पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
यिर्मयाह
1. {#1मोआब के विरुद्ध नबूवत } [PS]मोआब के विषय में ज़आबोथ याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: [PE][QS]“धिक्कार है नेबो पर, क्योंकि यह नष्ट हो चुका है. [QE][QS2]किरयथियों को लज्जित किया गया है, इसे अधीन कर लिया गया है; [QE][QS2]उच्चस्थ गढ़नगर को लज्जित कर दिया गया है. अब वह चूर-चूर हो चुका है. [QE]
2. [QS]मोआब की अब ख्याति धूल में जा पड़ी है; [QE][QS2]उन्होंने हेशबोन के विरुद्ध विपत्ति योजित की है: [QE][QS2]‘आओ, हम राष्ट्र के रूप में उसका अस्तित्व ही मिटा दें.’ [QE][QS]मदमेन तुम्हारा स्वर भी शांत कर दिया जाएगा; [QE][QS2]तलवार तुम्हारा पीछा करेगी. [QE]
3. [QS]होरोनयिम से विलाप सुनाई पड़ रहा है, [QE][QS2]विनाश और पूरा विध्वंस. [QE]
4. [QS]मोआब भंग हो चुका है; [QE][QS2]उसके बालक पीड़ा में विलाप कर रहे हैं. [QE]
5. [QS]वे लूहीत की चढ़ाई पर, [QE][QS2]सदा रोते हुए चढ़ते जाएंगे; [QE][QS]क्योंकि उन्होंने होरोनयिम की ढाल पर [QE][QS2]विनाश का विलाप सुन लिया है. [QE]
6. [QS]अपने प्राण बचाकर भागो; [QE][QS2]कि तुम मरुभूमि में धूप चन्दन झाड़ी सदृश हो जाओ. [QE]
7. [QS]क्योंकि तुमने अपनी ही उपलब्धियों तथा अपनी ही निधियों पर भरोसा किया है, [QE][QS2]यहां तक कि तुम स्वयं भी बंदी बना लिए जाओगे, [QE][QS]खेमोश बंदी किया जाएगा, [QE][QS2]तथा उसके साथ होंगे उसके पुरोहित तथा अधिकारी. [QE]
8. [QS]एक विनाशक हर एक नगर में जाएगा, [QE][QS2]एक भी नगर बच न सकेगा. [QE][QS]घाटी भी नष्ट हो जाएगी [QE][QS2]तथा पठार भी कुछ न रहेगा, [QE][QS2]ठीक जैसी याहवेह की पूर्ववाणी थी. [QE]
9. [QS]मोआब को पंख प्रदान किए जाएं, [QE][QS2]कि वह उड़कर दूर चला जाए; [QE][QS]क्योंकि उसके नगर उजाड़ हो जाएंगे, [QE][QS2]और कोई भी उनमें निवास न करेगा. [QE][PBR]
10. [QS]“शापित होगा वह व्यक्ति, जो याहवेह का कार्य उपेक्षा के भाव से करता है! [QE][QS2]तथा शापित वह भी होगा, जो अपनी तलवार को रक्तपात से बचाए रखता है! [QE][PBR]
11. [QS]“बचपन ही से मोआब सुख-शांति की अवस्था में रहा है, कभी उसकी शांति भंग नहीं की गई, [QE][QS2]जैसे द्राक्षालता अपनी भूमि में स्थित हो गई हो, [QE][QS]उसे एक बर्तन से दूसरे में उंडेला नहीं गया, [QE][QS2]न उसने बंधुआई का ही अनुभव किया है. [QE][QS]तब उसका स्वाद वही का वही है, [QE][QS2]उसकी सुगंध भी अपरिवर्तित बनी हुई है. [QE]
12. [QS]इसलिये यह देख लेना, कि वे दिन आ रहे हैं,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है, [QE][QS]“जब मैं मोआब में उन्हें भेजा करूंगा, जो बर्तनों से रस उण्डेलते हैं, [QE][QS2]वे मोआब को उण्डेलेंगे; [QE][QS]वे मोआब के बर्तन रिक्त कर देंगे [QE][QS2]और तब वे उसके बर्तनों को तोड़कर चूर-चूर कर देंगे. [QE]
13. [QS]खेमोश मोआब की लज्जा का कारण होगा, [QE][QS2]जिस प्रकार बेथेल इस्राएल वंश के लिए लज्जा का कारण हो गया था, [QE][QS2]जिस पर उन्होंने अत्यंत विश्वास किया था. [QE][PBR]
