1. {#1याहवेह की कृपादृष्टि का वर्ष } [QS]मुझ पर प्रभु याहवेह का आत्मा है, [QE][QS2]क्योंकि याहवेह ने मेरा अभिषेक किया है [QE][QS2]कि उत्पीड़ितों तक सुसमाचार सुनाने के लिये, [QE][QS]तथा दुःखी मनवालों को शांति दूं, [QE][QS2]कि बंदियों के लिए मुक्ति का तथा कैदियों के लिये [QE][QS2]छुटकारे का प्रचार करूं, [QE]
2. [QS]कि याहवेह की कृपादृष्टि का वर्ष का प्रचार करूं, [QE][QS2]और हमारे परमेश्वर के बदला लेने के दिन का प्रचार, [QE][QS]कि उन सभी को शांति हो जो विलाप में हैं, [QE]
2. [QS2]जो ज़ियोन में विलाप कर रहे हैं, उन्हें भस्म नहीं— [QE][QS]परंतु सुंदर पगड़ी बांध दूं, [QE][QS2]ताकि उनके दुःख की जगह, [QE][QS]आनंद का तेल लगाऊं [QE][QS2]और उनकी उदासी हटाकर यश का ओढ़ना ओढ़ाऊं [QE][QS]जिससे वे धर्म और याहवेह के लगाये हुए कहलाएं और [QE][QS2]याहवेह की महिमा प्रकट हो. [QE][PBR]
4. [QS]तब वे खंडहरों का पुनर्निमाण करेंगे, [QE][QS2]वे बहुत पहले नाश हुए शहरों की मरम्मत करेंगे; [QE][QS2]उजाड़े हुए नगरों को फिर बसायेंगे. [QE]
5. [QS]अपरिचित लोग तुम्हारी भेड़-बकरियों की देखभाल करेंगे; [QE][QS2]विदेशी लोग तुम्हारे खेत ओर दाख की बारी की देखभाल करेंगे. [QE]
6. [QS]किंतु तुम याहवेह के पुरोहित कहलाओगे, [QE][QS2]वे तुमको हमारे परमेश्वर के सेवक कहेंगे. [QE][QS]तुम अन्यजातियों की संपत्ति के हकदार होंगे, [QE][QS2]तथा उनके धन पर तुम गर्व करोगे. [QE][PBR]
7. [QS]अपनी लज्जा के स्थान पर [QE][QS2]तुम्हें दो गुणा अंश मिलेगा, [QE][QS]तथा निंदा के स्थान पर [QE][QS2]वे अपने भाग के कारण हर्ष करेंगे. [QE][QS]तुम अपने देश में दुगुने होंगे, [QE][QS2]और सदा आनंदित रहोगे. [QE][PBR]
8. [QS]“क्योंकि मैं, याहवेह, न्याय प्रिय हूं; [QE][QS2]अन्याय और डकैती से मैं घृणा करता हूं. [QE][QS]इसलिये मैं उन्हें सच्चाई का प्रतिफल दूंगा [QE][QS2]तथा उनके साथ सदा की वाचा बांधूंगा. [QE]
9. [QS]उनकी संतान जनताओं में प्रसिद्ध हो जाएगी [QE][QS2]तथा उनके वंश लोगों के बीच याहवेह से आशीषित होंगे. [QE][QS]सभी उन्हें पहचान जाएंगे [QE][QS2]जो उन्हें देखेंगे.” [QE][PBR]
10. [QS]मैं याहवेह में अत्यंत आनंदित होऊंगा; [QE][QS2]मेरे प्राण मेरे परमेश्वर में मगन होंगे. [QE][QS]क्योंकि उन्होंने मुझे उद्धार के वस्त्र पहनाए [QE][QS2]और धर्म की चादर ओढ़ा दी, [QE][QS]जैसे दूल्हा फूलों से अपने आपको सजाता है, [QE][QS2]और दुल्हन गहनों से श्रृंगार करती है. [QE]
11. [QS]क्योंकि जिस प्रकार भूमि अपनी उपज उगाती [QE][QS2]और बारी में बोये गये बीज को अंकुरित करती है, [QE][QS]उसी प्रकार प्रभु याहवेह [QE][QS2]सब देशों के बीच धार्मिकता बढ़ाएंगे. [QE][PBR]