1. {#1मसीह में विश्वास की धार्मिकता } [PS]इसलिये, प्रिय भाई बहनो, प्रभु में आनंदित रहो. इस विषय पर तुम्हें दोबारा लिखने से मुझे कष्ट नहीं होता परंतु यह तुम्हारी सुरक्षा की योजना है.
2. कुत्तों, बुरे काम करनेवालों तथा अंगों के काट-कूट करनेवालों से सावधान रहो.
3. क्योंकि वास्तविक ख़तना वाले हम ही हैं, जो परमेश्वर के आत्मा में आराधना करते, मसीह येशु पर गर्व करते तथा शरीर संबंधी कामों पर निर्भर नहीं रहते
4. यद्यपि स्वयं मेरे पास शरीर पर भी निर्भर रहने का कारण हो सकता था. [PE][PS]यदि किसी की यह धारणा है कि उसके लिए शरीर पर भरोसा करने का कारण है तो मेरे पास तो कहीं अधिक है:
5. आठवें दिन ख़तना, इस्राएली राष्ट्रीयता, बिन्यामिन का गोत्र, इब्रियों में से इब्री, व्यवस्था के अनुसार फ़रीसी;
6. उन्माद[* उन्माद अत्यधिक अनुराग, उत्साहपूर्ण लगन. ] में कलीसिया का सतानेवाला और व्यवस्था में बताई गई धार्मिकता के मापदंडों के अनुसार, निष्कलंक. [PE]
7. [PS]जो कुछ मेरे लिए लाभदायक था, मैंने उसे मसीह के लिए अपनी हानि मान लिया है.
8. इससे कहीं अधिक बढ़कर मसीह येशु मेरे प्रभु को जानने के उत्तम महत्व के सामने मैंने सभी वस्तुओं को हानि मान लिया है—वास्तव में मैंने इन्हें कूड़ा मान लिया है कि मैं मसीह को प्राप्त कर सकूं और मैं उनमें स्थिर हो जाऊं, जिनके लिए मैंने सभी वस्तुएं खो दीं हैं.
9. अब मेरी अपनी धार्मिकता वह नहीं जो व्यवस्था के पालन से प्राप्त होती है परंतु वह है, जो मसीह में विश्वास द्वारा प्राप्त होती है—परमेश्वर की ओर से विश्वास की धार्मिकता.
10. ताकि मैं उनकी मृत्यु की समानता में होकर उन्हें, उनके पुनरुत्थान का सामर्थ्य तथा उनकी पीड़ा की सहभागिता को जानूं,
11. कि मैं, किसी रीति से, मरे हुओं के पुनरुत्थान का भागी बन जाऊं. [PE]
12. [PS]इसका अर्थ यह नहीं कि मुझे यह सब उपलब्ध हो चुका है या मैंने सिद्धता प्राप्त कर ली है, परंतु मैं कोशिश के साथ आगे बढ़ता चला जा रहा हूं कि मुझे वह प्राप्त हो जाए, जिसके लिए मसीह येशु ने मुझे पकड़ लिया है.
13. मेरे भाइयों और बहनों, मेरे विचार से मैं इसे अब तक पा नहीं सका हूं किंतु हां, मैं यह अवश्य कर रहा हूं: बीती बातों को भुलाते हुए, आगे की ओर बढ़ते हुए,
14. मसीह येशु में परमेश्वर की स्वर्गीय बुलावे के ईनाम को प्राप्त करने के लिए निशाने की ओर बढ़ता जाता हूं. [PE]
15. {#1स्वर्ग की नागरिकता } [PS]इसलिये हममें से जितने भी आत्मिक क्षेत्र में सिद्ध कहलाते हैं, उनका भी यही विचार हो; किंतु यदि किसी विषय में तुम्हारा मानना अलग है, परमेश्वर उसे तुम पर प्रकट कर देंगे.
16. फिर भी हमारा स्वभाव उसी नमूने के अनुसार हो, जहां तक हम पहुंच चुके हैं. [PE]
17. [PS]प्रिय भाई बहनो, अन्यों के साथ मिलकर मेरी सी चाल चलो और उनको पहचानो जिनका स्वभाव उस आदर्श के अनुसार है, जो तुम हममें देखते हो.
18. बहुत हैं जिनके विषय में मैंने पहले भी स्पष्ट किया है और अब आंसू बहाते हुए प्रकट कर रहा हूं कि वे मसीह के क्रूस के शत्रु होकर जीते हैं.
19. नाश होना ही उनका अंत है, उनका पेट ही उनका ईश्वर है, वे अपनी निर्लज्जता पर गौरव करते हैं, उन्होंने अपना मन पृथ्वी की वस्तुओं में लगा रखा है.
20. इसके विपरीत हमारी नागरिकता स्वर्ग में है, जहां से उद्धारकर्ता प्रभु येशु मसीह के आने का हम उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं.
21. मसीह येशु अपने उसी सामर्थ्य के प्रयोग के द्वारा, जिससे उन्होंने हर एक वस्तु को अपने अधीन किया है, हमारे कमजोर नश्वर शरीर का रूप बदलकर अपने महिमा के शरीर के समान कर देंगे. [PE]