14. [QS]“तुम यह दावा कैसे कर रहे हो, ‘हम तो शूर योद्धा हैं, [QE][QS2]युद्ध के लिए हर प्रकार से सुयोग्य’? [QE]
15. [QS]मोआब नष्ट हो चुका है, इसके नगर नष्ट हो चुके हैं; [QE][QS2]इसके सर्वोत्तम जवान वध के लिए उतारे गए हैं,” [QE][QS2]यह राजा की वाणी है, जिनका नाम है सेनाओं का याहवेह. [QE]
16. [QS]“मोआब का विनाश तुरंत हो जाएगा; [QE][QS2]उसका विनाश निकट है. [QE]
17. [QS]तुम, जो उसके पड़ोसी हो, उसके लिए शोक मनाओ, [QE][QS2]तुम भी, जो उससे परिचित हो; [QE][QS]यह कहते जाओ, ‘कैसे टूट गया दृढ़ राजदंड, [QE][QS2]वह, जो वैभवशाली राजदंड था!’ [QE][PBR]
18. [QS]“दीबोन निवासी पुत्री [QE][QS2]और अब अपने ऐश्वर्य से नीचे उतर आओ [QE][QS2]और आकर इस शुष्क भूमि पर बैठो, [QE][QS]मोआब का विनाशक तुम्हें लक्ष्य करता हुआ आ पहुंचा है, [QE][QS2]वह तुम्हारे गढ़नगर नष्ट कर ही चुका है. [QE]
19. [QS]अरोअर वासियो, [QE][QS2]मार्ग के किनारे खड़े हो, सावधानीपूर्वक देखते रहो. [QE][QS]उससे यह पूछो: जो भाग रहा है तथा उससे भी, [QE][QS2]जो बचकर निकल रहा है, ‘हुआ क्या है?’ [QE]
20. [QS]मोआब लज्जित है, क्योंकि इसे तोड़ दिया गया है. [QE][QS2]चिल्लाओ, विलाप करो! [QE][QS]आरनोन के निकट जाकर घोषणा करो, [QE][QS2]कि मोआब विनष्ट किया जा चुका है. [QE]
21. [QS]मैदानी क्षेत्र पर भी अब दंड प्रभावी हो चुका है; [QE][QS2]होलोन, यहत्स, मेफाअथ, [QE]
2. [QS2]दीबोन, नेबो, बेथ-दिबलाथाईम, [QE]
2. [QS2]किरयथियों, बेथ-गामूल, बेथ-मिओन, [QE]
2. [QS2]केरिओथ, बोज़राह [QE][QS2]तथा मोआब के दूरवर्ती एवं निकटवर्ती सभी नगर. [QE]
25. [QS]मोआब की शक्ति का प्रतीक सींग ही काट दिया गया है; [QE][QS2]तथा उसकी भुजा तोड़ दी गई है,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है. [QE][PBR]
26. [QS]“उसे मतवाला कर दो, [QE][QS2]क्योंकि उसने याहवेह के समक्ष अहंकार करके विद्रोह किया है. [QE][QS]अब वह उस स्थिति में पहुंच जाएगा जब वह अपनी ही उल्टी में लोटता हुआ दिखाई देगा; [QE][QS2]और वह उपहास का विषय बन जाएगा. [QE]
27. [QS]क्या इस्राएल तुम्हारे लिए उपहास का विषय न बना था? [QE][QS2]अथवा क्या वह चोरों में से है, [QE][QS]क्योंकि जब भी इस्राएल का उल्लेख होता है, [QE][QS2]तुम घृणाभाव से अपना सिर हिलाने लगते हो? [QE]
28. [QS]मोआबवासियो, [QE][QS2]नगरों में रहना छोड़कर चट्टानों में रहने लगो. [QE][QS]और उस कबूतर समान हो जाओ, [QE][QS2]जो दुर्गम चट्टानों की लघु गुफा में घोंसला निर्मित करती है. [QE][PBR]
29. [QS]“हमने मोआब के अहंकार— [QE][QS2]उसकी उद्दंडता, उसके दर्प, उसके गर्व [QE][QS]तथा उसके मन के विषय में सुन लिया है, [QE][QS2]अत्यंत उग्र है उसका अहंकार. [QE]
30. [QS]मैं अच्छी रीति से समझता हूं उसकी तिलमिलाहट,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है, [QE][QS2]“किंतु निरर्थक है यह सब; उसकी खोखली गर्वोक्ति ने कुछ भी प्राप्‍त नहीं किया है. [QE]
