE][QS2]यह मेरे ही मुंह से निकली और सब सच हो गई. [QE]
4. [QS]इसलिये कि मुझे मालूम है कि तुम हठीले हो; [QE][QS2]तुम्हारी गर्दन लोहे की बनी हुई है, [QE][QS2]तथा तुम्हारा सिर कांस्य का बना है. [QE]
5. [QS]इस कारण मैंने यह बात पहले ही बता दी थी; [QE][QS2]उनके होने के पहले मैंने ये बता दिया था [QE][QS]ताकि तुम यह न कहो कि, [QE][QS2]‘यह तो मेरी मूर्तियों ने किया जिसको हमने बनाया था.’ [QE]
6. [QS]तुम सुन चुके हो; अब यह देख लो. [QE][QS2]क्या अब तुम इसकी घोषणा न करोगे? [QE][PBR] [QS]“अब मैं तुम्हें नई नई और गुप्त बातें सुनाऊंगा, [QE][QS2]जिन्हें तुम नहीं जानते. [QE]
7. [QS]इसकी रचना अभी की गई है पहले से नहीं; [QE][QS]परंतु आज से पहले तुमने इसके विषय में नहीं सुना है. [QE][QS]कि तुम यह कह सको कि, [QE][QS2]‘यह तो मुझे पहले से ही मालूम था.’ [QE]
8. [QS]हां सच तुमने सुना नहीं, तुम्हें इसका ज्ञान तक न था; [QE][QS2]न तुम्हारे कान खोले गए थे क्योंकि मुझे मालूम था. [QE][QS]कि तुम अवश्य धोखा दोगे; [QE][QS2]इस कारण गर्भ ही से तुम्हारा नाम अपराधी पड़ा है. [QE]
9. [QS]अपने ही नाम के कारण मैंने अपने क्रोध को रोक रखा है; [QE][QS2]अपनी ही महिमा के निमित्त तुम्हारे हित में मैं इसे रोके रहा, [QE][QS2]कि तुम मिट न जाओ. [QE]
10. [QS]यह देख, मैंने तुम्हें शुद्ध तो किया है, परंतु चांदी के समान मैंने तुम्हें दुःख देकर; [QE][QS2]जांच कर तुम्हें चुन लिया है. [QE]
11. [QS]अपने हित में, हां! अपने हित में, मैंने यह किया है. [QE][QS2]क्योंकि यह कैसे संभव हो सकता है कि मेरा नाम दूषित हो? [QE][QS2]अपनी महिमा किसी और को दो. [QE]
12. {#1इस्राएल की आज़ादी } [QS]“हे याकोब, [QE][QS2]हे मेरे बुलाये हुए इस्राएल: [QE][QS]मैं वही हूं; [QE][QS2]मैं ही आदि और अंत हूं. [QE]
13. [QS]इसमें कोई संदेह नहीं कि मेरे हाथों ने पृथ्वी की नींव रखी, [QE][QS2]मेरे दाएं हाथ ने आकाश को बढ़ाया है; [QE][QS]जब मैं कहता हूं, [QE][QS2]वे एक साथ खड़े हो जाते हैं. [QE][PBR]
14. [QS]“तुम सब मेरी बात ध्यान से सुनो: [QE][QS2]उनमें से कौन है, जिसने इन बातों को बताया? [QE][QS]याहवेह उससे प्रेम करते हैं [QE][QS2]वही बाबेल के बारे में याहवेह की इच्छा पूरी करेगा; [QE][QS2]याहवेह का हाथ कसदियों[* कसदियों बाबेल के लोग ] के ऊपर उठेगा. [QE]
15. [QS]मैंने कह दिया है; [QE][QS2]और मैंने उनको बुलाया है. [QE][QS]मैं उसे लाया हूं, [QE][QS2]तथा याहवेह ही उसके काम को सफल करेंगे. [QE]
16. [PS]“मेरे पास आकर यह सुनो, [QE][QS]“शुरू से अब तक मैंने कोई बात नहीं छुपाई; [QE][QS2]जिस समय ऐसा होता है, तब मैं वहां हूं.” [QE][PBR] [QS]और अब प्रभु याहवेह ने मुझे [QE][QS2]तथा अपनी आत्मा को भेज दिया है. [QE][PBR]
17. [QS]तुम्हें छुड़ाने वाला इस्राएल के पवित्र परमेश्वर, [QE][QS2]याहवेह यों कहते हैं: [QE][QS]“मैं ही याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं, [QE][QS2]जो तुम्हें वही सिखाता हूं, [QE][QS2]जो तुम्हारे लिए सही है, और जिस मार्ग में तुम्हें चलना चाहिये. [QE]
18. [QS]यदि तुमने मेरी बातों पर मात्र ध्यान दिया होता, [QE][QS2]तब तो तुम्हारी शांति नदी के समान, [QE][QS2]और तुम्हारा धर्म सागर की लहरों के समान होता. [QE]
19. [QS]तुम्हारे वंश बालू के कण के समान होते, [QE][QS2]मेरे कारण उनके नाम न तो मिटाए न ही काटे जाएंगे.” [QE][PBR]
20. [QS]बाबेल से निकल जाओ, [QE][QS2]कसदियों के बीच से भाग जाओ! [QE][QS]जय जयकार के साथ बताओ, [QE][QS2]“याहवेह ने अपने सेवक याकोब को छुड़ा लिया है; [QE][QS2]यह बात पृथ्वी के छोर तक फैलाओ.” [QE]
21. [QS]जब याहवेह उन्हें मरुस्थल में से लेकर आए थे, वे प्यासे नहीं हुए; [QE][QS2]उनके लिए याहवेह ने चट्टान से जल निकाला था; [QE][QS]उन्होंने चट्टान को चीरा [QE][QS2]और उसमें से जल फूट पड़ा था. [QE][PBR]
22. [QS]“दुष्टों को कोई शांति नहीं मिलेगी,” यह याहवेह का वचन है. [QE][PBR]