1. {#3राजा लमूएल के नीति सूत्र }
2. [PS]ये राजा लमूएल द्वारा प्रस्तुत नीति सूत्र हैं, जिनकी शिक्षा उन्हें उनकी माता द्वारा दी गई थी. [PE][QS]सुन, मेरे पुत्र! सुन, मेरे ही गर्भ से जन्मे पुत्र! [QE][QS2]सुन, मेरी प्रार्थनाओं के प्रत्युत्तर पुत्र! [QE]
3. [QS]अपना पौरुष स्त्रियों पर व्यय न करना और न अपने संसाधन उन पर लुटाना, [QE][QS2]जिन्होंने राजाओं तक के अवपात में योग दिया है. [QE][PBR]
4. [QS]लमूएल, यह राजाओं के लिए कदापि उपयुक्त नहीं है, [QE][QS2]दाखमधु राजाओं के लिए सुसंगत नहीं है, [QE][QS2]शासकों के लिए मादक द्रव्यपान भला नहीं होता. [QE]
5. [QS]ऐसा न हो कि वे पीकर कानून को भूल जाएं, [QE][QS2]और दीन दलितों से उनके अधिकार छीन लें. [QE]
6. [QS]मादक द्रव्य उन्हें दो, जो मरने पर हैं, [QE][QS2]दाखमधु उन्हें दो, जो घोर मन में उदास हैं! [QE]
7. [QS]वे पिएं तथा अपनी निर्धनता को भूल जाएं [QE][QS2]और उन्हें उनकी दुर्दशा का स्मरण न आएं. [QE][PBR]
8. [QS]उनके पक्ष में खड़े होकर उनके लिए न्याय प्रस्तुत करो, [QE][QS2]जो अपना पक्ष प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं. [QE]
9. [QS]निडरतापूर्वक न्याय प्रस्तुत करो और बिना पक्षपात न्याय दो; [QE][QS2]निर्धनों और निर्धनों के अधिकारों की रक्षा करो. [QE]
10. {#3आदर्श पत्नी का गुणगान }{आलेफ़ } [QS]किसे उपलब्ध होती है उत्कृष्ट, गुणसंपन्न पत्नी? [QE][QS2]उसका मूल्य रत्नों से कहीं अधिक बढ़कर है. [QE]
11. {बैथ } [QS]उसका पति उस पर पूर्ण भरोसा करता है [QE][QS2]और उसके कारण उसके पति का मूल्य अपरिमित होता है. [QE]
12. {गिमेल } [QS]वह आजीवन अपने पति का हित ही करती है, [QE][QS2]बुरा कभी नहीं. [QE]
13. {दालेथ } [QS]वह खोज कर ऊन और पटसन ले आती है [QE][QS2]और हस्तकार्य में उसकी गहरी रुचि है. [QE]
14. [QS]व्यापारिक जलयानों के समान, [QE][QS2]वह दूर-दूर जाकर भोज्य वस्तुओं का प्रबंध करती है. [QE]
15. {वाव } [QS]रात्रि समाप्त भी नहीं होती, कि वह उठ जाती है; [QE][QS2]और अपने परिवार के लिए भोजन का प्रबंध करती [QE][QS2]तथा अपनी परिचारिकाओं को उनके काम संबंधी निर्देश देती है. [QE]
16. {ज़ईन } [QS]वह जाकर किसी भूखण्ड को परखती है और उसे मोल ले लेती है; [QE][QS2]वह अपने अर्जित धन से द्राक्षावाटिका का रोपण करती है. [QE]
17. {ख़ेथ } [QS]वह कमर कसकर तत्परतापूर्वक कार्य में जुट जाती है; [QE][QS2]और उसकी बाहें सशक्त रहती हैं. [QE]
18. {टेथ } [QS]उसे यह बोध रहता है कि उसका लाभांश ऊंचा रहे, [QE][QS2]रात्रि में भी उसकी समृद्धि का दीप बुझने नहीं पाता. [QE]
19. {योध } [QS]वह चरखे पर कार्य करने के लिए बैठती है [QE][QS2]और उसके हाथ तकली पर चलने लगते हैं. [QE]
20. {काफ़ } [QS]उसके हाथ निर्धनों की ओर बढ़ते हैं [QE][QS2]और वह निर्धनों की सहायता करती है. [QE]
21. {लामेध } [QS]शीतकाल का आगमन उसके परिवार के लिए चिंता का विषय नहीं होता; [QE][QS2]क्योंकि उसके समस्त परिवार के लिए पर्याप्त ऊनी वस्त्र तैयार रहते हैं. [QE]
22. {मेम } [QS]वह अपने लिए बाह्य ऊनी वस्त्र भी तैयार रखती है; [QE][QS2]उसके सभी वस्त्र उत्कृष्ट तथा भव्य ही होते हैं. [QE]
23. {नून } [QS]जब राज्य परिषद का सत्र होता है, [QE][QS2]तब प्रमुखों में उसका पति अत्यंत प्रतिष्ठित माना जाता है. [QE]
24. {सामेख } [QS]वह पटसन के वस्त्र बुनकर उनका विक्रय कर देती है, [QE][QS2]तथा व्यापारियों को दुपट्टे बेचती है. [QE]
25. {अयिन } [QS]वह शक्ति और सम्मान धारण किए हुए है; [QE][QS2]भविष्य की आशा में उसका उल्लास है. [QE]
26. {पे } [QS]उसके मुख से विद्वत्तापूर्ण वचन ही बोले जाते हैं, [QE][QS2]उसके वचन कृपा-प्रेरित होते हैं. [QE]
27. {त्सादे } [QS]वह अपने परिवार की गतिविधि पर नियंत्रण रखती है [QE][QS2]और आलस्य का भोजन उसकी चर्या में है ही नहीं. [QE]
28. {क़ौफ़ } [QS]प्रातःकाल उठकर उसके बालक उसकी प्रशंसा करते हैं; [QE][QS2]उसका पति इन शब्दों में उसकी प्रशंसा करते नहीं थकता: [QE]
29. {रेश } [QS]“अनेक स्त्रियों ने उत्कृष्ट कार्य किए हैं, [QE][QS2]किंतु तुम उन सबसे उत्कृष्ट हो.” [QE]
30. {शीन } [QS]आकर्षण एक झूठ है और सौंदर्य द्रुत गति से उड़ जाता है; [QE][QS2]किंतु जिस स्त्री में याहवेह के प्रति श्रद्धा विद्यमान है, वह प्रशंसनीय रहेगी. [QE]
31. {ताव } [QS]उसके परिश्रम का श्रेय उसे दिया जाए, [QE][QS2]और उसके कार्य नगर में घोषित किए जाएं. [QE]