31. [QS]इसलिये मैं मोआब के लिए विलाप करूंगा, [QE][QS2]पूरे मोआब के लिए होगा मेरा विलाप, [QE][QS2]कीर-हेरासेथ वासियों के लिए होगी मेरी कराहट. [QE]
32. [QS]सिबमाह की लता मैं, [QE][QS2]याज़र पर विलाप से अधिक तुम्हारे लिए विलाप करूंगा. [QE][QS]तुम्हारे लतातन्तु सागर पार तक तने हुए हैं; [QE][QS2]वे तो याज़र तक पहुंच चुके हैं. [QE][QS]तुम्हारे ग्रीष्मकालीन फलों की उपज [QE][QS2]तथा तुम्हारे द्राक्षा की उपज पर विनाशक बरस पड़ा है. [QE]
33. [QS]इसलिये मोआब के फलदायी उद्यान से [QE][QS2]उल्लास एवं आनंद समाप्‍त कर दिए गए हैं. [QE][QS]द्राक्षा रौंदने के कुंड से रस निकलना समाप्‍त हो गया है; [QE][QS2]कोई भी उन्हें उल्लास-स्वर के साथ न रौंदेगा. [QE][QS]जो ध्वनि होगी वह [QE][QS2]उल्लास-ध्वनि न होगी. [QE][PBR]
34. [QS]“हेशबोन में उठ रही चिल्लाहट से एलिआलेह तक [QE][QS2]हां, याहज़ तक उन्होंने अपना स्वर उठाया है, [QE][QS]ज़ोअर से होरोनयिम तक तथा एगलथ शलिशियाह तक, [QE][QS2]क्योंकि निमरीम की जल राशि समाप्‍त हो जाएगी. [QE]
35. [QS]मैं मोआब का अस्तित्व ही मिटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, [QE][QS2]जो पूजा-स्थल पर बलि अर्पण करता है [QE][QS2]तथा जो अपने-अपने देवताओं के लिए धूप जलाता है. [QE]
36. [QS]“इसलिये मोआब के लिए मेरा हृदय ऐसे विलाप करता है, जैसे विलापगान में बांसुरी; [QE][QS2]मेरा हृदय कीर-हेरासेथ के निवासियों के लिए बांसुरी के समान कराहता है. [QE][QS2]उन्होंने अपनी उपज का बहाव खो दिया है. [QE]
37. [QS]हर एक सिर शोक के कारण मुंडवाया हुआ [QE][QS2]तथा दाढ़ी क़तरी हुई है; [QE][QS]सभी के हाथ घावों से भरे हुए [QE][QS2]तथा हर एक ने कमर पर टाट लपेटा हुआ है. [QE]
38. [QS]मोआब के हर एक घर की छत पर [QE][QS2]तथा इसकी सड़कों पर [QE][QS]चहुंओर विलाप व्याप्‍त है, [QE][QS2]क्योंकि मैंने मोआब को उस बर्तन के सदृश तोड़ दिया है, [QE][QS2]जो तिरस्कृत है,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है. [QE]
39. [QS]“कैसा चूर-चूर हो चुका है यह! कैसा है उनका विलाप! [QE][QS2]मोआब ने लज्जा में कैसे अपनी पीठ इस ओर कर दी है! [QE][QS]अब मोआब उपहास का विषय होकर रह जाएगा, [QE][QS2]तथा निकटवर्ती सारे राष्ट्रों के समक्ष आतंक का विषय भी.” [QE]
40. [PS]क्योंकि यह याहवेह का संदेश है: [QE][QS]“तुम देखना! कोई गरुड़-सदृश द्रुत गति से उड़ेगा, [QE][QS2]और मोआब पर अपने पंख फैला देगा. [QE]
41. [QS]केरिओथ अधीन कर लिया गया [QE][QS2]तथा गढ़ों पर शत्रु का अधिकार हो गया है. [QE][QS]तब उस दिन मोआब के शूर योद्धाओं का हृदय ऐसा हो जाएगा, [QE][QS2]जैसे प्रसूता का. [QE]
42. [QS]मोआब विनष्ट होकर एक राष्ट्र न रह जाएगा [QE][QS2]क्योंकि वह याहवेह के समक्ष अहंकारी हो गया है. [QE]
43. [QS]मोआबवासियो, [QE][QS2]आतंक, गड्ढे तथा फंदे तुम्हारे लिए नियत हैं,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है. [QE]
