1. {#1सब राष्ट्रों को आशीष } [PS]याहवेह यों कहते हैं: [PE][QS]“न्याय का यों पालन करो [QE][QS2]तथा धर्म के काम करो, [QE][QS]क्योंकि मैं जल्द ही तुम्हारा उद्धार करूंगा, [QE][QS2]मेरा धर्म अब प्रकट होगा. [QE]
2. [QS]क्या ही धन्य है वह व्यक्ति जो ऐसा ही करता है, [QE][QS2]वह मनुष्य जो इस पर अटल रहकर इसे थामे रहता है, [QE][QS]जो शब्बाथ को दूषित न करने का ध्यान रखता है, [QE][QS2]तथा किसी भी गलत काम करने से अपने हाथ को बचाये रखता है.” [QE][PBR]
3. [QS]जो परदेशी याहवेह से मिल चुका है, [QE][QS2]“यह न कहे कि निश्चय याहवेह मुझे अपने लोगों से अलग रखेंगे.” [QE][QS]खोजे भी यह कह न सके, [QE][QS2]“मैं तो एक सुखा वृक्ष हूं.” [QE]
4. [PS]इस पर याहवेह ने कहा है: [PE][QS]“जो मेरे विश्राम दिन को मानते और जिस बात से मैं खुश रहता हूं, [QE][QS2]वे उसी को मानते [QE][QS2]और वाचा का पालन करते हैं— [QE]
5. [QS]उन्हें मैं अपने भवन में और भवन की दीवारों के भीतर [QE][QS2]एक यादगार बनाऊंगा तथा एक ऐसा नाम दूंगा; [QE][QS2]जो पुत्र एवं पुत्रियों से उत्तम और स्थिर एवं कभी न मिटेगा. [QE]
6. [QS]परदेशी भी जो याहवेह के साथ होकर [QE][QS2]उनकी सेवा करते हैं, [QE][QS]और याहवेह के नाम से प्रीति रखते है, [QE][QS2]उसके दास हो जाते है, [QE][QS]और विश्राम दिन को अपवित्र नहीं करते हुए पालते है, [QE][QS2]तथा मेरी वाचा पूरी करते हैं— [QE]
7. [QS]मैं उन्हें भी अपने पवित्र पर्वत पर [QE][QS2]तथा प्रार्थना भवन में लाकर आनंदित करूंगा. [QE][QS]उनके चढ़ाए होमबलि तथा मेलबलि [QE][QS2]ग्रहण करूंगा; [QE][QS]क्योंकि मेरा भवन सभी देशों के लिए [QE][QS2]प्रार्थना भवन कहलाएगा.” [QE]
8. [QS]प्रभु याहवेह, [QE][QS2]जो निकाले हुए इस्राएलियों को इकट्ठा कर रहे हैं: [QE][QS]“उनका संदेश है कि जो आ चुके हैं, [QE][QS2]मैं उनमें औरों को भी मिला दूंगा.” [QE]
9. {#1दुष्टों के प्रति चेतावनी } [QS]हे मैदान के पशुओ, [QE][QS2]हे जंगली पशुओ, भोजन के लिए आ जाओ! [QE]
10. [QS]अंधे हैं उनके पहरेदार, [QE][QS2]अज्ञानी हैं वे सभी; [QE][QS]वे ऐसे गूंगे कुत्ते हैं, [QE][QS2]जो भौंकते नहीं; [QE][QS]बिछौने पर लेटे हुए स्वप्न देखते, [QE][QS2]जिन्हें नींद प्रिय है. [QE]
11. [QS]वे कुत्ते जो लोभी हैं; [QE][QS2]कभी तृप्त नहीं होते. [QE][QS]ऐसे चरवाहे जिनमें समझ ही नहीं; [QE][QS2]उन सभी ने अपने ही लाभ के लिए, [QE][QS2]अपना अपना मार्ग चुन लिया. [QE]
12. [QS]वे कहते हैं, “आओ, [QE][QS2]हम दाखमधु पीकर तृप्त हो जाएं! [QE][QS]कल का दिन भी आज के समान, [QE][QS2]या इससे भी बेहतर होगा.” [QE][PBR] [PBR]