1. {#1शिमओन की सीमा } [LS4] दूसरा पासा शिमओन गोत्र के नाम पड़ा, शिमओन वंशजों के कुलों के नाम, उनके परिवारों के अनुसार. उनकी मीरास यहूदाह गोत्रजों की मीरास के मध्य हो गई.
2. परिणामस्वरूप, मीरास के रूप में: [LE][LS]उन्हें बेअरशेबा अथवा शीबा,[* 1 इति 4:28 ] मोलादाह,
3. हाज़र-शूआल, बालाह, एज़ेम,
4. एलतोलद, बतूल, होरमाह,
5. ज़िकलाग, बेथ-मरकाबोथ, हाज़र-सूसाह,
6. बेथ-लबाओथ तथा शारूहेन; उनके गांवों सहित तेरह नगर. [LE]
7. [LS] एइन, रिम्मोन, एतेर तथा आशान; चार नगर उनके गांवों सहित.
8. इनके अतिरिक्त इन सभी नगरों के आस-पास के गांव भी, जो बालथ-बएर, नेगेव की सीमा तक फैले हुए थे. [LE][LS4]यह शिमओन गोत्र के कुलों की उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी.
9. शिमओन को दी गयी यह मीरास यहूदाह को दी गयी मीरास में से ली गई थी, क्योंकि यहूदाह को दिया गया क्षेत्र उनके लिए अत्यंत विशाल हो गया था. इस प्रकार शिमओन वंशजों ने यहूदाह की मीरास के मध्य अपनी मीरास प्राप्त की. [LE]
10. {#1ज़ेबुलून की सीमा } [LS4] पासा फेंकने पर तीसरा अंश ज़ेबुलून वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार निकला. [LE]उनकी मीरास की सीमा सारीद तक जा पहुंची.
11. इसके बाद सीमा पश्चिम में मरालाह की दिशा में बढ़ गई, तब इसने दब्बेशेथ का स्पर्श किया और फिर सीमा योकनआम की निकटवर्ती सरिता तक पहुंची.
12. तब सीमा सारीद से मुड़कर पूर्व में सूर्योदय की दिशा में आगे बढ़ते हुए किसलोथ-ताबोर को स्पर्श किया. यह आगे बढ़ी और दाबरथ तथा याफिया पहुंची.
13. वहां से यह पूर्व में सूर्योदय की दिशा में बढ़ती चली गई और गाथ-हेफ़ेर, एथ-काज़ीन पहुंची, और रिम्मोन की ओर बढ़ गई, जो नेआह तक विस्तृत है.
14. यह सीमा उत्तर में हन्नाथोन की परिक्रमा कर यिफतह-एल की घाटी में जाकर समाप्त हो गई. [LE]
15. [LS] इसमें कट्टाथ, नहलाल, शिम्रोन, यिदअला तथा बेथलेहेम भी सम्मिलित हैं; ये बारह नगर, इनके गांवों के साथ. [LE]
16. [LS4] ये नगर इनके गांवों के सहित ज़ेबुलून वंशजों को उनके परिवार के अनुसार प्राप्त मीरास थी. [LE]
17. {#1इस्साखार की सीमा } [LS4] चौथा पासा इस्साखार के पक्ष में पड़ा-यिस्साकार के गोत्र के पक्ष में, उसके परिवारों के अनुसार.
18. इसकी सीमा में था: [LE]येज़्रील तथा इसमें सम्मिलित थे कसुल्लोथ, शूनेम,
19. हफारयिम, सियोन, अनाहरथ,
20. रब्बीथ, किशयोन, एबेज़,
21. रेमेथ, एन-गन्नीम, एन-हद्दाह तथा बेथ-पत्सेत्स, [LE]
22. सीमा ताबोर, शहत्सीमा तथा बेथ-शेमेश पहुंची और उनकी सीमा यरदन पर जा समाप्त हो गई; [LE][LS]ये इनके गांवों के सहित सोलह नगर थे. [LE]
23. [LS4] ये नगर इनके गांवों के सहित इस्साखार गोत्र को उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी. [LE]
24. {#1आशेर की सीमा } [LS4] पांचवां पासा आशेर गोत्र के नाम उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
25. उनकी सीमा थी, [LE]हेलकथ, हली, बेटेन, अकशाफ,
26. अलम्मेलेख, अमआद तथा मिशआल; यह पश्चिम में कर्मेल तथा शीहोर-लिबनाथ तक पहुंची थी.
27. तब यह पूर्व की ओर बेथ-दागोन की ओर मुड़कर ज़ेबुलून पहुंच गई और वहां से यिफतह-एल घाटी को और फिर उत्तर की ओर बेथ-एमेक तथा नईएल को; वहां से यह उत्तर में काबूल
28. एबदोन, रेहोब, हम्मोन तथा कानाह होते हुए बढ़कर वृहत्तर सीदोन पहुंचती है.