44. [QS]“वह, जो आतंक से बचकर भागेगा, [QE][QS2]वह गड्ढे में जा गिरेगा, [QE][QS]वह, जो गड्ढे से बाहर निकल आएगा [QE][QS2]फंदे में जा फंसेगा; [QE][QS]क्योंकि मैं मोआब पर [QE][QS2]दंड का वर्ष ले आऊंगा,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है. [QE][PBR]
45. [QS]“हेशबोन की छाया में [QE][QS2]निर्बल शरणार्थी जा ठहरेंगे; [QE][QS]क्योंकि हेशबोन में से अग्नि फैल रही है, [QE][QS2]तथा सीहोन के मध्य से लपटें. [QE][QS]उसने मोआब के माथे को भस्म कर डाला है, [QE][QS2]साथ ही उनके कपाल भी, जो युद्ध में आनंद ले रहे थे. [QE]
46. [QS]धिक्कार है तुम पर मोआब! [QE][QS2]खेमोशवासी नष्ट हो चुके हैं; [QE][QS]क्योंकि तुम्हारे पुत्रों को बंदी बना लिया गया है [QE][QS2]और तुम्हारी पुत्रियां भी बन्दीत्व में चली गई हैं. [QE][PBR]
47. [QS]“फिर भी मैं मोआब की समृद्धि [QE][QS2]अंतिम दिनों में लौटा दूंगा,” [QE][QS2]यह याहवेह की वाणी है. [QE][PS]मोआब का दंड इतना ही होगा. [QE][PBR]
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मोआब के विरुद्ध नबूवत 1 मोआब के विषय में ज़आबोथ याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की वाणी यह है: “धिक्कार है नेबो पर, क्योंकि यह नष्ट हो चुका है. किरयथियों को लज्जित किया गया है, इसे अधीन कर लिया गया है; उच्चस्थ गढ़नगर को लज्जित कर दिया गया है. अब वह चूर-चूर हो चुका है. 2 मोआब की अब ख्याति धूल में जा पड़ी है; उन्होंने हेशबोन के विरुद्ध विपत्ति योजित की है: ‘आओ, हम राष्ट्र के रूप में उसका अस्तित्व ही मिटा दें.’ मदमेन तुम्हारा स्वर भी शांत कर दिया जाएगा; तलवार तुम्हारा पीछा करेगी. 3 होरोनयिम से विलाप सुनाई पड़ रहा है, विनाश और पूरा विध्वंस. 4 मोआब भंग हो चुका है; उसके बालक पीड़ा में विलाप कर रहे हैं. 5 वे लूहीत की चढ़ाई पर, सदा रोते हुए चढ़ते जाएंगे; क्योंकि उन्होंने होरोनयिम की ढाल पर विनाश का विलाप सुन लिया है. 6 अपने प्राण बचाकर भागो; कि तुम मरुभूमि में धूप चन्दन झाड़ी सदृश हो जाओ. 7 क्योंकि तुमने अपनी ही उपलब्धियों तथा अपनी ही निधियों पर भरोसा किया है, यहां तक कि तुम स्वयं भी बंदी बना लिए जाओगे, खेमोश बंदी किया जाएगा, तथा उसके साथ होंगे उसके पुरोहित तथा अधिकारी. 8 एक विनाशक हर एक नगर में जाएगा, एक भी नगर बच न सकेगा. घाटी भी नष्ट हो जाएगी तथा पठार भी कुछ न रहेगा, ठीक जैसी याहवेह की पूर्ववाणी थी. 9 मोआब को पंख प्रदान किए जाएं, कि वह उड़कर दूर चला जाए; क्योंकि उसके नगर उजाड़ हो जाएंगे, और कोई भी उनमें निवास न करेगा. 10 “शापित होगा वह व्यक्ति, जो याहवेह का कार्य उपेक्षा के भाव से करता है! तथा शापित वह भी होगा, जो अपनी तलवार को रक्तपात से बचाए रखता है! 11 “बचपन ही से मोआब सुख-शांति की अवस्था में रहा है, कभी उसकी शांति भंग नहीं की गई, जैसे द्राक्षालता अपनी भूमि में स्थित हो गई हो, उसे एक बर्तन से दूसरे में उंडेला नहीं गया, न उसने बंधुआई का ही अनुभव किया है. तब उसका स्वाद वही का वही है, उसकी सुगंध भी अपरिवर्तित बनी हुई है. 