पवित्र बाइबिल

समकालीन संस्करण खोलें (OCV)
भजन संहिता
1. [QS]याहवेह का धन्यवाद करो, क्योंकि वे भले हैं, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
2. [QS]परम परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो. [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
3. [QS]उनके प्रति, जो प्रधानों के प्रधान हैं, आभार अभिव्यक्त करो: [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
4. [QS]उनके प्रति, जिनके अतिरिक्त अन्य कोई अद्भुत कार्य कर ही नहीं सकता, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
5. [QS]जिन्होंने अपनी सुबुद्धि से स्वर्ग का निर्माण किया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
6. [QS]जिन्होंने जल के ऊपर पृथ्वी का विस्तार कर दिया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
7. [QS]जिन्होंने प्रखर प्रकाश पुंजों की रचना की, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
8. [QS]दिन के प्रभुत्व के लिए सूर्य का, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
9. [QS]रात्रि के लिए चंद्रमा और तारों का; [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
10. [QS]उन्हीं के प्रति, जिन्होंने मिस्र देश के पहलौठों की हत्या की, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
11. [QS]और उनके मध्य से इस्राएल राष्ट्र को बाहर निकाल लिया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
12. [QS]सशक्त भुजा और ऊंची उठी हुई बांह के द्वारा; [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
13. [QS]उन्हीं के प्रति, जिन्होंने लाल सागर को विभक्त कर दिया था [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
14. [QS]और उसके मध्य की भूमि से इस्राएलियों को पार करवा दिया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
15. [QS]किंतु फ़रोह और उसकी सेना को सागर ही में डुबो दिया; [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
16. [QS]उन्हीं के प्रति, जिन्होंने अपनी प्रजा को बंजर भूमि से पार कराया; [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
17. [QS]जिन्होंने प्रख्यात राजाओं की हत्या की, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
18. [QS]जिन्होंने सशक्त राजाओं का वध कर दिया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
19. [QS]अमोरियों के राजा सीहोन का, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
20. [QS]बाशान के राजा ओग का, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
21. [QS]तथा उनकी भूमि निज भाग में दे दी, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
22. [QS]अपने सेवक इस्राएल को, निज भाग में दे दी, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
23. [QS]उन्हीं के प्रति, जिन्होंने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
24. [QS]और हमें हमारे शत्रुओं से मुक्त किया, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
25. [QS]जो सब प्राणियों के आहार का प्रबंध करते हैं, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE][PBR]
26. [QS]स्वर्गिक परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो, [QE][QRS]सनातन है उनकी करुणा. [QRE]
Total 150 अध्याय, Selected अध्याय 136 / 150
1 याहवेह का धन्यवाद करो, क्योंकि वे भले हैं, सनातन है उनकी करुणा. 2 परम परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो. सनातन है उनकी करुणा. 3 उनके प्रति, जो प्रधानों के प्रधान हैं, आभार अभिव्यक्त करो: सनातन है उनकी करुणा. 4 उनके प्रति, जिनके अतिरिक्त अन्य कोई अद्भुत कार्य कर ही नहीं सकता, सनातन है उनकी करुणा. 5 जिन्होंने अपनी सुबुद्धि से स्वर्ग का निर्माण किया, सनातन है उनकी करुणा. 6 जिन्होंने जल के ऊपर पृथ्वी का विस्तार कर दिया, सनातन है उनकी करुणा. 7 जिन्होंने प्रखर प्रकाश पुंजों की रचना की, सनातन है उनकी करुणा. 8 दिन के प्रभुत्व के लिए सूर्य का, सनातन है उनकी करुणा. 9 रात्रि के लिए चंद्रमा और तारों का; सनातन है उनकी करुणा. 10 उन्हीं के प्रति, जिन्होंने मिस्र देश के पहलौठों की हत्या की, सनातन है उनकी करुणा. 11 और उनके मध्य से इस्राएल राष्ट्र को बाहर निकाल लिया, सनातन है उनकी करुणा. 12 सशक्त भुजा और ऊंची उठी हुई बांह के द्वारा; सनातन है उनकी करुणा. 13 उन्हीं के प्रति, जिन्होंने लाल सागर को विभक्त कर दिया था सनातन है उनकी करुणा. 14 और उसके मध्य की भूमि से इस्राएलियों को पार करवा दिया, सनातन है उनकी करुणा. 15 किंतु फ़रोह और उसकी सेना को सागर ही में डुबो दिया; सनातन है उनकी करुणा. 16 उन्हीं के प्रति, जिन्होंने अपनी प्रजा को बंजर भूमि से पार कराया; सनातन है उनकी करुणा. 17 जिन्होंने प्रख्यात राजाओं की हत्या की, सनातन है उनकी करुणा. 18 जिन्होंने सशक्त राजाओं का वध कर दिया, सनातन है उनकी करुणा. 19 अमोरियों के राजा सीहोन का, सनातन है उनकी करुणा. 20 बाशान के राजा ओग का, सनातन है उनकी करुणा. 21 तथा उनकी भूमि निज भाग में दे दी, सनातन है उनकी करुणा. 22 अपने सेवक इस्राएल को, निज भाग में दे दी, सनातन है उनकी करुणा. 23 उन्हीं के प्रति, जिन्होंने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली, सनातन है उनकी करुणा. 24 और हमें हमारे शत्रुओं से मुक्त किया, सनातन है उनकी करुणा. 25 जो सब प्राणियों के आहार का प्रबंध करते हैं, सनातन है उनकी करुणा. 26 स्वर्गिक परमेश्वर के प्रति आभार अभिव्यक्त करो, सनातन है उनकी करुणा.
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