1. [QS]याहवेह, मैं हृदय की गहराई से आपका स्तवन करूंगा; [QE][QS2]मैं “देवताओं” के सामने आपका स्तवन करूंगा. [QE]
2. [QS]आपके पवित्र मंदिर की ओर मुख कर मैं नतमस्तक हूं, [QE][QS2]आपके करुणा-प्रेम के लिए; आपकी सच्चाई के लिए मैं [QE][QS2]आपके नाम का आभार मानता हूं; [QE][QS]आपने अपने वचन को अपनी महिमा [QE][QS2]के भी ऊपर ऊंचा किया है. [QE]
3. [QS]जिस समय मैंने आपको पुकारा, आपने प्रत्युत्तर दिया; [QE][QS2]आपने मेरे प्राणों में बल के संचार से धैर्य दिया. [QE][PBR]
4. [QS]पृथ्वी के समस्त राजा, याहवेह, आपके कृतज्ञ होंगे, [QE][QS2]क्योंकि उन्होंने आपके मुख से निकले वचन सुने हैं, [QE]
5. [QS]वे याहवेह की नीतियों का गुणगान करेंगे, [QE][QS2]क्योंकि याहवेह का तेज बड़ा है. [QE][PBR]
6. [QS]यद्यपि याहवेह स्वयं महान हैं, वह नगण्यों का ध्यान रखते हैं; [QE][QS2]किंतु अहंकारी को वह दूर से ही पहचान लेते हैं. [QE]
7. [QS]यद्यपि इस समय मेरा विषम समय चल रहा है, [QE][QS2]आप मेरे जीवन के रक्षक हैं. [QE][QS]आप ही अपना हाथ बढ़ाकर मेरे शत्रुओं के प्रकोप से मेरी रक्षा करते हैं; [QE][QS2]आपका दायां हाथ मेरा उद्धार करता है. [QE]
8. [QS]याहवेह मेरे लिए निर्धारित उद्देश्य को पूरा करेंगे; [QE][QS2]याहवेह, सर्वदा है आपका करुणा-प्रेम. [QE][QS2]अपनी ही हस्तकृति का परित्याग न कीजिए. [QE]