29. वहां सीमा रामाह तथा गढ़नगर सोर की ओर बढ़ती है, फिर यह सीमा होसाह की ओर बढ़ती है और अंततः अकज़ीब क्षेत्र में समुद्र पर जाकर समाप्त हो जाती है.
30. तब इसमें उमाह, अफेक तथा रेहोब, [LE][LS]भी सम्मिलित थे; बाईस नगर जिनके साथ सम्मिलित थे इनके गांव. [LE]
31. [LS4] यह आशेर गोत्र को, उनके परिवारों के अनुसार दी गयी मीरास थी; ये नगर तथा उनके साथ इनके गांव भी. [LE]
32. {#1नफताली की सीमा } [LS4] छठा पासा नफताली वंशजों के पक्ष में पड़ा; नफताली वंशजों के लिए उनके परिवारों के अनुसार. [LE]
33. उनकी सीमा प्रारंभ हुई थी हेलेफ से, सानन्नीम के बांज वृक्ष से अदामी-नेकेब, यबनेएल से लेकर लक्कूम तक और यरदन नदी पर जाकर समाप्त हो गई.
34. उसके बाद सीमा पश्चिम में अज़नोथ-ताबोर की ओर मुड़ गई और बढ़ते हुए वहां से हूक्कोक पहुंची. वहां से वह ज़ेबुलून की ओर बढ़ी, जो दक्षिण में है. वहां उसने पश्चिम में आशेर को स्पर्श किया तथा पूर्व में यरदन तटवर्ती यहूदिया को. [LE]
35. वहां ये गढ़नगर थे: ज़िद्दीम, ज़ेर, हम्माथ, रक्कथ, किन्नेरेथ,
36. अदामा, रामाह, हाज़ोर,
37. केदेश, एद्रेइ, एन-हाज़ेर,
38. यिरओन, मिगदल-एल, होरेम, बेथ-अनात तथा बेथ-शेमेश; [LE]इनके गांवों सहित ये उन्नीस नगर. [LE]
39. [LS4] यह उनके परिवारों के अनुसार नफताली गोत्र को दी गयी मीरास थी; ये सभी नगर, उनके गांवों के साथ. [LE]
40. {#1दान की सीमा } [LS4] सातवां पासा दान गोत्र के कुलों के पक्ष में उनके परिवारों के अनुसार पड़ा.
41. उनकी मीरास की सीमा थी: [LE][LS]ज़ोराह तथा एशताओल, ईर-शेमेश,
42. शअलब्बीन, अय्जालोन, यिथला,
43. एलोन, तिमनाह, एक्रोन,
44. एलतकेह, गिब्बथोन, बालाथ,
45. येहुद, बेने-बरक, गथ-रिम्मोन,
46. मे-यरकोन अर्थात् यरकोन की जल राशि, रक्कोन तथा योप्पा से लगी हुई सीमा. [LE]
47. [LS4] (दान के वंशजों की सीमा इनके भी आगे गई है; क्योंकि दान वंशजों ने लेशेम पर आक्रमण किया और उसे अधीन कर लिया. तत्पश्चात उन्होंने उस पर तलवार का प्रहार किया, उन पर अधिकार कर वे उसमें बस गए और उसे अपने पूर्वज के नाम के आधार पर लेशेम-दान नाम दिया.) [LE]
48. [LS4] ये नगर उनके गांवों के साथ दान के गोत्र की, उनके परिवारों के अनुसार उनकी मीरास हो गए. [LE]
49. {#1यहोशू की सीमा } [LS] जब मीरास के लिए सीमा के अनुसार बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण हो गई, इस्राएल वंशजों ने नून के पुत्र यहोशू को अपने मध्य एक मीरास प्रदान की.
50. याहवेह के आदेश के अनुसार उन्होंने यहोशू को वही नगर प्रदान किया, जिसकी उन्होंने याचना की थी—एफ्राईम के पर्वतीय प्रदेश में तिमनथ-सेरह[† दूसरा नाम तिमनथ-हेरेस (प्रशा 2:9 देखिये) ]. यहोशू ने इस नगर का निर्माण किया और वहीं बस गए. [LE][PBR]
51. [LS4] ये ही हैं वे क्षेत्र, जो पुरोहित एलिएज़र, नून के पुत्र यहोशू तथा इस्राएल वंशजों के गोत्रों के परिवारों के प्रधानों ने शीलो में याहवेह के समक्ष मिलनवाले तंबू के प्रवेश पर आवंटित की. इस प्रकार समस्त भूमि का विभाजन सम्पन्न हो गया. [LE]