1. [QS]महान हैं याहवेह, हमारे परमेश्वर के नगर में, [QE][QS2]उनके पवित्र पर्वत में, सर्वोच्च वंदना और प्रशंसा के योग्य. [QE][PBR]
2. [QS]मनोहर हैं इसके शिखर, [QE][QS2]जिसमें समस्त पृथ्वी आनन्दमग्न है, [QE][QS]ज़ियोन पर्वत उत्तर के उच्च पर्वत ज़ेफोन के समान है, [QE][QS2]जो राजाधिराज का नगर है. [QE]
3. [QS]इसके राजमहलों में परमेश्वर निवास करते हैं; [QE][QS2]उन्होंने स्वयं को इसका गढ़ प्रमाणित कर दिया है. [QE][PBR]
4. [QS]जब राजाओं ने अपनी सेनाएं संयुक्त की, [QE][QS2]जब उन्होंने इस पर आक्रमण किया, [QE]
5. [QS]तब वे इसे देख चकित रह गए; [QE][QS2]वे भयभीत हो भाग खड़े हुए. [QE]
6. [QS]भय के कारण उन्हें वहां ऐसी कंपकंपी होने लगी, [QE][QS2]जैसी प्रसव पीड़ा में प्रसूता को होती है. [QE]
7. [QS]आपने उनका ऐसा विध्वंस किया, [QE][QS2]जैसे तरशीश के जलयानों का पूर्वी हवा के कारण हुआ था. [QE][PBR]
8. [QS]जैसा हमने सुना था, [QE][QS2]और जैसा हमने देखा है [QE][QS]सर्वशक्तिमान याहवेह के नगर में, [QE][QS2]हमारे परमेश्वर के नगर में: [QE][QS]परमेश्वर उसे सर्वदा महिमा [QE][QS2]प्रदान करेंगे. [QE][PBR]
9. [QS]परमेश्वर, आपके मंदिर में, [QE][QS2]हमने आपके करुणा-प्रेम पर चिंतन किया है. [QE]
10. [QS]जैसी आपकी महिमा है, [QE][QS2]वैसी ही आपकी स्तुति-प्रशंसा भी पृथ्वी के छोर तक पहुंच रही है; [QE][QS2]आपका दायां हाथ धार्मिकता से भरा है. [QE]
11. [QS]ज़ियोन पर्वत उल्लसित है, [QE][QS2]यहूदाह प्रदेश के नगर आपके निष्पक्ष [QE][QS2]न्याय के कारण हर्षित हो रहे हैं. [QE][PBR]
12. [QS]ज़ियोन की परिक्रमा करते हुए, [QE][QS2]उसके स्तंभों की गणना करो. [QE]
13. [QS]उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, [QE][QS2]उसके महलों का भ्रमण करो, [QE][QS]कि तत्पश्चात तुम अगली पीढ़ी [QE][QS2]को इनके विषय में बता सको. [QE][PBR]
14. [QS]यही हैं वह परमेश्वर, जो युगानुयुग के लिए हमारे परमेश्वर हैं; [QE][QS2]वही अंत तक हमारी अगुवाई करते रहेंगे. [QE]