12 इसलिये यह देख लेना, कि वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं मोआब में उन्हें भेजा करूंगा, जो बर्तनों से रस उण्डेलते हैं, वे मोआब को उण्डेलेंगे; वे मोआब के बर्तन रिक्त कर देंगे और तब वे उसके बर्तनों को तोड़कर चूर-चूर कर देंगे. 13 खेमोश मोआब की लज्जा का कारण होगा, जिस प्रकार बेथेल इस्राएल वंश के लिए लज्जा का कारण हो गया था, जिस पर उन्होंने अत्यंत विश्वास किया था. 14 “तुम यह दावा कैसे कर रहे हो, ‘हम तो शूर योद्धा हैं, युद्ध के लिए हर प्रकार से सुयोग्य’? 15 मोआब नष्ट हो चुका है, इसके नगर नष्ट हो चुके हैं; इसके सर्वोत्तम जवान वध के लिए उतारे गए हैं,” यह राजा की वाणी है, जिनका नाम है सेनाओं का याहवेह. 16 “मोआब का विनाश तुरंत हो जाएगा; उसका विनाश निकट है. 17 तुम, जो उसके पड़ोसी हो, उसके लिए शोक मनाओ, तुम भी, जो उससे परिचित हो; यह कहते जाओ, ‘कैसे टूट गया दृढ़ राजदंड, वह, जो वैभवशाली राजदंड था!’ 18 “दीबोन निवासी पुत्री और अब अपने ऐश्वर्य से नीचे उतर आओ और आकर इस शुष्क भूमि पर बैठो, मोआब का विनाशक तुम्हें लक्ष्य करता हुआ आ पहुंचा है, वह तुम्हारे गढ़नगर नष्ट कर ही चुका है. 19 अरोअर वासियो, मार्ग के किनारे खड़े हो, सावधानीपूर्वक देखते रहो. उससे यह पूछो: जो भाग रहा है तथा उससे भी, जो बचकर निकल रहा है, ‘हुआ क्या है?’ 20 मोआब लज्जित है, क्योंकि इसे तोड़ दिया गया है. चिल्लाओ, विलाप करो! आरनोन के निकट जाकर घोषणा करो, कि मोआब विनष्ट किया जा चुका है. 21 मैदानी क्षेत्र पर भी अब दंड प्रभावी हो चुका है; होलोन, यहत्स, मेफाअथ, 2 दीबोन, नेबो, बेथ-दिबलाथाईम, 2 किरयथियों, बेथ-गामूल, बेथ-मिओन, 2 केरिओथ, बोज़राह तथा मोआब के दूरवर्ती एवं निकटवर्ती सभी नगर. 25 मोआब की शक्ति का प्रतीक सींग ही काट दिया गया है; तथा उसकी भुजा तोड़ दी गई है,” यह याहवेह की वाणी है. 26 “उसे मतवाला कर दो, क्योंकि उसने याहवेह के समक्ष अहंकार करके विद्रोह किया है. अब वह उस स्थिति में पहुंच जाएगा जब वह अपनी ही उल्टी में लोटता हुआ दिखाई देगा; और वह उपहास का विषय बन जाएगा. 27 क्या इस्राएल तुम्हारे लिए उपहास का विषय न बना था? अथवा क्या वह चोरों में से है, क्योंकि जब भी इस्राएल का उल्लेख होता है, तुम घृणाभाव से अपना सिर हिलाने लगते हो? 28 मोआबवासियो, नगरों में रहना छोड़कर चट्टानों में रहने लगो. और उस कबूतर समान हो जाओ, जो दुर्गम चट्टानों की लघु गुफा में घोंसला निर्मित करती है. 29 “हमने मोआब के अहंकार— उसकी उद्दंडता, उसके दर्प, उसके गर्व तथा उसके मन के विषय में सुन लिया है, अत्यंत उग्र है उसका अहंकार. 30 मैं अच्छी रीति से समझता हूं उसकी तिलमिलाहट,” यह याहवेह की वाणी है, “किंतु निरर्थक है यह सब; उसकी खोखली गर्वोक्ति ने कुछ भी प्राप्‍त नहीं किया है. 31 इसलिये मैं मोआब के लिए विलाप करूंगा, पूरे मोआब के लिए होगा मेरा विलाप, कीर-हेरासेथ वासियों के लिए होगी मेरी कराहट. 32 सिबमाह की लता मैं, याज़र पर विलाप से अधिक तुम्हारे लिए विलाप करूंगा. तुम्हारे लतातन्तु सागर पार तक तने हुए हैं; वे तो याज़र तक पहुंच चुके हैं. तुम्हारे ग्रीष्मकालीन फलों की उपज तथा तुम्हारे द्राक्षा की उपज पर विनाशक बरस पड़ा है. 33 इसलिये मोआब के फलदायी उद्यान से उल्लास एवं आनंद समाप्‍त कर दिए गए हैं. द्राक्षा रौंदने के कुंड से रस निकलना समाप्‍त हो गया है; कोई भी उन्हें उल्लास-स्वर के साथ न रौंदेगा. जो ध्वनि होगी वह उल्लास-ध्वनि न होगी. 34 “हेशबोन में उठ रही चिल्लाहट से एलिआलेह तक हां, याहज़ तक उन्होंने अपना स्वर उठाया है, ज़ोअर से होरोनयिम तक तथा एगलथ शलिशियाह तक, क्योंकि निमरीम की जल राशि समाप्‍त हो जाएगी. 35 मैं मोआब का अस्तित्व ही मिटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, जो पूजा-स्थल पर बलि अर्पण करता है तथा जो अपने-अपने देवताओं के लिए धूप जलाता है. 36 “इसलिये मोआब के लिए मेरा हृदय ऐसे विलाप करता है, जैसे विलापगान में बांसुरी; मेरा हृदय कीर-हेरासेथ के निवासियों के लिए बांसुरी के समान कराहता है. उन्होंने अपनी उपज का बहाव खो दिया है. 37 हर एक सिर शोक के कारण मुंडवाया हुआ तथा दाढ़ी क़तरी हुई है; सभी के हाथ घावों से भरे हुए तथा हर एक ने कमर पर टाट लपेटा हुआ है.
38 मोआब के हर एक घर की छत पर
तथा इसकी सड़कों पर चहुंओर विलाप व्याप्‍त है, क्योंकि मैंने मोआब को उस बर्तन के सदृश तोड़ दिया है, जो तिरस्कृत है,” यह याहवेह की वाणी है. 39 “कैसा चूर-चूर हो चुका है यह! कैसा है उनका विलाप! मोआब ने लज्जा में कैसे अपनी पीठ इस ओर कर दी है! अब मोआब उपहास का विषय होकर रह जाएगा, तथा निकटवर्ती सारे राष्ट्रों के समक्ष आतंक का विषय भी.” 40 क्योंकि यह याहवेह का संदेश है: “तुम देखना! कोई गरुड़-सदृश द्रुत गति से उड़ेगा, और मोआब पर अपने पंख फैला देगा. 41 केरिओथ अधीन कर लिया गया तथा गढ़ों पर शत्रु का अधिकार हो गया है. तब उस दिन मोआब के शूर योद्धाओं का हृदय ऐसा हो जाएगा, जैसे प्रसूता का. 42 मोआब विनष्ट होकर एक राष्ट्र न रह जाएगा क्योंकि वह याहवेह के समक्ष अहंकारी हो गया है. 43 मोआबवासियो, आतंक, गड्ढे तथा फंदे तुम्हारे लिए नियत हैं,” यह याहवेह की वाणी है. 44 “वह, जो आतंक से बचकर भागेगा, वह गड्ढे में जा गिरेगा, वह, जो गड्ढे से बाहर निकल आएगा फंदे में जा फंसेगा; क्योंकि मैं मोआब पर दंड का वर्ष ले आऊंगा,” यह याहवेह की वाणी है. 45 “हेशबोन की छाया में निर्बल शरणार्थी जा ठहरेंगे; क्योंकि हेशबोन में से अग्नि फैल रही है, तथा सीहोन के मध्य से लपटें. उसने मोआब के माथे को भस्म कर डाला है, साथ ही उनके कपाल भी, जो युद्ध में आनंद ले रहे थे. 46 धिक्कार है तुम पर मोआब! खेमोशवासी नष्ट हो चुके हैं; क्योंकि तुम्हारे पुत्रों को बंदी बना लिया गया है और तुम्हारी पुत्रियां भी बन्दीत्व में चली गई हैं. 47 “फिर भी मैं मोआब की समृद्धि अंतिम दिनों में लौटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है. मोआब का दंड इतना ही होगा.
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